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गांव में नहीं है मुक्तिधाम, 4 घंटे लाश रखकर बारिश रुकने का करते रहे इंतजार, प्रशासन शर्मसार - No Muktidham Morena Panchyat

मुरैना की कई पंचायतों में मुक्तिधाम नहीं है. बारिश की वजह से खुले में अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन को चार घंटे शव रखकर बारिश के बंद होने का इंतजार करना पड़ा.

NO MUKTIDHAM MORENA PANCHYAT
मुक्तिधाम नहीं होने की वजह से खुले में करना पड़ता अंतिम संस्कार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 10:48 PM IST

मुरैना: सरकारें विकास के कितने भी दावे कर ले, लेकिन उनके दावों की पोल अक्सर बारिश में खुल ही जाती है. मुरैना में भी सरकार के विकास के दावों की पोल खुल गई है. जिले की गौसपुर पंचायत में अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है. मुक्तिधाम नहीं होने के कारण परिजनों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए चार घंटे तक लाश को रखकर इंतजार करना पड़ा. बारिश बंद होने के बाद महिला का अंतिम संस्कार किया जा सका. घटना का वीडियो भी सामने आया है.

बारिश रुकने के बाद अंतिम संस्कार करते हुए (ETV Bharat)

अंतिम संस्कार के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा

मुरैना जिले में कई पंचायतें ऐसी हैं, जहां अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है. जिस वजह से बारिश के सीजन में स्थानीय लोगों को शव का अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ताजा मामला गौसपुर पंचायत का है. जहां लगभग 1500 की आबादी वाले छते का पुरा गांव में एक महिला की मौत हो गई थी. परिजन शव को अंतिम संस्कार करने के लिए पास के एक खाली पड़ी सरकारी जमीन में लेकर जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन तभी बारिश शुरू हो गई. परिजनों को बारिश बंद होने के लिए चार घंटे का इंतजार करना पड़ा. बारिश बंद होने के बाद खुले में महिला का अंतिम संस्कार किया गया. खुले में अंतिम संस्कार का वीडियो भी सामने आया है.

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'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है'

अंतिम संस्कार के लिए बारिश के बंद होने का इंतजार करने फिर उसके बाद खुले में अंतिम संस्कार का यह पहला मामला नहीं है. इस साल जुलाई में अभी तक पांच बार ऐसा मामला सामने आ चुका है. पंचायत में मुक्तिधाम नहीं होने की जानकारी अपर कलेक्टर चन्द्रभूषण प्रसाद को मिली. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा, अगर इस तरह का मामला है तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सभी पंचायतों में मुक्तिधाम की व्यवस्था की गई है लेकिन गौसपुर पंचायत में कैसे अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है, इसकी मुझे डिटेल में जानकारी तो नहीं है, लेकिन मैं जिला पंचायत सीईओ से इसके बारे में जरूर बात करूंगा. उनसे मामले की जानकारी लुगा.

मुरैना: सरकारें विकास के कितने भी दावे कर ले, लेकिन उनके दावों की पोल अक्सर बारिश में खुल ही जाती है. मुरैना में भी सरकार के विकास के दावों की पोल खुल गई है. जिले की गौसपुर पंचायत में अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है. मुक्तिधाम नहीं होने के कारण परिजनों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए चार घंटे तक लाश को रखकर इंतजार करना पड़ा. बारिश बंद होने के बाद महिला का अंतिम संस्कार किया जा सका. घटना का वीडियो भी सामने आया है.

बारिश रुकने के बाद अंतिम संस्कार करते हुए (ETV Bharat)

अंतिम संस्कार के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा

मुरैना जिले में कई पंचायतें ऐसी हैं, जहां अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है. जिस वजह से बारिश के सीजन में स्थानीय लोगों को शव का अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ताजा मामला गौसपुर पंचायत का है. जहां लगभग 1500 की आबादी वाले छते का पुरा गांव में एक महिला की मौत हो गई थी. परिजन शव को अंतिम संस्कार करने के लिए पास के एक खाली पड़ी सरकारी जमीन में लेकर जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन तभी बारिश शुरू हो गई. परिजनों को बारिश बंद होने के लिए चार घंटे का इंतजार करना पड़ा. बारिश बंद होने के बाद खुले में महिला का अंतिम संस्कार किया गया. खुले में अंतिम संस्कार का वीडियो भी सामने आया है.

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'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है'

अंतिम संस्कार के लिए बारिश के बंद होने का इंतजार करने फिर उसके बाद खुले में अंतिम संस्कार का यह पहला मामला नहीं है. इस साल जुलाई में अभी तक पांच बार ऐसा मामला सामने आ चुका है. पंचायत में मुक्तिधाम नहीं होने की जानकारी अपर कलेक्टर चन्द्रभूषण प्रसाद को मिली. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा, अगर इस तरह का मामला है तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सभी पंचायतों में मुक्तिधाम की व्यवस्था की गई है लेकिन गौसपुर पंचायत में कैसे अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है, इसकी मुझे डिटेल में जानकारी तो नहीं है, लेकिन मैं जिला पंचायत सीईओ से इसके बारे में जरूर बात करूंगा. उनसे मामले की जानकारी लुगा.

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