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एमपी के चुनावी मैदान में क्या रिकार्ड बनाएंगे ये नेता, बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है ये सीट - MP BJP Leaders all set for record

वैसे तो मध्य प्रदेश में बीजेपी की स्थिति बहुत मजबूत है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की 28 में से 29 सीटों में जीत हासिल की थी. इस बार बीजेपी पूरी 29 सीट जीतने का दावा कर रही है. वहीं प्रदेश की कुछ सीटें ऐसी है, जिन पर माना जा रहा है कि बीजेपी के नेताओं की जीत पक्की है, वे बस रिकार्ड की ओर अपने कदम बढ़ाने मैदान में उतरे हैं. पढ़िए रिकार्ड बनाने मैदान में कौन-कौन से नेता उतरे हैं.

MP BJP Leaders all set for record
एमपी के चुनावी मैदान में क्या रिकार्ड बनाएंगे ये नेता, बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है ये सीट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 9, 2024, 6:47 PM IST

भोपाल। एमपी में 29 सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में जुटी बीजेपी के वो कौन से नेता हैं, जो जीत हार से कहीं आगे रिकार्ड के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इनके चुनावी मुकाबले का नतीजा जीत हार से नहीं होगा, इस बात से होगा कि इन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी को कितने बडे़ अंतर से हराया है. एमपी के वो दिग्गज नेता जो जीत का अंतर बढ़ाने मैदान में उतरे हैं. ये बेशक ओवर कॉन्फिडेंस का मसला कहा जा सकता है, लेकिन इन दिग्गज नेताओं का दम कह रहा है कि जीत तो तय है आप तो जीत का रिकार्ड देखिए.

नेता जो हैं पार्टी में जीत की गारंटी

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो बीजेपी में जीत की गारंटी माने जाते हैं. एमपी में बीजेपी की हैट्रिक बनाने में चेहरा शिवराज सिंह चौहान का ही रहा है. जाहिर है 2005 में छोड़ी गई विदिशा लोकसभा सीट पर लौटे शिवराज अपनी दूसरी सियासी पारी भी धमाकेदार ही चाहेंगे. 2004 तक विदिशा सीट से सांसद रहे शिवराज बीस साल बाद उसी मैदान में लौटे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित सीट गिनी जाने वाली विदिशा से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज ने भी चुनाव लड़ा. यहां के मतदाता ने बीजेपी को निराश नहीं किया. यहां जीत का अंतर भी लंबा ही रहता है.

MP BJP Leaders all set for record
विदिशा में शिवराज सिंह का प्रचार

बीते लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के टिकट पर जीते रमाकांत भार्गव पांच लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे. विदिशा लोकसभा में सात-एक का अनुपात है. सात सीटें बीजेपी के पास हैं और एक कांग्रेस के पास. जीत की मजबूत आश्वस्ति के बाद भी शिवराज गांव-गांव में जनसभाएं कर रहे हैं. जहां समर्थक मंच से एक ही बात दोहराते हैं कि जीतने नहीं जीत का बड़ा रिकार्ड बनाने शिवराज मामा चुनाव मैदान में उतरे हैं.

वीडी जीत निश्चित बस रिकार्ड बढ़ाने प्रचार

जिस तरह से सपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द हुआ. उसके बाद से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा की जीत निश्चित मानी जा रही है. 2019 में खजुराहो सीट से लड़े अपने पहले ही चुनाव में वीडी शर्मा ने चार लाख 92 हजार से जीत दर्ज की थी. वैसे ये सीट हमेशा से बीजेपी का गढ़ रही है. इस समय भी खजुराहो की आठों विधानसभा सीटों पर कमल ही खिला हुआ है. वीडी शर्मा अब खजुराहो सीट पर प्रचार केवल अपनी जीत का अंतर बढ़ाने की ओर बढ़ रहे हैं.

