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रेलवे-यूपी रोडवेज के हजारों कर्मचारी बड़े आंदोलन की तैयारी में, जानिए किस वजह से बढ़ा सरकार से टकराव - Roadways Railway Employees Protest

रेलकर्मी और रोडवेजकर्मी अपनी समस्याओं का समाधान न होने से काफी आक्रोशित हैं. प्रबंधन और शासन से कई बार वार्ता के बावजूद समाधान न होने से तनातनी बढ़ी है. लिहाजा कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी है.

रेलवे और परिवहन कर्माचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी.
रेलवे और परिवहन कर्माचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी. (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 6:28 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 8:09 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 22 जुलाई को रेलकर्मी और रोडवेजकर्मी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में रेलकर्मी डीआरएम दफ्तर का घेराव करेंगे. वहीं रोडवेज कर्मी परिवहन निगम मुख्यालय का घेराव कर सत्याग्रह करेंगे. इन दोनों कार्यालय का घेराव करने की तैयारी यूनियन नेताओं ने शुरू कर दी है. इस बाबत सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की तरफ से अल्टीमेटम परिवहन निगम प्रशासन को दिया गया है. वहीं कर्मचारियों के बसें छोड़कर सत्याग्रह में हिस्सा लेने का आह्वान किया है.

सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारियों संघ के महामंत्री जसवंत सिंह का कहना है कि कर्मचारियों से जुड़े तमाम ऐसे बिंदु हैं जिन पर निगम प्रशासन और प्रबंधन ध्यान ही नहीं दे रहा है. कई बार ध्यानाकर्षण की कोशिश की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं और अधिकारियों को सिर्फ इनकम से ही मतलब है. इसके अलावा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालना, आर्बिट्रेशन की दिक्कत, बसों के स्पेयर पार्ट्स की कमी और भ्रष्टाचार समेत कई बिंदुओं का हल नहीं निकाला जा रहा है.

रेलकर्मियों की 15 सूत्री मांगें:

  • ग्रेजुएट उम्मीदवारों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार अनुकंपा आधारित नियुक्ति में विलंब
  • चिकित्सकीय आधार पर रेल कर्मचारियों को रेल नियमों और उनकी शैक्षिक योग्यता के प्रतिकूल नियुक्ति, शारीरिक अक्षमता के बावजूद चिकित्सकीय आधार पर अनियमित विकोटीकरण व वैकल्पिक पदस्थापना
  • पदोन्नति कोटे के पदों पर सीधी भर्ती उम्मीदवारों के भर्ती होने से कर्मचारियों की पदोन्नति पर ब्रेक
  • सेवानिवृत्त/मृतक आश्रितों को निपटान भुगतान और शारीरिक पेंशन स्वीकृति में देरी
  • ट्रैक मेंटेनेंस को देय साइकिल अनुरक्षण भत्ता और एरियर भुगतान में देरी
  • महिला ट्रैक मेंटेनर्स और लोको पायलट की कोटि परिवर्तन में देरी
  • सभी कार्यालय, यार्डों और पावर केबिन पर महिला टॉयलेट्स, यूनिफॉर्म, चेंज रूम निर्माण में देरी
  • लोको रनिंग, यांत्रिक, विद्युत, चिकित्सा व वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों को एमएचए भुगतान में हीलाहवाली
  • आवधिक स्थानांतरण और प्रशासनिक आदेशों में रेल मंत्रालय के निर्देशों की अवहेलना, यूनियन पदाधिकारियों का उत्पीड़न
  • विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को ओटी, टीए और माइलेज के लंबित भुगतान
  • स्टेशनों, कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के लिए फ्री वाहन पार्किंग व्यवस्था, समपार पर पेयजल और विद्युत व्यवस्था
  • गार्ड और क्र्यू लिंक के संबंध में हाई पावर कमेटी के निर्णय का पालन, टीटीई लिंक में सुधार
  • 50000 से अधिक टीवीयू के समपारों पर एचओईआर के अंतर्गत आठ घंटे के बजाय गेटमैन से 12 घंटे की ड्यूटी लिया जाना
  • रेल आवासों, कॉलोनी, गैंग हटों और कार्यालय में रूफ लीकेज, टूटे प्लास्टर, खस्ताहाल सीवर की समस्या, आवासों को अनियमित रूप से परित्यक्त घोषित कर अवंटियों को वैकल्पिक आवास न उपलब्ध कराया जाना
  • अंधाधुंध पदों का समर्पण और नए रेल संरचनाओं के लिए अतिरिक्त पदों के सृजन में देरी

