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अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही बेटी को मां-बाप और मामा ने खिलाया था जहर, जानें पूरा मामला - Murder of Deaf Mute Girl

हिंडौन की मूक-बधिर बालिका हत्याकांड: करौली के हिण्डौन में नाबालिग मूक बधिर बालिका की मौत होने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बालिका को उसी के मां-बाप और मामा ने जहर देकर मौत के घाट उतार दिया था.

मूक बधिर बालिका की हत्या
मूक बधिर बालिका की हत्या (Etv Bharat Karauli)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 16, 2024, 10:30 AM IST

करौली. जिले के हिण्डौन नई मंडी थाना इलाके की निवासी 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बालिका की हत्या करने वाले आरोपियों में उसकी मां-पिता और मामा शामिल हैं. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.

दरअसल, झुलसने के बाद बालिका की 20 मई को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मौत हो गई थी. मौत हो जाने के बाद विभिन्न संगठनों परिजनों और विपक्ष द्वारा मासूम बालिका का दुष्कर्म कर पेट्रोल छिडकर हत्याकांड करने का लगातार आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन ज्ञापन और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेशभर मे बालिका को न्याय दिलवाने की सरकार से लगातार मांग की जा रही थी. घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी एसआईटी गठन करने के निर्देश दिए जिसके बाद शनिवार शाम को पुलिस ने वारदात की गुत्थी सुलझा ली.

पढ़ें. एक्शन में भजनलाल सरकार, हिंडौन की बेटी के न्याय के लिए गठित की SIT, त्वरित गति से जांच के दिए आदेश

इसलिए दिया वारदात को अंजाम : पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि प्रारंभिक जांच पड़ताल मे सामने आया है कि बालिका की उसकी मां से लड़ाई हुई थी, जिसके बाद बालिका ने घर से कुछ दूर जाकर आत्महत्या की कोशिश की. इसके चलते पीड़िता झुलस गई. मां ने इस मामले को दबाने के लिए पुलिस को भी कोई जानकारी नहीं दी. आरोपी मां, पिता और मामा ने षड्यंत्र रचते हुए दो दिन बाद दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बालिका का दुष्कर्म कर जलाने का झूठा मामला पुलिस थाने में दर्ज कराया. साथ ही बालिका के जलने का राज नहीं खुले, इसलिए 19-20 मई की मध्य रात्रि को बालिका को जहर दे दिया.

वेंटिलेटर पर रखने से किया मना : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल से मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट के अनुसार बालिका की जहर देकर हत्या होना सामने आया. एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों से भी पुलिस और एसआईटी टीम ने पूछताछ की, जिसमें सामने आया कि बालिका की स्थिति निरतंर सुधर रही थी, लेकिन अचानक 19 मई को बालिका की तबीयत बिगड़ गई और सांस फूलने लगी. इसके बाद परिजनों से बालिका को वेंटिलेटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने के लिए कहा गया, लेकिन बालिका के परिजनों ने मना कर दिया. बालिका के मामा ने लिखित मे देकर बालिका को वेंटिलेटर पर रखने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस का शक परिजनों पर गया. पुलिस ने जांच की तो बालिका के हत्याकांड में मां-पिता और मामा का शामिल होना पाया गया. इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ की सभी ने हत्या की बात कबूल कर ली. फिलहाल पुलिस की पांच टीमें आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

पढ़ें. मूक बधिर बालिका की मौत का मामला : जांच के लिए SIT गठित, IG राहुल प्रकाश बोले- दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

परिजनों ने खेत मालिक को फंसाने की रची साजिश : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 9 मई को बालिका के जलने के बाद हिण्डौन डीएसपी गिरधर सिंह और नई मंडी थाना पुलिस हिण्डौन राजकीय अस्पताल पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली. चिकित्सकों ने बालिका की गंभीर स्थिति होने के चलते उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया. चिकित्सक जांच पड़ताल में यह कन्फर्म हो गया था कि बालिका के साथ कोई दंरिदगी नहीं हुई है. दूसरे दिन पुलिस टीम को जांच करने के लिए जयपुर अस्पताल में भेजा गया, लेकिन परिजनों ने पुलिस को जांच करने से मना कर दिया. 11 मई को बालिका के पिता ने पुलिस में दुष्कर्म कर बालिका को जलाने का आरोप लगाते हुए दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

इस बीच पुलिस ने अनुवादक यानी की मूक बधिर स्पेसलिस्ट से बालिका के बयान दर्ज कराए. बालिका ने दुष्कर्म और किसी के जलाने से इनकार किया. आरोपी मामा ने बालिका से खेत मालिक की फोटो पहचान करवाकर उसे आरोपी बनाने की कोशिश की. पुलिस जांच में उसे भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, लेकिन उसपर कोई आरोप नहीं निकला. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो सामने आया कि बालिका की स्थिति में सुधार हो रहा था. ऐसे में जलने और साजिश खुलने के डर से बालिका को जहर देकर मौत के घाट उतार दिया.

