श्रीनगर: भारत के मशहूर वैज्ञानिक और मोतिहारी केंद्रीय विवि के कुलाधिपति डॉक्टर महेश शर्मा ने सरस्वती नदी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये लोगों की गलत धारणा है कि सरस्वती नदी विलुप्त हो गई है. सरस्वती नदी उत्तराखंड के माणा गांव (भारत का पहला गांव) से निकलते हुए देश के कोने-कोने से होकर समुद्र में मिलती है. महाभारत के समय हिमालय में हुए बड़े भूकंप के कारण नदी भूमिगत हुई है, जो जगह-जगह दिखाई पड़ जाती है, लेकिन सरकार इस विषय पर गंभीर नहीं है और ना ही राज्य सरकार इस संबंध में कुछ कार्य कर रही है.
सरस्वती नदी पर शोध की जरूरत: मोतिहारी केंद्रीय विवि के कुलाधिपति डॉक्टर महेश शर्मा ने कहा कि वे कई बार केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल से इस विषय पर आग्रह कर चुके है कि सरस्वती नदी पर शोध करने की जरूरत है. संस्कृति मंत्रालय के अधीन नेंशनल टास्क फोर्स ऑन सरस्वती का गठन किया गया है. वे उसके सदस्य भी हैं. उन्होंने कहा कि इस टास्क फोर्स की मात्र अभी तक एक मीटिंग हुई है, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सरस्वती नदी के संबंध में कितना कार्य किया जा रहा है.
सरस्वती नदी के उद्गगम स्थल हो विकसित: महेश शर्मा ने कहा कि सरस्वती नदी के संबंध में इसरो और नासा तक बता चुके हैं कि नदी कहां से कहां तक बहती थी. उसके रास्ते कहां-कहां थे, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर माणा गांव में सरस्वती नदी के उद्गगम स्थल को भव्य रूप दिया जाता है, तो इससे उत्तराखंड के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
महेश शर्मा ने पलायन पर जताई चिंता: मोतिहारी केंद्रीय विवि के कुलाधिपति महेश शर्मा ने उत्तराखंड में हो रहे पलायन को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में जिन कारणों से पलायन हो रहा है, वो गंभीर विषय है. ऐसे में इस ओर उतराखंड सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां जैव विविधता की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार का ध्यान पर्यटन पर ही है. वहीं, अगर सरकार यहां की जैव विविधता का वैज्ञानिक और सीमित दोहन करती है, तो यहां रोजगार पैदा होगा और पलायन पर अंकुश लगेगा.
कौन हैं डॉक्टर महेश शर्मा: डॉक्टर महेश शर्मा मोतिहारी केंद्रीय विवि के कुलाधिपति हैं. वे अटल बिहारी सरकार में खादी बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही वे आरएसएस के थिंक टैंकों में से भी एक हैं. वो पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हैं. इसके अलावा डॉ. महेश शर्मा सहारनपुर जिले के शाकुंभरी-शिवालिक वन परिक्षेत्र मुख्यालय में स्थित ग्रामोदय शिवालिक मिशन के अध्यक्ष भी हैं. वह दीनदयाल शोध संस्थान, नई दिल्ली कार्यालय में स्थित ग्राम-संकुल योजना का समन्वय भी कर रहे हैं.
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