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उत्तराखंड शीतकालीन चारधाम यात्रा का क्रेज, एक हफ्ते में 3000 से ज्यादा भक्तों ने की पूजा - UTTARAKHAND CHARDHAM

उत्तराखंड शीतकालीन यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह दिखने लगा है. काफी संख्या में भक्त चारोंधाम की शीतकालीन पूजा यात्रा में शामिल हो रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

रुद्रप्रयाग: बदरी-केदार मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का आह्वान किया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बीते आठ दिसंबर को चारधाम शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया. इसके बाद से ही तीर्थयात्री शीतकालीन पूजा स्थलों में दर्शनार्थ पहुंच रहे हैं. तीर्थयात्रियों में शीतकालीन यात्रा को लेकर उत्साह बढ़ रहा है.

बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचती है. द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोली भी शीतकालीन प्रवास पर ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचती है और ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन पूजाएं संपन्न होती हैं.

देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर में हो रहे हैं. इसके अलावा तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होती है, जहां पर शीतकालीन यात्रा दर्शन का तीर्थयात्री पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं.

इसी तरह भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने के बाद श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करते हैं और आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचती है. श्री योग बदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में भगवान बदरीविशाल की शीतकालीन पूजाएं संपन्न होती हैं.

बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मंदिर समिति ने शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किए जाने को लेकर प्रयास किये हैं. उन्होंने तीर्थ-यात्रियों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक संख्या में शीतकालीन पूजा स्थलों में पहुंचकर भगवान बदरी विशाल और भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त करें.

उन्होंने कहा कि अभी तक तीन हजार से अधिक तीर्थयात्री शीतकालीन पूजाओं में शामिल हुए हैं, जिनमें 2230 तीर्थयात्री पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, 65 तीर्थयात्री योगबदरी पांडुकेश्वर, 1069 तीर्थयात्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचकर पुण्य अर्जित कर चुके हैं.

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रुद्रप्रयाग: बदरी-केदार मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का आह्वान किया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बीते आठ दिसंबर को चारधाम शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया. इसके बाद से ही तीर्थयात्री शीतकालीन पूजा स्थलों में दर्शनार्थ पहुंच रहे हैं. तीर्थयात्रियों में शीतकालीन यात्रा को लेकर उत्साह बढ़ रहा है.

बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचती है. द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोली भी शीतकालीन प्रवास पर ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचती है और ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन पूजाएं संपन्न होती हैं.

देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर में हो रहे हैं. इसके अलावा तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होती है, जहां पर शीतकालीन यात्रा दर्शन का तीर्थयात्री पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं.

इसी तरह भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने के बाद श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करते हैं और आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचती है. श्री योग बदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में भगवान बदरीविशाल की शीतकालीन पूजाएं संपन्न होती हैं.

बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मंदिर समिति ने शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किए जाने को लेकर प्रयास किये हैं. उन्होंने तीर्थ-यात्रियों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक संख्या में शीतकालीन पूजा स्थलों में पहुंचकर भगवान बदरी विशाल और भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाओं में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त करें.

उन्होंने कहा कि अभी तक तीन हजार से अधिक तीर्थयात्री शीतकालीन पूजाओं में शामिल हुए हैं, जिनमें 2230 तीर्थयात्री पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, 65 तीर्थयात्री योगबदरी पांडुकेश्वर, 1069 तीर्थयात्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचकर पुण्य अर्जित कर चुके हैं.

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