MP BJP Leaders all set for record
वीडी शर्मा की चुनावी सभा

सिंधिया...पुराने हिसाब बराबर करने हैं

यूं समझिए 2019 में गुना संसदीय सीट पर मिली हार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियसी सीन ही बदल दिया. एक हार का इतना असर कि सिंधिया ने पार्टी बदल डाली. ये चुनाव सिंधिया के लिए खोई साख लौटाने के साथ पुराने हिसाब बराबर करने का भी चुनाव है. बीते चुनाव में वे अपने समर्थक केपी यादव से चुनाव हारे थे. सिंधिया इस चुनाव में पूरे समय जनसभाएं और जनसंपर्क में जुटे हुए हैं. 2002 में इसी गुना सीट पर उपचुनाव में उतरे सिंधिया 2019 तक एक चुनाव भी नहीं हारे, लेकिन 2019 की हार का झटका बड़ा था. यहां कांग्रेस ने राव यादवेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है. सिंधिया किसी ओवर कॉन्फिडेंस में ही हैं, लिहाजा पूरा समय क्षेत्र में डटे हुए हैं.

MP BJP Leaders all set for record
चुनावी मैदान में सिंधिया

इंदौर में कैलाश का आठ लाख का दावा

इंदौर में बीजेपी ने एक बार फिर से शंकर लालवानी को ही चुनाव के मैदान में उतारा है. बीते चुनाव में लालवानी पांच लाख 47 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि इंदौर में बीजेपी उम्मीदवार की जीत आठ लाख के अंतर से होगी, यानि वे ये मानकर चल रहे हैं कि जीत निश्चित है, केवल जीत का अंतर बढ़ाना है. इंदौर में शंकर लालवानी के मुकाबले में पार्टी ने अक्षय बम को अपना उम्मीदवार बनाया है.

क्या दोहराया जाएगा प्रदेश की सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड

2019 के लोकसभा चुनाव में एमपी में सबसे बड़ी जीत होशंगाबाद लोकसभा सीट पर हुई थी. यहां से मौजूदा मंत्री और पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह पांच लाख 53 हजार मतों से चुनाव जीते थे. बीजेपी ने इस बार दर्शन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस से पूर्व विधायक संजय शर्मा को मैदान में उतारा गया है. दर्शन संह के सामने पुराने रिकार्ड तक पहुंचने की चुनौती है.

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इन दिग्गजों के रिकार्ड से बढ़ेगी राजनीति

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं शिवराज सिंह चौहान से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीडी शर्मा तक एमपी के इन दिग्गज नेताओं के लिए चुनौती ये है कि जनता में इनकी स्वीकार्यता का ग्राफ कितना बड़ा है. असल में ये नेता जीत हार से कहीं आगे अब जीत कितनी बड़ी हो, इसके लिए चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं. जाहिर है बड़ी हुई जीत इनकी आगे की सियासी पारी में भी लाचिंग पैड बनेगी.

भोपाल। एमपी में 29 सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में जुटी बीजेपी के वो कौन से नेता हैं, जो जीत हार से कहीं आगे रिकार्ड के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इनके चुनावी मुकाबले का नतीजा जीत हार से नहीं होगा, इस बात से होगा कि इन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी को कितने बडे़ अंतर से हराया है. एमपी के वो दिग्गज नेता जो जीत का अंतर बढ़ाने मैदान में उतरे हैं. ये बेशक ओवर कॉन्फिडेंस का मसला कहा जा सकता है, लेकिन इन दिग्गज नेताओं का दम कह रहा है कि जीत तो तय है आप तो जीत का रिकार्ड देखिए.

नेता जो हैं पार्टी में जीत की गारंटी

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो बीजेपी में जीत की गारंटी माने जाते हैं. एमपी में बीजेपी की हैट्रिक बनाने में चेहरा शिवराज सिंह चौहान का ही रहा है. जाहिर है 2005 में छोड़ी गई विदिशा लोकसभा सीट पर लौटे शिवराज अपनी दूसरी सियासी पारी भी धमाकेदार ही चाहेंगे. 2004 तक विदिशा सीट से सांसद रहे शिवराज बीस साल बाद उसी मैदान में लौटे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित सीट गिनी जाने वाली विदिशा से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज ने भी चुनाव लड़ा. यहां के मतदाता ने बीजेपी को निराश नहीं किया. यहां जीत का अंतर भी लंबा ही रहता है.

