रायपुर/ दुर्ग: सशस्त्र सीमा बल ने सोमवार को छत्तीसगढ़ की संस्था रूंगटा एजुकेशन फाउंडेशन के साथ एक करार किया है. इस एमओयू के तहत एसएसबी के कर्मियों के बच्चों को हायर एजुकेशन में पढ़ाई के लिए यहां एडमिशन मिल सकेगा. इसके लिए कुल 50 सीटें एसएसबी परिवार के बच्चों के लिए रखे गए हैं. यह सीटें उन्हें मुफ्त प्रदान की जाएगी.
एमओयू पर दोनों विभागों के अधिकारियों के हस्ताक्षर हुए: एमओयू पर दोनों विभागों के अधिकारियों के हस्ताक्षर हुए हैं. एसएसबी की तरफ से एमओयू पर महानिरीक्षक प्रदीप कुमार और रुंगटा एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष संतोष रुंगटा ने हस्ताक्षर किए. रूंगटा एजुकेशन फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित है.
"समझौते के अनुसार संस्थान ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले कर्मी, सेवारत या सेवानिवृत्त एसएसबी कर्मियों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देगा. रुंगटा एजुकेशन संस्थान में प्रवेश शुल्क और सभी शैक्षणिक शुल्क माफ किए जाएंगे. संस्था छात्रावास और बोर्डिंग शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान करने पर सहमत हुई है.संस्था एसएसबी कर्मियों के बच्चों को सस्ती और रियायती फीस पर बीटेक, एमटेक, एमबीए, एमसीए बीएससी, एमएससी और एमएसडब्ल्यू जैसे पाठ्यक्रमों में छूट देगी": संतोष रूंगटा, रूंगटा एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष
"हमने अपने बल के कर्मियों को संस्थान में प्रवेश लेने और अपना भविष्य बेहतर बनाने के लिए यह एमओयू किया है. हमारे फोर्स के परिवारों ने भी इस करार की प्रक्रिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देखा है. इस समझौते का उदेश्य उन बच्चों को हाई क्वालिटी एजुकेशन देना है. जिनके अभिभावक और पिता ने इस फोर्स में सेवा की और सेवा काल में शहीद हो गए.": प्रदीप कुमार, महानिरीक्षक, SSB
एसएसबी के बारे में जानिए: एसएसबी गृह मंत्रालय के आधीन आने वाला फोर्स है. यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है. एसएसबी की तैनाती नक्सल प्रभावित क्षेत्र और भारत के साथ लगने वाले दूसरे देशों की सीमा पर होता है. मुख्य रूप से नेपाल और भूटान के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी एसएसबी को सौंपी गई है. इसकी स्थापना साल 1963 में हुई थी. मौजूदा दौर में एसएसबी 1751 किलोमीटर भारत-नेपाल की सीमा और 699 किमी भारत-भूटान की सीमाओं पर सेवा देने का काम कर रहा है.