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उत्तराखंड के VVIP जिले पौड़ी गढ़वाल में 210 पुलिस अफसरों-कर्मचारियों की कमी, बढ़ती आपराधिक घटनाएं चुनौती बनीं

पौड़ी में डीएसपी के 4 पदों में से 3 खाली, 4 इंस्पेक्टर, 17 एसआई और एसएसआई समेत कांस्टेबल के 189 पद खाली

PAURI GARHWAL POLICE POST VACANT
पौड़ी गढ़वाल में पुलिस की कमी (PHOTO- ETV BHARAT+@Pauri District Administration)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

श्रीनगर: पौड़ी जिले में एक तरफ आपराधिक घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जिले का पुलिस विभाग इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. ये हाल तब हैं, जब जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगी हुई है. ऐसे में कानून व्यवस्था को बनाये रखना, पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

पौड़ी में पुलिस अधिकारियों की कमी: पौड़ी जिले में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी पुलिस विभाग की सरदर्दी बढ़ा रही है. जिले में पुलिस उपाधीक्षक (Deputy Superintendent of Police) के चार पद हैं. पुलिस उपाधीक्षकों के हाल ही में हुए ट्रांसफर के कारण जिले में अब सिर्फ एक पुलिस उपाधीक्षक है. वो भी फिलहाल मातृत्व अवकाश पर हैं. ऐसे में पूरा जिला बगैर सीओ के ही चल रहा है.

पौड़ी जिले में पुलिस का टोटा (VIDEO- ETV Bharat)

बड़ी संख्या में कर्मचारी भी हैं कम: इसके साथ ही जिले में इंस्पेक्टर के 4 और एसआई के 17, एसएसआई और कांस्टेबल के 189 पद खाली हैं. इससे कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जिले में कई दफा लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन बिगड़ी है, जिसे संभाल पाना पुलिस के लिए कड़ी चुनौती बना. अब जबकि जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगती है, ऐसे में पुलिस अधिकारी कर्मचारियों का टोटा कानून व्यवस्था को बिगाड़ रहा है. पूरे जिले में अब भी 50 से अधिक आपराधिक केस पेंडिंग हैं. वहीं पुलिस बल की भारी कमी से सेवारत कर्मचारियों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है.

पुलिस विभाग की हर शाखा में मैन पावर का टोटा: ये हालात सिर्फ सिविल पुलिस की ही नहीं हैं, बल्कि पुलिस विभाग के सभी शाखा कार्यालयों में भी कमोवेश यही स्थिति बनी हुई है. सशस्त्र पुलिस शाखा, परिवहन शाखा, एलआईयू, फायर सर्विस, जल पुलिस, लिपिक संपर्क में भी अधिकारी कर्मचारियों के कई पद रिक्त पड़े हुए हैं. पौड़ी जिले के एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

पौड़ी जिले में ही हुआ था अंकिता भंडारी हत्याकांड: गौरतलब है कि पौड़ी जिला अपराध की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है. यहां दो साल पहले चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड हुआ था. पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. 8 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी अचानक लापता हो गई थी.

जब पूरे राज्य के साथ देशभर में अंकिता भंडारी मामले की गूंज हुई तो पुलिस ने वनंतरा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या और उसके दो कर्मचारी साथियों सौरभ भाष्कर और अंकित गुप्ता को पकड़ा. इन लोगों ने खुलासा किया कि उन्होंने अंकिता भंडारी को 18 सितंबर 2022 को चीला नहर में धक्का दे दिया था. पुलकित आर्या, बीजेपी के निष्कासित नेता विनोद आर्या का बेटा है. अंकिता भंडारी की हत्या के तीनों आरोपी अभी जेल में बंद हैं और मामला कोर्ट में चल रहा है.
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श्रीनगर: पौड़ी जिले में एक तरफ आपराधिक घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जिले का पुलिस विभाग इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. ये हाल तब हैं, जब जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगी हुई है. ऐसे में कानून व्यवस्था को बनाये रखना, पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

पौड़ी में पुलिस अधिकारियों की कमी: पौड़ी जिले में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी पुलिस विभाग की सरदर्दी बढ़ा रही है. जिले में पुलिस उपाधीक्षक (Deputy Superintendent of Police) के चार पद हैं. पुलिस उपाधीक्षकों के हाल ही में हुए ट्रांसफर के कारण जिले में अब सिर्फ एक पुलिस उपाधीक्षक है. वो भी फिलहाल मातृत्व अवकाश पर हैं. ऐसे में पूरा जिला बगैर सीओ के ही चल रहा है.

पौड़ी जिले में पुलिस का टोटा (VIDEO- ETV Bharat)

बड़ी संख्या में कर्मचारी भी हैं कम: इसके साथ ही जिले में इंस्पेक्टर के 4 और एसआई के 17, एसएसआई और कांस्टेबल के 189 पद खाली हैं. इससे कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. जिले में कई दफा लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन बिगड़ी है, जिसे संभाल पाना पुलिस के लिए कड़ी चुनौती बना. अब जबकि जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगती है, ऐसे में पुलिस अधिकारी कर्मचारियों का टोटा कानून व्यवस्था को बिगाड़ रहा है. पूरे जिले में अब भी 50 से अधिक आपराधिक केस पेंडिंग हैं. वहीं पुलिस बल की भारी कमी से सेवारत कर्मचारियों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है.

पुलिस विभाग की हर शाखा में मैन पावर का टोटा: ये हालात सिर्फ सिविल पुलिस की ही नहीं हैं, बल्कि पुलिस विभाग के सभी शाखा कार्यालयों में भी कमोवेश यही स्थिति बनी हुई है. सशस्त्र पुलिस शाखा, परिवहन शाखा, एलआईयू, फायर सर्विस, जल पुलिस, लिपिक संपर्क में भी अधिकारी कर्मचारियों के कई पद रिक्त पड़े हुए हैं. पौड़ी जिले के एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

पौड़ी जिले में ही हुआ था अंकिता भंडारी हत्याकांड: गौरतलब है कि पौड़ी जिला अपराध की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है. यहां दो साल पहले चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड हुआ था. पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. 8 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी अचानक लापता हो गई थी.

जब पूरे राज्य के साथ देशभर में अंकिता भंडारी मामले की गूंज हुई तो पुलिस ने वनंतरा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या और उसके दो कर्मचारी साथियों सौरभ भाष्कर और अंकित गुप्ता को पकड़ा. इन लोगों ने खुलासा किया कि उन्होंने अंकिता भंडारी को 18 सितंबर 2022 को चीला नहर में धक्का दे दिया था. पुलकित आर्या, बीजेपी के निष्कासित नेता विनोद आर्या का बेटा है. अंकिता भंडारी की हत्या के तीनों आरोपी अभी जेल में बंद हैं और मामला कोर्ट में चल रहा है.
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