MP BJP Leaders all set for record
विदिशा में शिवराज सिंह का प्रचार

बीते लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के टिकट पर जीते रमाकांत भार्गव पांच लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे. विदिशा लोकसभा में सात-एक का अनुपात है. सात सीटें बीजेपी के पास हैं और एक कांग्रेस के पास. जीत की मजबूत आश्वस्ति के बाद भी शिवराज गांव-गांव में जनसभाएं कर रहे हैं. जहां समर्थक मंच से एक ही बात दोहराते हैं कि जीतने नहीं जीत का बड़ा रिकार्ड बनाने शिवराज मामा चुनाव मैदान में उतरे हैं.

वीडी जीत निश्चित बस रिकार्ड बढ़ाने प्रचार

जिस तरह से सपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द हुआ. उसके बाद से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा की जीत निश्चित मानी जा रही है. 2019 में खजुराहो सीट से लड़े अपने पहले ही चुनाव में वीडी शर्मा ने चार लाख 92 हजार से जीत दर्ज की थी. वैसे ये सीट हमेशा से बीजेपी का गढ़ रही है. इस समय भी खजुराहो की आठों विधानसभा सीटों पर कमल ही खिला हुआ है. वीडी शर्मा अब खजुराहो सीट पर प्रचार केवल अपनी जीत का अंतर बढ़ाने की ओर बढ़ रहे हैं.

MP BJP Leaders all set for record
वीडी शर्मा की चुनावी सभा

सिंधिया...पुराने हिसाब बराबर करने हैं

यूं समझिए 2019 में गुना संसदीय सीट पर मिली हार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियसी सीन ही बदल दिया. एक हार का इतना असर कि सिंधिया ने पार्टी बदल डाली. ये चुनाव सिंधिया के लिए खोई साख लौटाने के साथ पुराने हिसाब बराबर करने का भी चुनाव है. बीते चुनाव में वे अपने समर्थक केपी यादव से चुनाव हारे थे. सिंधिया इस चुनाव में पूरे समय जनसभाएं और जनसंपर्क में जुटे हुए हैं. 2002 में इसी गुना सीट पर उपचुनाव में उतरे सिंधिया 2019 तक एक चुनाव भी नहीं हारे, लेकिन 2019 की हार का झटका बड़ा था. यहां कांग्रेस ने राव यादवेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है. सिंधिया किसी ओवर कॉन्फिडेंस में ही हैं, लिहाजा पूरा समय क्षेत्र में डटे हुए हैं.

MP BJP Leaders all set for record
चुनावी मैदान में सिंधिया

इंदौर में कैलाश का आठ लाख का दावा

इंदौर में बीजेपी ने एक बार फिर से शंकर लालवानी को ही चुनाव के मैदान में उतारा है. बीते चुनाव में लालवानी पांच लाख 47 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि इंदौर में बीजेपी उम्मीदवार की जीत आठ लाख के अंतर से होगी, यानि वे ये मानकर चल रहे हैं कि जीत निश्चित है, केवल जीत का अंतर बढ़ाना है. इंदौर में शंकर लालवानी के मुकाबले में पार्टी ने अक्षय बम को अपना उम्मीदवार बनाया है.

क्या दोहराया जाएगा प्रदेश की सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड

2019 के लोकसभा चुनाव में एमपी में सबसे बड़ी जीत होशंगाबाद लोकसभा सीट पर हुई थी. यहां से मौजूदा मंत्री और पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह पांच लाख 53 हजार मतों से चुनाव जीते थे. बीजेपी ने इस बार दर्शन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस से पूर्व विधायक संजय शर्मा को मैदान में उतारा गया है. दर्शन संह के सामने पुराने रिकार्ड तक पहुंचने की चुनौती है.

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वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं शिवराज सिंह चौहान से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीडी शर्मा तक एमपी के इन दिग्गज नेताओं के लिए चुनौती ये है कि जनता में इनकी स्वीकार्यता का ग्राफ कितना बड़ा है. असल में ये नेता जीत हार से कहीं आगे अब जीत कितनी बड़ी हो, इसके लिए चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं. जाहिर है बड़ी हुई जीत इनकी आगे की सियासी पारी में भी लाचिंग पैड बनेगी.

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