मुरैना/ग्वालियर। चंबल अंचल के मुरैना जिले के अंबाह थाना क्षेत्र में पति पर लगे दुष्कर्म केस में दूसरे पक्ष से राजीनामा करने गई गर्भवती महिला को पेट्रोल डालकर जला दिया गया. करीब आठ माह की गर्भवती महिला 70 फीसद तक जल गई है, जिसे गम्भीर हालत में जिला अस्पताल से ग्वालियर मेडिकल कालेज रेफर किया गया है. वहीं, घायल महिला द्वारा एंबुलेंस में अपने पति को बताया कि उसके साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और भागने पर जिंदा जलाने की कोशिश की. घायल महिला के पति द्वारा बयान का वीडियो पुलिस को सौंपा गया है.
दुष्कर्म केस में आरोपी है पीड़िता का पति
घटना अंबाह थाना क्षेत्र के चांद का पूरा गांव की है, जहां बड़फरा गांव निवासी 32 वर्षीय महिला के पति सुरेश सखबार पर चांदपुरा गांव की एक महिला ने दुष्कर्म का केस कर दिया था. इस मामले में सुरेश सखबार जेल गया, जहां से कुछ दिन पहले ही जमानत पर छूटकर आया है. पति पर लगे केस में राजीनामा करने के लिए महिला चांदपुरा गांव के गौतम सखबार के घर गई थी. आपको बता दें कि महिला आठ महीने की गर्भवती है और गौतम सखबार के घर में ही पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दी गई.
पीड़िता ने लगाया सामूहिक दुष्कर्म का आरोप
जलती हुई हालत में ही महिला घर से बाहर निकली और तक लोगों ने आग बुझाई. लेकिन तब तक महिला बुरी तरह झुलस चुकी थी. तत्काल उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया है. घायल हालत में महिला ने एंबुलेंस में अपने पति को बताया कि गौतम सखबार, राकेश और मदना ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और जब भागने लगी तो उसे पेट्रोल डालकर आग लगा दी. घायल महिला के पति ने महिला के बयान का वीडियो पुलिस को सौंप दिया है.
3 साल से थे अवैध संबंध
इधर महिला के पति का कहना है कि ''चांदपुर गांव के गौतम, मदन, राकेश एवं राधा सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने उस समय सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिंदा जला दिया, जब वह उसके ऊपर दर्ज बलात्कार के मामले में समझौते की बात करने आरोपियों के यहां गई थी. जनवरी में सुरेश शंखवार के ऊपर चांदपुर की एक युवती ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था.'' युवक का कहना है कि ''आरोपी पक्ष की लड़की से उसके 3 साल से संबंध थे, लेकिन अब वह उससे संबंध रखना नहीं चाहता था. जबकि उसकी कथित प्रेमिका उस पर अपनी पत्नी छोड़ने के लिए दवाब बना रही थी. इसी के चलते उस पर दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज हुआ था.''
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पुलिस को नहीं मिले आग लगाने के साक्ष्य
इस मामले में ASP अरविंद ठाकुर का कहना है कि ''घटनास्थल पर ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिससे यह साबित हो कि जिन पर आरोप लगाए गए हैं, उनके द्वारा जलाया गया है. मौके से एक लाइटर जरूर बरामद हुआ है, संभव है कि तेल कहीं और डाला हो और यहां आकर आग लगाई गई हो. महिला 40% झुलस गई है, उसे मुरैना के बाद ग्वालियर रेफर किया गया है. वहीं उसका एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने डीडीवी कराया गया है. दोनों गुटों में विवाद है, जिस महिला को जलाया गया है, उसका पति 8-10 दिन पहले ही 376 के मामले में जेल से रिहा होकर आया है. मामले की विवेचना की जा रही है तथा महिला के बयानों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.''