जमुई: वैसे तो मां के लिए कोई एक दिन नहीं, बल्कि मां का हर दिन होता है. लेकिन आज दुनिया की तमाम मांओं को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जा रहा है. जमुई से एक ऐसी सफलता की कहानी सामने आई है, जहां एक बेटी ने अपनी मां की कुर्बानियों को जाया नहीं होने दिया. उसकी मां ने जो सपने खुद के लिए देखे थे, उसे बेटी ने पूरा किया.
टीनू सिंह ने मां के सपने को किया पूरा: दरअसल जमुई जिला मुख्यालय के रहने वाले मुन्ना कुमार सिंह और पिंकी सिंह की बेटी टीनू सिंह ने अपनी मां को खुशियों से भर दिया है. उसने एक या दो नहीं बल्कि पांच अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साथ सफलता हासिल की है. मां के सपने को पूरा करने के लिऐ बेटी ने दिन-रात एक कर दिया, जिससे पूरे परिवार की आंखे खुशी के आंसू से भर गईं.
सरकारी अफसर बनना चाहती थी मां: दरअसल टीनू सिंह के पिता मुन्ना कुमार सिंह सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं. मां पिंकी सिंह गृहिणी हैं. पिंकी सिंह अंग्रेजी में मास्टर की डिग्री और बीएड की डिग्री प्राप्त कर चुकी हैं. टीनू ने बताया उनकी मां बीपीएससी की अधिकारी बनना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. बच्चों के पालन- पोषण के लिए अपने सपनों की तिलांजलि दे दी.
टीनू ने किताबों से की दोस्ती: जिसके बाद टीनू सिंह ने अपनी मां के सपनों को पूरा करने की ठानी, और उस जिद में उसने किताबों से दोस्ती कर ली. टीनू ने बताया कि आज के समय में ज्यादातर युवा सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहते हैं, पर वह कभी भी सोशल मीडिया पर नहीं गई हैं. जिसके बाद अब वह बिहार सरकार की अफसर बिटिया बन गई है.
"हमें हमेशा से लगता था कि बेटी कुछ ना कुछ जरूर करेगी. हालांकि टीनू का सपना अभी भी पूरा नहीं हुआ है, वह आगे यूपीएससी की पढ़ाई कर भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बनना चाहती है."- पिंकी सिंह, टीनू की मां
अब तक कई प्रतियोगी परीक्षा में हुई सफल: दरअसल 22 दिसंबर को उसका चयन कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर हुआ. उसके ठीक अगले दिन 23 दिसंबर को बिहार एसएससी की सीजीएल की परीक्षा में सफल होकर टीनू ने सहायक प्रशाखा पदाधिकारी का पद हासिल कर लिया. इसके बाद बीपीएससी की शिक्षक भर्ती परीक्षा के 6 से 8 संवर्ग में भी टीनू ने सफलता हासिल की. बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यमिक विद्यालय 9 से 10 संवर्ग और उच्च माध्यमिक 11 से 12 संवर्ग के लिए भी टीनू चुन ली गयी.
"सोशल मीडिया पर मेरा कोई अकाउंट नहीं है. मैंने किताबों से दोस्ती कर ली. इंसान का सबसे बेहतरीन दोस्त किताब होता है और लगातार पढ़ाई करने के बाद यह सफलता हासिल की है. मां का सपना था कि वह अधिकारी बनें, लेकिन नहीं बन पाई. अब मैंने उस सपने को पूरा किया है."- टीनू सिंह
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