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सासू 'मां' हो तो ऐसी : बहू की हो गई थी किडनी फेल, गुर्दा दान कर बचाई जिंदगी - Mothers Day 2024 - MOTHERS DAY 2024

MOTHERS DAY 2024: सास-बहू के किस्से तो बहुत सुने होंगे. लेकिन मदर्स डे पर ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जो एक मिसाल है. 65 साल की मालती देवी ने अपने बहू अनु की जान किडनी डोनेट करके बचाई. एक समय था जब अनु जिंदगी के लिए मौत से जूझ रही थी. इसी बीच सास ने उसकी थमकी जिंदगी की डोर को थाम लिया और अपनी एक किडनी दान करके बेटी जैसी बहू को नई जिंदगी दी.

MOTHERS DAY 2024
65 साल की सास ने बहू को डोनेट की किडनी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 12, 2024, 1:19 PM IST

गया: आज मदर्स डे 2024 है. यूं तो सास और बहू के रिश्ते को ज्यादातर लोग झगड़ालू नजरिए से जानते हैं, लेकिन बिहार के गया में एक सासू मां अपनी बहू के लिए उसकी सगी मां से भी बढ़कर निकली. सासू मां ने जो किया, वह एक मिसाल के तौर पर है. यदि कोई सगी मां भी होती, तो शायद ऐसा करने से पहले एक बार जरूर सोचती, लेकिन सासू मां ने बगैर सोचे अपनी बहू के लिए वह किया जो उसके जीवन के लिए वरदान के समान थी.

MOTHERS DAY 2024
सास ने बहू को डोनेट की किडनी (ETV Bharat)

65 साल की सास ने बहू को डोनेट की किडनी : एक मां अपनी बेटी को उंगली पकड़कर चलना सिखा सकती है, लेकिन ससुराल वाली सासू मां ने अपनी बहू को सगी बेटी के रूप में देखा और 65 की उम्र में एक किडनी देकर जीवन और मौत के बीच भी झूल रही बहू की जान बचाने आगे आई. सास और बहू के बीच निश्चल प्रेम की यह डोर आज चर्चा का विषय और बड़ी मिसाल बनी हुई है.

बहू की हो गई थी किडनी फेल : गया जिले के अतरी प्रखंड के टेटुआ पंचायत अंतर्गत सिरियामा की रहने वाली अनु देवी अचानक बीमार पड़ गई थी. उसे खाना नहीं पचता था एवं हाथ-पैर में सूजन आ जाती थी. पति राजेश कुमार ने इलाज कराना शुरू किया. इस क्रम में गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए ले गए, तो वहां पता चला कि किडनी में प्रॉब्लम है. इसके बाद पटना इलाज को ले गए, जहां अनु देवी का इलाज चलता रहा.

MOTHERS DAY 2024
परिवार के साथ अनु देवी (ETV Bharat)

बहू की सास ने बचाई जान : इस बीच बेहतर उपचार के लिए चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया. किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रही अनु देवी डायलिसिस पर रहीं. इस बीच डॉक्टर ने उसके दोनों किडनी फेल होने की बात कही. अनु की दोनों किडनी फेल होने के बाद सामने आते ही परिंजनों में हड़कंप मच गया. मध्यवर्गीय इस परिवार के लिए इस मुसीबत के बीच अनु देवी की जान बचाने की चुनौती थी.

'किडनी पर प्रत्यारोपण ही विकल्प' : दोनों किडनी फेल होने की बात डॉक्टर द्वारा कहे जाने के बाद परिजनों में जहां हड़कम्प था. वहीं, डॉक्टर ने कहा कि एक किडनी प्रत्यारोपण करना होगा, तभी अनु देवी की जान बचाई जा सकती है. यह जानकारी जब अनु की सासू मां मालती देवी को हुई तो अपनी बहू की जान बचाने की ममता जाग उठी. मालती देवी ने बड़ा निर्णय लिया था, यह एक सासू मां के लिए सगी बेटी जैसी बहू अनु को हर हाल में जान बचाने का निर्णय था.

MOTHERS DAY 2024
65 साल की सास ने बहू को डोनेट की किडनी (ETV Bharat)

सफल हुआ किडनी ट्रासप्लांट : मालती देवी ने कहा कि वह अपनी एक किडनी डोनेट करेंगी. पहले तो परिवार के लोगों ने मालती देवी को रोका फिर उम्र का हवाला दिया, लेकिन इसके बावजूद भी वह नहीं रुकीं. वह अपनी एक किडनी देने को अड़ी हुई थीं. आखिरकार परिवार के लोग माने तो डॉक्टरी जांच के बाद मालती देवी की एक किडनी बहू अनु देवी को प्रत्यारोपित की गई.