रोडवेज कर्मियों की ये हैं मांगें:

  • संविदा कर्मचारी का उत्पीड़न, बिना गलती के ही नौकरी से निकालना
  • संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना
  • समान कार्य के लिए समान वेतन
  • भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों पर एक्शन
  • आर्बिट्रेशन समिति में बदलाव
  • कार्यशालाओं में स्पेयर पार्ट्स का अभाव

नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री आरके पांडेय का आरोप है कि मृतक आश्रित कोटे के स्नातक अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार नियुक्ति नहीं मिल रही है. सेवानिवृत्त और मृतक आश्रितों के समापक भुगतान और पारिवारिक पेंशन में देरी, महिला लाेको पायलट और ट्रैक मेंटेनर की कोटि बदलने, कई कैटेगरी के कर्मचारियों को राष्ट्रीय अवकाश भत्ता नहीं देने, रोजाना 50 हजार से अधिक वाहनों वाली रेलवे क्राॅसिंग पर तैनात गेटमैनों से आठ की जगह 12 घंटे ड्यूटी लेने, मेडिकल आधार पर कैटेगरी को बदलने में भी विसंगति हो रही है. पदोन्नति कोटे पर भी सीधी भर्ती होने से वर्षों से तैनात कर्मचारियों के भविष्य पर असर पड़ रहा है. इन सभी मामलों को लेकर नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन प्रदर्शन करेगी.


यह भी पढ़ें : मांगें माने जाने तक जारी रहेगा MPW संविदा कर्मचारियों का आंदोलन : संगठन

यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में कर्ज लेकर आंदोलन: दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के 34 दिन में 8 लाख खर्च

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 22 जुलाई को रेलकर्मी और रोडवेजकर्मी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में रेलकर्मी डीआरएम दफ्तर का घेराव करेंगे. वहीं रोडवेज कर्मी परिवहन निगम मुख्यालय का घेराव कर सत्याग्रह करेंगे. इन दोनों कार्यालय का घेराव करने की तैयारी यूनियन नेताओं ने शुरू कर दी है. इस बाबत सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की तरफ से अल्टीमेटम परिवहन निगम प्रशासन को दिया गया है. वहीं कर्मचारियों के बसें छोड़कर सत्याग्रह में हिस्सा लेने का आह्वान किया है.

सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारियों संघ के महामंत्री जसवंत सिंह का कहना है कि कर्मचारियों से जुड़े तमाम ऐसे बिंदु हैं जिन पर निगम प्रशासन और प्रबंधन ध्यान ही नहीं दे रहा है. कई बार ध्यानाकर्षण की कोशिश की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं और अधिकारियों को सिर्फ इनकम से ही मतलब है. इसके अलावा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालना, आर्बिट्रेशन की दिक्कत, बसों के स्पेयर पार्ट्स की कमी और भ्रष्टाचार समेत कई बिंदुओं का हल नहीं निकाला जा रहा है.

