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खुद को स्वतंत्र बताने वाली रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला ने छोड़ा मैदान, एक बार फिर डमी कैंडिडेट का लगा ठप्पा - Lok Sabha Election 2024

इटावा ​​​​​​​से सांसद रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने कुछ दिन पहले नामांकन दाखिल कर अपने आपको स्वतंत्र बताया था. लेकिन आज वह चुनावी मैदान से पीछे हट गई हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 29, 2024, 8:03 PM IST

मृदुला कठेरिया कठेरिया.

इटावा: अपने आपको स्वतंत्र बताने वाली बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने एक बार फिर अपना नामांकन वापस ले लिया है. 24 अप्रैल को नामांकन करते समय रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने कहा था कि नामांकन पत्र चुनाव लड़ने के लिए भरा जाता है, वापस लेने के लिए नहीं. वहीं, नामांकन वापसी के आखिरी दिन कलेक्ट्रेट पहुंचकर मृदुला कठेरिया ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया और एक बार फिर कहा कि वह स्वतंत्र हैं. हालांकि मृदुला कठेरिया कई चुनाव से ऐसा करती आ रही हैं.

मृदुला कठेरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'हम आज भी स्वतंत्र हैं, जो इच्छा होगी वह करेंगे. इसीलिए अपना पर्चा वापस लेने आए हैं. 24 अप्रैल को भरे गए पर्चे के विषय में मृदुला कठेरिया ने बताया कि वह पार्टी की रणनीति थी जिसके तहत पर्चा भरा गया था. भाजपा प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया के बारे में कहा कि वह मेरे पति हैं, मैं उनका विरोध कभी नहीं कर सकती.

24 अप्रैल को मृदुला कठेरिया द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के विषय में कहा, उन्होंने पार्टी की रणनीति के तहत पर्चा भरा गया था. मैं पर्चा आज से नहीं 2009 से लगातार भर रही हूं. कल नुमाइश पंडाल में गृहमंत्री अमित शाह के मंच पर न होने को लेकर कहा कि वह कार्यकर्ता हैं कोई पदाधिकारी नहीं, इसीलिए महिलाओं के साथ बैठी थी. अंत में मृदुला कठेरिया ने कहा कि मैं रामशंकर कठेरिया के लिए पहले भी वोट मांग रही थी और आगे भी मांगती रहूंगी. हम और रामशंकर कठेरिया जी साथ-साथ हैं और सात जन्मों तक साथ है.

इसे भी पढ़ें-चुनावी रण में पति-पत्नी में जंग; इटावा सीट से BJP सांसद कठेरिया के खिलाफ पत्नी मृदुला ने किया नामांकन

मृदुला कठेरिया कठेरिया.

इटावा: अपने आपको स्वतंत्र बताने वाली बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने एक बार फिर अपना नामांकन वापस ले लिया है. 24 अप्रैल को नामांकन करते समय रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदुला कठेरिया ने कहा था कि नामांकन पत्र चुनाव लड़ने के लिए भरा जाता है, वापस लेने के लिए नहीं. वहीं, नामांकन वापसी के आखिरी दिन कलेक्ट्रेट पहुंचकर मृदुला कठेरिया ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया और एक बार फिर कहा कि वह स्वतंत्र हैं. हालांकि मृदुला कठेरिया कई चुनाव से ऐसा करती आ रही हैं.

मृदुला कठेरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'हम आज भी स्वतंत्र हैं, जो इच्छा होगी वह करेंगे. इसीलिए अपना पर्चा वापस लेने आए हैं. 24 अप्रैल को भरे गए पर्चे के विषय में मृदुला कठेरिया ने बताया कि वह पार्टी की रणनीति थी जिसके तहत पर्चा भरा गया था. भाजपा प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया के बारे में कहा कि वह मेरे पति हैं, मैं उनका विरोध कभी नहीं कर सकती.

24 अप्रैल को मृदुला कठेरिया द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के विषय में कहा, उन्होंने पार्टी की रणनीति के तहत पर्चा भरा गया था. मैं पर्चा आज से नहीं 2009 से लगातार भर रही हूं. कल नुमाइश पंडाल में गृहमंत्री अमित शाह के मंच पर न होने को लेकर कहा कि वह कार्यकर्ता हैं कोई पदाधिकारी नहीं, इसीलिए महिलाओं के साथ बैठी थी. अंत में मृदुला कठेरिया ने कहा कि मैं रामशंकर कठेरिया के लिए पहले भी वोट मांग रही थी और आगे भी मांगती रहूंगी. हम और रामशंकर कठेरिया जी साथ-साथ हैं और सात जन्मों तक साथ है.

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