मुरैना: मध्य प्रदेश के कई जिलों के ग्रामीणों क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के पास खुद के भवन भी नहीं हैं. ऐसा ही एक मामला जिले की पोरसा जनपद के एक गांव का सामने आया है. जहां पिछले 9 वर्षों से प्राथमिक स्कूल किराए के भवन में चल रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा किराया नहीं दिए जाने के कारण कभी भी खाली कराया जा सकता है.
किराए के मकान में स्कूल संचालित
मध्य प्रदेश में शासकीय स्कूलों की दुर्दशा के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. कहीं भवन जर्जर, तो किसी स्कूल के पास भवन नहीं है. ऐसा ही एक भवन विहीन प्राथमिक स्कूल पोरसा ब्लॉक के जसवंत नगर का है. जहां सालों से किराए के एक कमरे में स्कूल चलाया जा रहा है. उसका भी किराया नहीं भरा गया तो अब भवन मालिक इसे खाली कराने की बात कह रहा है. जिससे स्कूल के लिए भवन का संकट आ गया है और इसके चलते एक बार फिर से बच्चे आने वाली सर्दियों में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर होंगे.
9 साल से स्कूल ने नहीं दिया किराया
जिले के पोरसा ब्लॉक की धोर्रा पंचायत के जसवंत नगर का शासकीय प्राथमिक विद्यालय 300 रुपये किराए में मदन मोहन के घर के एक कमरे में संचालित किया जा रहा है. जिसका पिछले नौ साल से किराया आज तक नहीं दिया गया है. इसकी शिकायत बीआरसी कार्यालय में की जा चुकी है. किराया न मिलने पर अब मदनमोहन स्कूल को घर से खाली करने की बात कह रहे हैं. मकान मालिक की मानें तो 300 रुपए माह किराये के हिसाब से पिछले 9 वर्षों का किराया 32 हजार से 400 रुपए के करीब बताया जा रहा है.
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11 छात्र और दो शिक्षक का है स्कूल
आपको बता दें स्कूल में कुल 11 छात्र संख्या है और दो शिक्षिका पदस्थ हैं. जिनमें से एक को बीआरसीसी कार्यालय में अटैच किया हुआ है. स्कूल में रोजाना सिर्प 5 बच्चे ही आते हैं. जहां विद्यालय संचालित है, वहां स्कूल के नाम का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. संस्था प्रभारी संध्या मेहर ने बताया कि 'विद्यालय कहीं पेड़ के नीचे, तो कहीं प्राइवेट मकान में संचालित हो रहा है.'