रेलकर्मियों की 15 सूत्री मांगें:

  • ग्रेजुएट उम्मीदवारों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार अनुकंपा आधारित नियुक्ति में विलंब
  • चिकित्सकीय आधार पर रेल कर्मचारियों को रेल नियमों और उनकी शैक्षिक योग्यता के प्रतिकूल नियुक्ति, शारीरिक अक्षमता के बावजूद चिकित्सकीय आधार पर अनियमित विकोटीकरण व वैकल्पिक पदस्थापना
  • पदोन्नति कोटे के पदों पर सीधी भर्ती उम्मीदवारों के भर्ती होने से कर्मचारियों की पदोन्नति पर ब्रेक
  • सेवानिवृत्त/मृतक आश्रितों को निपटान भुगतान और शारीरिक पेंशन स्वीकृति में देरी
  • ट्रैक मेंटेनेंस को देय साइकिल अनुरक्षण भत्ता और एरियर भुगतान में देरी
  • महिला ट्रैक मेंटेनर्स और लोको पायलट की कोटि परिवर्तन में देरी
  • सभी कार्यालय, यार्डों और पावर केबिन पर महिला टॉयलेट्स, यूनिफॉर्म, चेंज रूम निर्माण में देरी
  • लोको रनिंग, यांत्रिक, विद्युत, चिकित्सा व वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों को एमएचए भुगतान में हीलाहवाली
  • आवधिक स्थानांतरण और प्रशासनिक आदेशों में रेल मंत्रालय के निर्देशों की अवहेलना, यूनियन पदाधिकारियों का उत्पीड़न
  • विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को ओटी, टीए और माइलेज के लंबित भुगतान
  • स्टेशनों, कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के लिए फ्री वाहन पार्किंग व्यवस्था, समपार पर पेयजल और विद्युत व्यवस्था
  • गार्ड और क्र्यू लिंक के संबंध में हाई पावर कमेटी के निर्णय का पालन, टीटीई लिंक में सुधार
  • 50000 से अधिक टीवीयू के समपारों पर एचओईआर के अंतर्गत आठ घंटे के बजाय गेटमैन से 12 घंटे की ड्यूटी लिया जाना
  • रेल आवासों, कॉलोनी, गैंग हटों और कार्यालय में रूफ लीकेज, टूटे प्लास्टर, खस्ताहाल सीवर की समस्या, आवासों को अनियमित रूप से परित्यक्त घोषित कर अवंटियों को वैकल्पिक आवास न उपलब्ध कराया जाना
  • अंधाधुंध पदों का समर्पण और नए रेल संरचनाओं के लिए अतिरिक्त पदों के सृजन में देरी

रोडवेज कर्मियों की ये हैं मांगें:

  • संविदा कर्मचारी का उत्पीड़न, बिना गलती के ही नौकरी से निकालना
  • संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना
  • समान कार्य के लिए समान वेतन
  • भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों पर एक्शन
  • आर्बिट्रेशन समिति में बदलाव
  • कार्यशालाओं में स्पेयर पार्ट्स का अभाव

नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री आरके पांडेय का आरोप है कि मृतक आश्रित कोटे के स्नातक अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार नियुक्ति नहीं मिल रही है. सेवानिवृत्त और मृतक आश्रितों के समापक भुगतान और पारिवारिक पेंशन में देरी, महिला लाेको पायलट और ट्रैक मेंटेनर की कोटि बदलने, कई कैटेगरी के कर्मचारियों को राष्ट्रीय अवकाश भत्ता नहीं देने, रोजाना 50 हजार से अधिक वाहनों वाली रेलवे क्राॅसिंग पर तैनात गेटमैनों से आठ की जगह 12 घंटे ड्यूटी लेने, मेडिकल आधार पर कैटेगरी को बदलने में भी विसंगति हो रही है. पदोन्नति कोटे पर भी सीधी भर्ती होने से वर्षों से तैनात कर्मचारियों के भविष्य पर असर पड़ रहा है. इन सभी मामलों को लेकर नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन प्रदर्शन करेगी.


यह भी पढ़ें : मांगें माने जाने तक जारी रहेगा MPW संविदा कर्मचारियों का आंदोलन : संगठन

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Last Updated : Jul 17, 2024, 8:09 PM IST
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