बची जान, आज खुशहाल है परिवार : अनु और मालती देवी दोनों ही पूरी तरह से स्वस्थ हैं. बहू अनु देवी जहां अपनी सासू मां को सगी मां के नजरिया से शुरू से मानती है. अनु देवी के पति राजेश कुमार को भी अपनी मां पर गर्व है, कि उसने अपनी बहू को बेटी से भी बढ़कर माना और उसकी जान बचाई. आने वाली बड़ी मुसीबत और मुश्किलों से बचा लिया. अब अनु देवी अपने पति राजेश कुमार, 12 वर्षीय पुत्र हर्ष और 6 वर्षीय पुत्री हर्षिता के साथ पूरी तरह से खुशहाल हैं.

'सासू मां हो तो ऐसी' : अनु अपने पति और पुत्र -पुत्री के साथ फिलहाल में गया शहर में रह रही हैं. वहीं, सासू मां मालती देवी अपने पैतृक गांव अतरी के सिरियामा में परिवार के साथ खुशहाल हैं. सास-बहू के बीच मां- बेटी की वह डोर बन चुकी है, जो कि एक मिसाल के तौर पर है. लोग इसकी चर्चा करते हैं, तो सास- बहू की सराहना भी करते हैं. सासू मां मालती देवी अपनी बहू के लिए आज ईश्वर से कम नहीं है. लोग भी कहते हैं- 'सासू मां हो तो ऐसी' जिन्होंने अपनी बहू को बचाने के लिए एक किडनी डोनेट कर दी. फिलहाल मालती देवी का पूरा परिवार खुशहाल है.

MOTHERS DAY 2024
आज खुशहाल है अनु का परिवार (ETV Bharat)

'सगी मां के समान है मेरी सासू मां' : वहीं, अनु देवी बताती हैं कि ''सासू मां सगी मां के समान हैं. एक सगी मां भी अपने बीमार बच्चे को किडनी डोनेट करने से पहले कई बार सोचेंगी लेकिन मेरी सासू मां ने ऐसा किया और किडनी डोनेट कर मेरी जान बचाई. परिवार को बड़ी मुश्किलों से निकाला. वह भाग्यशाली है कि ऐसी सासू मां मिली, हर किसी को ऐसी सासू मां मिले.''

मिसाल बनीं मालती देवी : वहीं, सासू मां मालती देवी बताती हैं कि ''बहू अनु देवी उसके लिए सगी बेटी के समान हैं. वह उसे बेटी के रूप में ही प्यार करती हैं. यही वजह है, कि जब बहू अनु बीमार पड़ी, जिंदगी- मौत के बीच झूल रही थी, तो वह एक किडनी डोनेट करने को आगे गई. उसे खुशी है कि अनु उसे सगी मां के रूप में देखती है.''

ये भी पढ़ें- सारण के रण में NDA और INDIA के प्रत्याशी पीछे छूटे, लड़ाई मोदी Vs लालू हो गई? - Lok Sabha Election 2024

गया: आज मदर्स डे 2024 है. यूं तो सास और बहू के रिश्ते को ज्यादातर लोग झगड़ालू नजरिए से जानते हैं, लेकिन बिहार के गया में एक सासू मां अपनी बहू के लिए उसकी सगी मां से भी बढ़कर निकली. सासू मां ने जो किया, वह एक मिसाल के तौर पर है. यदि कोई सगी मां भी होती, तो शायद ऐसा करने से पहले एक बार जरूर सोचती, लेकिन सासू मां ने बगैर सोचे अपनी बहू के लिए वह किया जो उसके जीवन के लिए वरदान के समान थी.

MOTHERS DAY 2024
सास ने बहू को डोनेट की किडनी (ETV Bharat)

65 साल की सास ने बहू को डोनेट की किडनी : एक मां अपनी बेटी को उंगली पकड़कर चलना सिखा सकती है, लेकिन ससुराल वाली सासू मां ने अपनी बहू को सगी बेटी के रूप में देखा और 65 की उम्र में एक किडनी देकर जीवन और मौत के बीच भी झूल रही बहू की जान बचाने आगे आई. सास और बहू के बीच निश्चल प्रेम की यह डोर आज चर्चा का विषय और बड़ी मिसाल बनी हुई है.

बहू की हो गई थी किडनी फेल : गया जिले के अतरी प्रखंड के टेटुआ पंचायत अंतर्गत सिरियामा की रहने वाली अनु देवी अचानक बीमार पड़ गई थी. उसे खाना नहीं पचता था एवं हाथ-पैर में सूजन आ जाती थी. पति राजेश कुमार ने इलाज कराना शुरू किया. इस क्रम में गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए ले गए, तो वहां पता चला कि किडनी में प्रॉब्लम है. इसके बाद पटना इलाज को ले गए, जहां अनु देवी का इलाज चलता रहा.

