ETV Bharat / state

मुरैना में किराए के मकान में शिक्षा का मंदिर, स्कूल प्रशासन ने 9 साल से नहीं भरा किराया

मुरैना जिले के एक गांव में किराए के मकान में सरकारी स्कूल संचालित किया जा रहा है.

MORENA GOVT SCHOOL RENT ISSUE
मुरैना में किराए के मकान में शिक्षा का मंदिर (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 4:21 PM IST

मुरैना: मध्य प्रदेश के कई जिलों के ग्रामीणों क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के पास खुद के भवन भी नहीं हैं. ऐसा ही एक मामला जिले की पोरसा जनपद के एक गांव का सामने आया है. जहां पिछले 9 वर्षों से प्राथमिक स्कूल किराए के भवन में चल रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा किराया नहीं दिए जाने के कारण कभी भी खाली कराया जा सकता है.

किराए के मकान में स्कूल संचालित

मध्य प्रदेश में शासकीय स्कूलों की दुर्दशा के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. कहीं भवन जर्जर, तो किसी स्कूल के पास भवन नहीं है. ऐसा ही एक भवन विहीन प्राथमिक स्कूल पोरसा ब्लॉक के जसवंत नगर का है. जहां सालों से किराए के एक कमरे में स्कूल चलाया जा रहा है. उसका भी किराया नहीं भरा गया तो अब भवन मालिक इसे खाली कराने की बात कह रहा है. जिससे स्कूल के लिए भवन का संकट आ गया है और इसके चलते एक बार फिर से बच्चे आने वाली सर्दियों में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर होंगे.

स्कूल ने नहीं भरा किराया (ETV Bharat)

9 साल से स्कूल ने नहीं दिया किराया

जिले के पोरसा ब्लॉक की धोर्रा पंचायत के जसवंत नगर का शासकीय प्राथमिक विद्यालय 300 रुपये किराए में मदन मोहन के घर के एक कमरे में संचालित किया जा रहा है. जिसका पिछले नौ साल से किराया आज तक नहीं दिया गया है. इसकी शिकायत बीआरसी कार्यालय में की जा चुकी है. किराया न मिलने पर अब मदनमोहन स्कूल को घर से खाली करने की बात कह रहे हैं. मकान मालिक की मानें तो 300 रुपए माह किराये के हिसाब से पिछले 9 वर्षों का किराया 32 हजार से 400 रुपए के करीब बताया जा रहा है.

Govt School Running in Rented House
किराए के मकान में स्कूल संचालित (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

बच्चों की राह ताक रहे स्कूल, हजारों स्कूलों में किसी ने नहीं लिया एडमिशन, जीरो ईयर की नौबत

गजब की गुरुजी! शिक्षक ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, निजी खर्च पर हाई टेक्नोलॉजी की सुविधा

11 छात्र और दो शिक्षक का है स्कूल

आपको बता दें स्कूल में कुल 11 छात्र संख्या है और दो शिक्षिका पदस्थ हैं. जिनमें से एक को बीआरसीसी कार्यालय में अटैच किया हुआ है. स्कूल में रोजाना सिर्प 5 बच्चे ही आते हैं. जहां विद्यालय संचालित है, वहां स्कूल के नाम का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. संस्था प्रभारी संध्या मेहर ने बताया कि 'विद्यालय कहीं पेड़ के नीचे, तो कहीं प्राइवेट मकान में संचालित हो रहा है.'

मुरैना: मध्य प्रदेश के कई जिलों के ग्रामीणों क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के पास खुद के भवन भी नहीं हैं. ऐसा ही एक मामला जिले की पोरसा जनपद के एक गांव का सामने आया है. जहां पिछले 9 वर्षों से प्राथमिक स्कूल किराए के भवन में चल रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा किराया नहीं दिए जाने के कारण कभी भी खाली कराया जा सकता है.

किराए के मकान में स्कूल संचालित

मध्य प्रदेश में शासकीय स्कूलों की दुर्दशा के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. कहीं भवन जर्जर, तो किसी स्कूल के पास भवन नहीं है. ऐसा ही एक भवन विहीन प्राथमिक स्कूल पोरसा ब्लॉक के जसवंत नगर का है. जहां सालों से किराए के एक कमरे में स्कूल चलाया जा रहा है. उसका भी किराया नहीं भरा गया तो अब भवन मालिक इसे खाली कराने की बात कह रहा है. जिससे स्कूल के लिए भवन का संकट आ गया है और इसके चलते एक बार फिर से बच्चे आने वाली सर्दियों में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर होंगे.

स्कूल ने नहीं भरा किराया (ETV Bharat)

9 साल से स्कूल ने नहीं दिया किराया

जिले के पोरसा ब्लॉक की धोर्रा पंचायत के जसवंत नगर का शासकीय प्राथमिक विद्यालय 300 रुपये किराए में मदन मोहन के घर के एक कमरे में संचालित किया जा रहा है. जिसका पिछले नौ साल से किराया आज तक नहीं दिया गया है. इसकी शिकायत बीआरसी कार्यालय में की जा चुकी है. किराया न मिलने पर अब मदनमोहन स्कूल को घर से खाली करने की बात कह रहे हैं. मकान मालिक की मानें तो 300 रुपए माह किराये के हिसाब से पिछले 9 वर्षों का किराया 32 हजार से 400 रुपए के करीब बताया जा रहा है.

Govt School Running in Rented House
किराए के मकान में स्कूल संचालित (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

बच्चों की राह ताक रहे स्कूल, हजारों स्कूलों में किसी ने नहीं लिया एडमिशन, जीरो ईयर की नौबत

गजब की गुरुजी! शिक्षक ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, निजी खर्च पर हाई टेक्नोलॉजी की सुविधा

11 छात्र और दो शिक्षक का है स्कूल

आपको बता दें स्कूल में कुल 11 छात्र संख्या है और दो शिक्षिका पदस्थ हैं. जिनमें से एक को बीआरसीसी कार्यालय में अटैच किया हुआ है. स्कूल में रोजाना सिर्प 5 बच्चे ही आते हैं. जहां विद्यालय संचालित है, वहां स्कूल के नाम का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. संस्था प्रभारी संध्या मेहर ने बताया कि 'विद्यालय कहीं पेड़ के नीचे, तो कहीं प्राइवेट मकान में संचालित हो रहा है.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.