वाल्मीकिनगर: इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकिनगर में संत मोरारी बापू रामकथा का वाचन करेंगे. 1 जून से राम कथा शुरू होगा जो 9 जून तक चलेगा. प्रसिद्ध राम कथा वाचक मोरारी बापू के कथा वाचन के लिए गंडक बराज कंट्रोलरूम के समीप बड़ा वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है. तकरीबन 15 हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
मुरारी बापू के लिए कुटिया तैयार की गयीः आयोजन स्थल पर श्रोताओं के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है. 15 हजार लोगों के लिए भंडारा का आयोजन किया जा रहा है. मोरारी बापू के लिए एक रिसॉर्ट में 5 लाख की लागत से एक विशेष कुटिया तैयार की गयी है. जिसमें हवन कुंड और शयन कक्ष भारतीय शिल्पकला के तर्ज पर तैयार किया गया है. आयोजकों ने बताया कि रामकथा के लिए मोरारी बापू ने त्रिवेणी संगम को कथा स्थल के लिए चुना है.
रामकथा के लिए क्यों चुना गया इस जगह कोः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी. वहीं माता जानकी ने लव कुश को जन्म देकर इसी इलाके से सटे वियावान जंगल स्थित भूमि से पाताल लोक को साध गईं थी. लिहाजा रामायण सर्किट से जुड़ने वाला वाल्मीकिनगर बेहद ख़ास तीर्थंस्थल है. फिलहाल वाल्मीकिनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नेपाल सरकार से भी सहयोग मांगा गया है.
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