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मुरैना जिला अस्पताल में महिला व नवजात बच्चे की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, लगाए गंभीर आरोप - Morena District Hospital Woman dies

मुरैना के जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स व प्रबंधन की लापरवाही से मौत के दो अलग-अलग मामले सामने आए है. एक मामले में गर्भवती महिला ने समय पर इलाज ना मिलने पर दम तोड़ दिया. वहीं दूसरे मामले में जन्म लेते ही बच्चे की मौत हो गई.

MORENA DISTRICT HOSPITAL WOMAN DIES
मुरैना जिला अस्पताल में महिला व नवजात बच्चे की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 10:46 PM IST

मुरैना। जिला अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से मरीजों की मौत के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. इसी क्रम में मंगलवार को 28 वर्षीय महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई. महिला की मौत से आक्रोशित परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया. बता दें कि अस्पताल से अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते है, लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन हर बार लोगों को गुमराह कर देता है. जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

जिला अस्पताल में बच्चे की मौत (ETV Bharat)

समय पर इलाज ना मिलने से गर्भवती महिला की मौत

पीड़ित राजू गुर्जर निवासी जोरा ने बताया कि मंगलवार को 28 वर्षीय पत्नी रेणु गुर्जर को दर्द के चलते जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए लेकर पहुंचे थे. इस दौरान उनको ब्लीडिंग चालू हो गई, लेकिन स्टाफ नर्स महिला के परिवार को कागजी खाना पूर्ति में उलझा कर चली गई और कोई इलाज नहीं किया. समय पर उपचार ना मिलने के कारण महिला की मौत हो गई. महिला की मौत से आहत परिवार ने अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया और मौत के लिए प्रसूता विभाग की महिला स्टाफ को दोषी बताया. हंगामा होते देख डॉक्टर परिवार को समझाने में जुट गए.

नर्स की लापरवाही से नवजात बच्चे की मौत

इससे पूर्व बीती देर रात को जिला अस्पताल में एक और घटना सामने आई. गलेथा निवासी महिला गुड्डी ने बताया कि काशपूरा गलेथा निवासी रेखा जाटव को डिलीवरी के लिए रात 3 बजे जिला अस्पताल के प्रसूता विभाग में भर्ती कराया गया. जहां पर नर्स द्वारा उसके परिवार से ₹2 हजार रुपए की डिमांड की गई. रुपए नहीं देने पर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. रेखा के परिवार वालों के मुताबिक जब डिलीवरी हो रही थी, उस समय नर्स की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई.

यहां पढ़ें...

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सिविल सर्जन ने आरोपों का किया खंडन

इस घटना के बाद रात में महिला के परिजनों द्वारा काफी हंगामा किया. फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जब इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र तौमर से बात की तो उनका कहना था कि "महिला जौरा से ही मृत अवस्था में आई थी. परिजनों का आरोप गलत है. तो वहीं नवजात बच्चे की मौत वाले मामले में उन्होंने कहा की कोई भी नर्स ऐसा कृत्य नहीं कर सकती, जिससे की बच्चे की मौत हो जाए." इसके बाद उनका कहना था कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.'

मुरैना। जिला अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से मरीजों की मौत के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. इसी क्रम में मंगलवार को 28 वर्षीय महिला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई. महिला की मौत से आक्रोशित परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया. बता दें कि अस्पताल से अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते है, लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन हर बार लोगों को गुमराह कर देता है. जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

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समय पर इलाज ना मिलने से गर्भवती महिला की मौत

पीड़ित राजू गुर्जर निवासी जोरा ने बताया कि मंगलवार को 28 वर्षीय पत्नी रेणु गुर्जर को दर्द के चलते जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए लेकर पहुंचे थे. इस दौरान उनको ब्लीडिंग चालू हो गई, लेकिन स्टाफ नर्स महिला के परिवार को कागजी खाना पूर्ति में उलझा कर चली गई और कोई इलाज नहीं किया. समय पर उपचार ना मिलने के कारण महिला की मौत हो गई. महिला की मौत से आहत परिवार ने अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया और मौत के लिए प्रसूता विभाग की महिला स्टाफ को दोषी बताया. हंगामा होते देख डॉक्टर परिवार को समझाने में जुट गए.

नर्स की लापरवाही से नवजात बच्चे की मौत

इससे पूर्व बीती देर रात को जिला अस्पताल में एक और घटना सामने आई. गलेथा निवासी महिला गुड्डी ने बताया कि काशपूरा गलेथा निवासी रेखा जाटव को डिलीवरी के लिए रात 3 बजे जिला अस्पताल के प्रसूता विभाग में भर्ती कराया गया. जहां पर नर्स द्वारा उसके परिवार से ₹2 हजार रुपए की डिमांड की गई. रुपए नहीं देने पर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. रेखा के परिवार वालों के मुताबिक जब डिलीवरी हो रही थी, उस समय नर्स की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई.

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सिविल सर्जन ने आरोपों का किया खंडन

इस घटना के बाद रात में महिला के परिजनों द्वारा काफी हंगामा किया. फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जब इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र तौमर से बात की तो उनका कहना था कि "महिला जौरा से ही मृत अवस्था में आई थी. परिजनों का आरोप गलत है. तो वहीं नवजात बच्चे की मौत वाले मामले में उन्होंने कहा की कोई भी नर्स ऐसा कृत्य नहीं कर सकती, जिससे की बच्चे की मौत हो जाए." इसके बाद उनका कहना था कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.'

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