करौली. जिले के हिण्डौन नई मंडी थाना इलाके की निवासी 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बालिका की हत्या करने वाले आरोपियों में उसकी मां-पिता और मामा शामिल हैं. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.

दरअसल, झुलसने के बाद बालिका की 20 मई को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मौत हो गई थी. मौत हो जाने के बाद विभिन्न संगठनों परिजनों और विपक्ष द्वारा मासूम बालिका का दुष्कर्म कर पेट्रोल छिडकर हत्याकांड करने का लगातार आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन ज्ञापन और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेशभर मे बालिका को न्याय दिलवाने की सरकार से लगातार मांग की जा रही थी. घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी एसआईटी गठन करने के निर्देश दिए जिसके बाद शनिवार शाम को पुलिस ने वारदात की गुत्थी सुलझा ली.

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इसलिए दिया वारदात को अंजाम : पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि प्रारंभिक जांच पड़ताल मे सामने आया है कि बालिका की उसकी मां से लड़ाई हुई थी, जिसके बाद बालिका ने घर से कुछ दूर जाकर आत्महत्या की कोशिश की. इसके चलते पीड़िता झुलस गई. मां ने इस मामले को दबाने के लिए पुलिस को भी कोई जानकारी नहीं दी. आरोपी मां, पिता और मामा ने षड्यंत्र रचते हुए दो दिन बाद दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बालिका का दुष्कर्म कर जलाने का झूठा मामला पुलिस थाने में दर्ज कराया. साथ ही बालिका के जलने का राज नहीं खुले, इसलिए 19-20 मई की मध्य रात्रि को बालिका को जहर दे दिया.

वेंटिलेटर पर रखने से किया मना : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल से मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट के अनुसार बालिका की जहर देकर हत्या होना सामने आया. एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों से भी पुलिस और एसआईटी टीम ने पूछताछ की, जिसमें सामने आया कि बालिका की स्थिति निरतंर सुधर रही थी, लेकिन अचानक 19 मई को बालिका की तबीयत बिगड़ गई और सांस फूलने लगी. इसके बाद परिजनों से बालिका को वेंटिलेटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने के लिए कहा गया, लेकिन बालिका के परिजनों ने मना कर दिया. बालिका के मामा ने लिखित मे देकर बालिका को वेंटिलेटर पर रखने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस का शक परिजनों पर गया. पुलिस ने जांच की तो बालिका के हत्याकांड में मां-पिता और मामा का शामिल होना पाया गया. इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ की सभी ने हत्या की बात कबूल कर ली. फिलहाल पुलिस की पांच टीमें आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

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परिजनों ने खेत मालिक को फंसाने की रची साजिश : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 9 मई को बालिका के जलने के बाद हिण्डौन डीएसपी गिरधर सिंह और नई मंडी थाना पुलिस हिण्डौन राजकीय अस्पताल पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली. चिकित्सकों ने बालिका की गंभीर स्थिति होने के चलते उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया. चिकित्सक जांच पड़ताल में यह कन्फर्म हो गया था कि बालिका के साथ कोई दंरिदगी नहीं हुई है. दूसरे दिन पुलिस टीम को जांच करने के लिए जयपुर अस्पताल में भेजा गया, लेकिन परिजनों ने पुलिस को जांच करने से मना कर दिया. 11 मई को बालिका के पिता ने पुलिस में दुष्कर्म कर बालिका को जलाने का आरोप लगाते हुए दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

इस बीच पुलिस ने अनुवादक यानी की मूक बधिर स्पेसलिस्ट से बालिका के बयान दर्ज कराए. बालिका ने दुष्कर्म और किसी के जलाने से इनकार किया. आरोपी मामा ने बालिका से खेत मालिक की फोटो पहचान करवाकर उसे आरोपी बनाने की कोशिश की. पुलिस जांच में उसे भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, लेकिन उसपर कोई आरोप नहीं निकला. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो सामने आया कि बालिका की स्थिति में सुधार हो रहा था. ऐसे में जलने और साजिश खुलने के डर से बालिका को जहर देकर मौत के घाट उतार दिया.

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