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मेडिकल कॉलेज श्रीनगर और गढ़वाल विवि के बीच साइन हुआ एमओयू, मेडिकल साइंस के क्षेत्र में होगा शोध - research in medical science

फार्मास्युटिकल, हर्बल ड्रग्स टेक्नोलॉजी, एनालिटिकल साइंसेज, माइक्रोबायोलॉजी और मेडिकल साइंस के क्षेत्र में शोध करने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर और एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन हुआ है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 24, 2024, 9:57 AM IST

श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर और एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग के बीच विभिन्न शोध कार्यों को लेकर एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन हुआ है. एमओयू के तहत तहत गढ़वाल विवि और मेडिकल कॉलेज आपसी सहयोग कर विभिन्न क्षेत्रों में शोध कार्य करेंगे, जिसका लाभ इस क्षेत्र में शोध करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ साथ भविष्य में मरीजों को मिलेगा.

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग के डॉ मुकेश मैठानी, डॉ. अजय और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत व माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. विनीता रावत की उपस्थिति में ये एमओयू साइन हुआ. डॉ. मैठानी ने बताया कि गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल के मागदर्शन में मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू हस्ताक्षर किया गया.

उन्होंने बताया कि उक्त एमओयू के तहत मेडिकल कॉलेज और गढ़वाल विवि मिलकर फार्मास्युटिकल, हर्बल ड्रग्स टेक्नोलॉजी, एनालिटिकल साइंसेज, माइक्रोबायोलॉजी और मेडिकल साइंस के क्षेत्र में शोध कार्य करेंगे. इसके साथ ही मेडिकल सांइसेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भी शोध कार्यों का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही मरीजों से संबंधी विभिन्न बीमारियों पर भी शोध कार्य किया जायेगा.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है, जिसमें गढ़वाल विवि का फार्मास्युटिकल साइंसेज और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज आपस में मेडिकल सांइसेज पर रिसर्च करेंगे. उन्होंने कहा कि संस्थान का गुणात्मक वर्गीकरण और क्वालिटी रिसर्च पर बहुत कुछ निर्भर होता है. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ''जय विज्ञान- जय अनुसंधान'' का नारा दिया है और क्वालिटी रिसर्च हेतु देश के सभी उच्च संस्थानों में बजट के प्रावधान हमेशा रखने को आवश्यक बताया है.

प्राचार्य ने कहा कि रिसर्च कार्य में दोनों संस्थान बेहतर कार्य करें, इसके लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की तरफ से पूरा सहयोग किया जायेगा. ताकि बेहतर रिसर्च होने पर छात्र और मरीजों को शत-प्रतिशत लाभ मिले. इस मौके पर बेस चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. युसूफ रिजवी आदि मौजूद थे.

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श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर और एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग के बीच विभिन्न शोध कार्यों को लेकर एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन हुआ है. एमओयू के तहत तहत गढ़वाल विवि और मेडिकल कॉलेज आपसी सहयोग कर विभिन्न क्षेत्रों में शोध कार्य करेंगे, जिसका लाभ इस क्षेत्र में शोध करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ साथ भविष्य में मरीजों को मिलेगा.

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग के डॉ मुकेश मैठानी, डॉ. अजय और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत व माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. विनीता रावत की उपस्थिति में ये एमओयू साइन हुआ. डॉ. मैठानी ने बताया कि गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल के मागदर्शन में मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू हस्ताक्षर किया गया.

उन्होंने बताया कि उक्त एमओयू के तहत मेडिकल कॉलेज और गढ़वाल विवि मिलकर फार्मास्युटिकल, हर्बल ड्रग्स टेक्नोलॉजी, एनालिटिकल साइंसेज, माइक्रोबायोलॉजी और मेडिकल साइंस के क्षेत्र में शोध कार्य करेंगे. इसके साथ ही मेडिकल सांइसेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भी शोध कार्यों का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही मरीजों से संबंधी विभिन्न बीमारियों पर भी शोध कार्य किया जायेगा.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है, जिसमें गढ़वाल विवि का फार्मास्युटिकल साइंसेज और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज आपस में मेडिकल सांइसेज पर रिसर्च करेंगे. उन्होंने कहा कि संस्थान का गुणात्मक वर्गीकरण और क्वालिटी रिसर्च पर बहुत कुछ निर्भर होता है. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ''जय विज्ञान- जय अनुसंधान'' का नारा दिया है और क्वालिटी रिसर्च हेतु देश के सभी उच्च संस्थानों में बजट के प्रावधान हमेशा रखने को आवश्यक बताया है.

प्राचार्य ने कहा कि रिसर्च कार्य में दोनों संस्थान बेहतर कार्य करें, इसके लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की तरफ से पूरा सहयोग किया जायेगा. ताकि बेहतर रिसर्च होने पर छात्र और मरीजों को शत-प्रतिशत लाभ मिले. इस मौके पर बेस चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. युसूफ रिजवी आदि मौजूद थे.

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