MOTHERS DAY 2024
परिवार के साथ अनु देवी (ETV Bharat)

बहू की सास ने बचाई जान : इस बीच बेहतर उपचार के लिए चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया. किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रही अनु देवी डायलिसिस पर रहीं. इस बीच डॉक्टर ने उसके दोनों किडनी फेल होने की बात कही. अनु की दोनों किडनी फेल होने के बाद सामने आते ही परिंजनों में हड़कंप मच गया. मध्यवर्गीय इस परिवार के लिए इस मुसीबत के बीच अनु देवी की जान बचाने की चुनौती थी.

'किडनी पर प्रत्यारोपण ही विकल्प' : दोनों किडनी फेल होने की बात डॉक्टर द्वारा कहे जाने के बाद परिजनों में जहां हड़कम्प था. वहीं, डॉक्टर ने कहा कि एक किडनी प्रत्यारोपण करना होगा, तभी अनु देवी की जान बचाई जा सकती है. यह जानकारी जब अनु की सासू मां मालती देवी को हुई तो अपनी बहू की जान बचाने की ममता जाग उठी. मालती देवी ने बड़ा निर्णय लिया था, यह एक सासू मां के लिए सगी बेटी जैसी बहू अनु को हर हाल में जान बचाने का निर्णय था.

MOTHERS DAY 2024
65 साल की सास ने बहू को डोनेट की किडनी (ETV Bharat)

सफल हुआ किडनी ट्रासप्लांट : मालती देवी ने कहा कि वह अपनी एक किडनी डोनेट करेंगी. पहले तो परिवार के लोगों ने मालती देवी को रोका फिर उम्र का हवाला दिया, लेकिन इसके बावजूद भी वह नहीं रुकीं. वह अपनी एक किडनी देने को अड़ी हुई थीं. आखिरकार परिवार के लोग माने तो डॉक्टरी जांच के बाद मालती देवी की एक किडनी बहू अनु देवी को प्रत्यारोपित की गई.

बची जान, आज खुशहाल है परिवार : अनु और मालती देवी दोनों ही पूरी तरह से स्वस्थ हैं. बहू अनु देवी जहां अपनी सासू मां को सगी मां के नजरिया से शुरू से मानती है. अनु देवी के पति राजेश कुमार को भी अपनी मां पर गर्व है, कि उसने अपनी बहू को बेटी से भी बढ़कर माना और उसकी जान बचाई. आने वाली बड़ी मुसीबत और मुश्किलों से बचा लिया. अब अनु देवी अपने पति राजेश कुमार, 12 वर्षीय पुत्र हर्ष और 6 वर्षीय पुत्री हर्षिता के साथ पूरी तरह से खुशहाल हैं.

'सासू मां हो तो ऐसी' : अनु अपने पति और पुत्र -पुत्री के साथ फिलहाल में गया शहर में रह रही हैं. वहीं, सासू मां मालती देवी अपने पैतृक गांव अतरी के सिरियामा में परिवार के साथ खुशहाल हैं. सास-बहू के बीच मां- बेटी की वह डोर बन चुकी है, जो कि एक मिसाल के तौर पर है. लोग इसकी चर्चा करते हैं, तो सास- बहू की सराहना भी करते हैं. सासू मां मालती देवी अपनी बहू के लिए आज ईश्वर से कम नहीं है. लोग भी कहते हैं- 'सासू मां हो तो ऐसी' जिन्होंने अपनी बहू को बचाने के लिए एक किडनी डोनेट कर दी. फिलहाल मालती देवी का पूरा परिवार खुशहाल है.

MOTHERS DAY 2024
आज खुशहाल है अनु का परिवार (ETV Bharat)

'सगी मां के समान है मेरी सासू मां' : वहीं, अनु देवी बताती हैं कि ''सासू मां सगी मां के समान हैं. एक सगी मां भी अपने बीमार बच्चे को किडनी डोनेट करने से पहले कई बार सोचेंगी लेकिन मेरी सासू मां ने ऐसा किया और किडनी डोनेट कर मेरी जान बचाई. परिवार को बड़ी मुश्किलों से निकाला. वह भाग्यशाली है कि ऐसी सासू मां मिली, हर किसी को ऐसी सासू मां मिले.''

मिसाल बनीं मालती देवी : वहीं, सासू मां मालती देवी बताती हैं कि ''बहू अनु देवी उसके लिए सगी बेटी के समान हैं. वह उसे बेटी के रूप में ही प्यार करती हैं. यही वजह है, कि जब बहू अनु बीमार पड़ी, जिंदगी- मौत के बीच झूल रही थी, तो वह एक किडनी डोनेट करने को आगे गई. उसे खुशी है कि अनु उसे सगी मां के रूप में देखती है.''

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