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इंडो नेपाल सीमा पर मोरारी बापू करेंगे रामकथा वाचन, 1 से 9 जून तक देश-विदेश से जुटेंगे भक्त - Murari Bapu recite Ram Katha - MURARI BAPU RECITE RAM KATHA

Ram Katha in Valmikinagar धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी संगम पर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी. वहीं माता जानकी ने लव कुश को जन्म देकर इसी इलाके से सटे वियावान जंगल स्थित भूमि से पाताल लोक को साध गईं थी. अब इसी जगर पर मोरारी बापू राम कथा वाचन करने जा रहे हैं. तैयारी पूरी कर ली गयी है. पढ़ें, विस्तार से.

मोरारी बापू
मोरारी बापू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 31, 2024, 5:33 PM IST

वाल्मीकिनगर: इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकिनगर में संत मोरारी बापू रामकथा का वाचन करेंगे. 1 जून से राम कथा शुरू होगा जो 9 जून तक चलेगा. प्रसिद्ध राम कथा वाचक मोरारी बापू के कथा वाचन के लिए गंडक बराज कंट्रोलरूम के समीप बड़ा वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है. तकरीबन 15 हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

वाल्मीकिनगर में मोरारी बापू रामकथा करेंगे. (ETV Bharat)
वाल्मीकिनगर के होटल फुल हुए: महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि और लवकुश की जन्मस्थली वाल्मीकिनगर में इस तरह का यह पहला कार्यक्रम होगा. लिहाजा लोगों में काफी उत्सुकता है. बताया जा रहा है कि रामकथा सुनने के लिए देश विदेश से भक्त पहुंचने वाले है. खासकर सीमावर्ती देश नेपाल से बड़ी संख्या में श्रोताओं को पहुंचने का अनुमान है. बाहर से आने वाले भक्तों को ठहरने के लिए वाल्मीकिनगर के लगभग सभी होटलों की बुकिंग फुल हो चुकी है.
राम कथा की तैयारी.
राम कथा की तैयारी. (ETV Bharat)

मुरारी बापू के लिए कुटिया तैयार की गयीः आयोजन स्थल पर श्रोताओं के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है. 15 हजार लोगों के लिए भंडारा का आयोजन किया जा रहा है. मोरारी बापू के लिए एक रिसॉर्ट में 5 लाख की लागत से एक विशेष कुटिया तैयार की गयी है. जिसमें हवन कुंड और शयन कक्ष भारतीय शिल्पकला के तर्ज पर तैयार किया गया है. आयोजकों ने बताया कि रामकथा के लिए मोरारी बापू ने त्रिवेणी संगम को कथा स्थल के लिए चुना है.

मोरारी बापू रामकथा करेंगे.
मोरारी बापू रामकथा करेंगे. (ETV Bharat)

रामकथा के लिए क्यों चुना गया इस जगह कोः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी. वहीं माता जानकी ने लव कुश को जन्म देकर इसी इलाके से सटे वियावान जंगल स्थित भूमि से पाताल लोक को साध गईं थी. लिहाजा रामायण सर्किट से जुड़ने वाला वाल्मीकिनगर बेहद ख़ास तीर्थंस्थल है. फिलहाल वाल्मीकिनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नेपाल सरकार से भी सहयोग मांगा गया है.

इसे भी पढ़ेंः ऋषिकेश से 12 ज्योतिर्लिंग की रामकथा यात्रा का शुभारंभ, चली स्पेशल ट्रेन, मोरारी बापू ने दिखाई हरी झंडी

वाल्मीकिनगर: इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकिनगर में संत मोरारी बापू रामकथा का वाचन करेंगे. 1 जून से राम कथा शुरू होगा जो 9 जून तक चलेगा. प्रसिद्ध राम कथा वाचक मोरारी बापू के कथा वाचन के लिए गंडक बराज कंट्रोलरूम के समीप बड़ा वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है. तकरीबन 15 हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

वाल्मीकिनगर में मोरारी बापू रामकथा करेंगे. (ETV Bharat)
वाल्मीकिनगर के होटल फुल हुए: महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि और लवकुश की जन्मस्थली वाल्मीकिनगर में इस तरह का यह पहला कार्यक्रम होगा. लिहाजा लोगों में काफी उत्सुकता है. बताया जा रहा है कि रामकथा सुनने के लिए देश विदेश से भक्त पहुंचने वाले है. खासकर सीमावर्ती देश नेपाल से बड़ी संख्या में श्रोताओं को पहुंचने का अनुमान है. बाहर से आने वाले भक्तों को ठहरने के लिए वाल्मीकिनगर के लगभग सभी होटलों की बुकिंग फुल हो चुकी है.
राम कथा की तैयारी.
राम कथा की तैयारी. (ETV Bharat)

मुरारी बापू के लिए कुटिया तैयार की गयीः आयोजन स्थल पर श्रोताओं के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है. 15 हजार लोगों के लिए भंडारा का आयोजन किया जा रहा है. मोरारी बापू के लिए एक रिसॉर्ट में 5 लाख की लागत से एक विशेष कुटिया तैयार की गयी है. जिसमें हवन कुंड और शयन कक्ष भारतीय शिल्पकला के तर्ज पर तैयार किया गया है. आयोजकों ने बताया कि रामकथा के लिए मोरारी बापू ने त्रिवेणी संगम को कथा स्थल के लिए चुना है.

मोरारी बापू रामकथा करेंगे.
मोरारी बापू रामकथा करेंगे. (ETV Bharat)

रामकथा के लिए क्यों चुना गया इस जगह कोः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी. वहीं माता जानकी ने लव कुश को जन्म देकर इसी इलाके से सटे वियावान जंगल स्थित भूमि से पाताल लोक को साध गईं थी. लिहाजा रामायण सर्किट से जुड़ने वाला वाल्मीकिनगर बेहद ख़ास तीर्थंस्थल है. फिलहाल वाल्मीकिनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नेपाल सरकार से भी सहयोग मांगा गया है.

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