मुरैना: जिले की जौरा तहसील क्षेत्र के पगारा डैम के 6 गेट खुलने के बाद आसन नदी का रूप विकराल हो गया है. यही वजह है कि पानी से घिरे सुमावली क्षेत्र के घुरैयाबसई गांव का मुख्य सड़क से संपर्क टूट गया है. वहीं शुक्रवार को गर्भवती महिला नीतेश पत्नी देवेंद्र को प्रसव पीड़ा होने लगी. बाढ़ की वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी. सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ के प्लाूटन कमांडेंट दीपक राठौर अपनी टीम के साथ गांव में बोट लेकर पहुंचे और दर्द से कराहती महिला को वोट के जरिए गांव से बाहर निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया. जहां से उसे डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया.
नाव से महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया
सरपंच कौशल घुरैया ने बताया कि "पूरा गांव 2 दिन से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ था. ऐसे में गांव में डिलीवरी हो नहीं पा रही थी और गर्भवती महिला दर्द से बेहाल थी. वहीं पानी की वजह से गांव तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पा रही थी. जैसै ही इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी गई. सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम बोट लेकर गांव पहुंची और महिला को बोट के जरिए गांव से बाहर निकाला. इसके बाद गर्भवती महिला को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया.
प्रशासन ने की कंट्रोल रूम की व्यवस्था
प्लाटून कमांडर दीपक राठौड़ का कहना है कि, "डीएम कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि घुरैयाबसई में एक महिला फंसी हुई है. जिनका नाम नीतेश है, जो कि प्रेग्नेंट है. उन्हें नाव के जरिए बाहर निकलना है. बता दें कि आसन नदी के उफान पर चल रही है. जिसकी वजह से गांव में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. गांव का मुख्य सड़क से संपर्क टूट गया है. ग्रामीणों की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है."
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घुरैयाबसई गांव में पुल की आवश्यकता
सुमावली विधानसभा के घुरैया बसई गांव के रहने वाले करतार सिंह ने बताया कि "आसन नदी में पानी बढ़ जाने के कारण उनके गांव में यह तीसरी बार ऐसी स्थिति बनी है. जब भी इस प्रकार से भारी बारिश होती है, तो उनका गांव पानी में चारों ओर से फंस जाता है. इस गांव में पुल की आवश्यकता है और इसके लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से कहा भी जा चुका है, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ है. उक्त गांव में 4 हजार की आबादी है और आने जाने का एक रास्ता है."