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उत्तराखंड में इन्वेस्टमेंट के नाम पर दी गई जमीनों की रिपोर्ट करें सार्वजनिक, समिति ने रखी ये मांग - Investment Land Report Uttarakhand

Investment Land Report in Uttarakhand उत्तराखंड में इन्वेस्टमेंट के नाम पर दी गई जमीनों की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए और 30 साल से रह रहे व्यक्ति को 200 वर्ग मीटर जमीन ही दिया जाए. यह मांग और पैरवी मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने की है.

Mul Niwas Bhu Kanun Samnwy Sanghrsh Samiti
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष के पदाधिकारी (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 1, 2024, 6:39 PM IST

Updated : Oct 1, 2024, 7:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मूल निवास 1950 और सशक्त भू कानून लागू करने की मांग लगातार तेज रही है. इस मांग को धार देने के लिए मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति बनाया गया है. इस समिति के बैनर तले कई बड़े आंदोलन और रैलियां निकल चुकी है. अब मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर दी गई जमीनों की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाई है. साल ही 30 साल से रह रहे व्यक्ति को 200 वर्ग मीटर जमीन दिए जाने की पैरवी भी की.

जनता की भावनाओं के अनुरूप हो भू कानून: मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी का कहना है कि मूल निवास और भूमि कानून जनता की भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए. साल 2022 में भू कानून को लेकर सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए और उद्योगों के नाम पर दी गई जमीनों का ब्यौरा भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए. जमीन का उस प्रयोजन की बजाय प्रॉपर्टी डीलिंग का काम चल रहा है, ऐसे कई सारे मामले सामने आ रहे हैं.

मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

30 साल से रह रहे व्यक्ति को ही घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर तक की जमीन मिले: इसके अलावा 30 साल से रह रहे व्यक्ति को ही घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर तक की जमीन दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी कानून विधानसभा में पारित होने से पहले पब्लिक डोमेन में जरूर रखा जाए. उन्होंने सरकार से भू कानून को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाने की मांग उठाई. इस बैठक में संघर्ष समिति के लोगों को शामिल करके भू कानून और मूल निवास पर चर्चा होनी चाहिए.

केदारनाथ समेत इन जगहों पर निकली जाएगी स्वाभिमान महारैली: वहीं, बैठक में निकले नतीजे के आधार पर भू कानून को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया जाए और उसे ही कानून का रूप दिया जाए. उन्होंने आंदोलन की रणनीति को लेकर कहा कि केदारनाथ में जल्द स्वाभिमान महारैली आयोजित की जाएगी. उसके बाद हरिद्वार, पिथौरागढ़, रामनगर, पौड़ी, विकासनगर समेत कई हिस्सों में भी स्वाभिमान महा रैलियां आयोजित की जाएगी.

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देहरादून: उत्तराखंड में मूल निवास 1950 और सशक्त भू कानून लागू करने की मांग लगातार तेज रही है. इस मांग को धार देने के लिए मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति बनाया गया है. इस समिति के बैनर तले कई बड़े आंदोलन और रैलियां निकल चुकी है. अब मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर दी गई जमीनों की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाई है. साल ही 30 साल से रह रहे व्यक्ति को 200 वर्ग मीटर जमीन दिए जाने की पैरवी भी की.

जनता की भावनाओं के अनुरूप हो भू कानून: मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी का कहना है कि मूल निवास और भूमि कानून जनता की भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए. साल 2022 में भू कानून को लेकर सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए और उद्योगों के नाम पर दी गई जमीनों का ब्यौरा भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए. जमीन का उस प्रयोजन की बजाय प्रॉपर्टी डीलिंग का काम चल रहा है, ऐसे कई सारे मामले सामने आ रहे हैं.

मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

30 साल से रह रहे व्यक्ति को ही घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर तक की जमीन मिले: इसके अलावा 30 साल से रह रहे व्यक्ति को ही घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर तक की जमीन दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी कानून विधानसभा में पारित होने से पहले पब्लिक डोमेन में जरूर रखा जाए. उन्होंने सरकार से भू कानून को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाने की मांग उठाई. इस बैठक में संघर्ष समिति के लोगों को शामिल करके भू कानून और मूल निवास पर चर्चा होनी चाहिए.

केदारनाथ समेत इन जगहों पर निकली जाएगी स्वाभिमान महारैली: वहीं, बैठक में निकले नतीजे के आधार पर भू कानून को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया जाए और उसे ही कानून का रूप दिया जाए. उन्होंने आंदोलन की रणनीति को लेकर कहा कि केदारनाथ में जल्द स्वाभिमान महारैली आयोजित की जाएगी. उसके बाद हरिद्वार, पिथौरागढ़, रामनगर, पौड़ी, विकासनगर समेत कई हिस्सों में भी स्वाभिमान महा रैलियां आयोजित की जाएगी.

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Last Updated : Oct 1, 2024, 7:19 PM IST
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