मोतिहारीः बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ का पानी भर गया है तो कई प्रखंडों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल वाल्मीकिनगर में बने गंडक बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जिले के केसरिया प्रखंड के कई गांवों में पानी भर गया है और इन गांवों का मुख्य इलाकों से संपर्क कट गया है.
बाढ़ में घिरे कई स्कूलः केसरिया प्रखंड के ढेकहां पंचायत और कढ़ान पंचायत में बाढ़ के पानी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.इन दोनों पंचायतों के पांच प्राथमिक और मध्य विद्यालय बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. ये स्कूल बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गये हैं, लिहाजा स्कूलों को बंद करना पड़ा है.
कई गांवों का संपर्क टूटाः इतना ही नहीं बाढ़ के कारण चंपारण तटबंध से सटे केसरिया प्रखंड के ढेकहां पंचायत के मंझरिया ढाला के पास की सड़क पर पानी का काफी दबाव बना हुआ है और सड़क धीरे-धीरे ध्वस्त हो रही है. हालत ये है कि इस सड़क से वाहनों की आवाजाही रोक दी गयी है और बाइक, साइकिल या पैदल ही आवागमन संभव हो पा रहा है.
'बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन तैयार': वहीं पूर्वी चंपारण में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है. चकिया की एसडीएम शिवानी शुभम ने बताया कि "हमलोगों की पूरी तैयारी है.हमलोगों ने आश्रयस्थल को चिन्हित कर लिया है और जरूरत पड़ने पर बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्रयस्थल में शिफ्ट किया जाएगा."
"कम्युनिटी किचेन की प्लानिंग कर ली गई है.पॉलिथीन और लाइफ जैकेट की पर्याप्त व्यवस्था है.नावों का पंजीकरण कर लिया गया है.पानी बढ़ने की स्थिति में उससे निपटने की पूरी व्यवस्था है.केसरिया प्रखंड के ढेकहां पंचायत का निरीक्षण मैंने किया है.मझरिया सड़क पर जियो बैग डालने के लिए आरडब्ल्यूडी को कहा गया है.साथ ही नदी प्रमंडल के लोग भी वहां सतत निगरानी कर रहे हैं." शिवानी शुभम्, एसडीएम, चकिया