जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम ने उपभोक्ता से विज्ञापन वाले कैरी बैग के रुपए वसूलने पर शॉपर्स स्टॉप पर 6500 रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने कैरी बैग के लिए वसूली गई 9 रुपए की राशि ब्याज सहित लौटाने को कहा है. आयोग अध्यक्ष सूबे सिंह यादव और सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश जसवंत शर्मा के परिवाद पर दिए.
परिवाद में अधिवक्ता राजकुमार टोंगावत ने कहा कि परिवादी 16 जून, 2019 को कपड़े खरीदने शॉपर्स स्टॉप गया था. जहां उसने कपड़े खरीदकर 5111 रुपए का बिल चुकाया. इस दौरान उसे पता चला कि दुकानदार ने बिल में कैरी बैग के 9 रुपए जोड़े हैं. जबकि उस बैग पर शॉपर्स स्टॉप का विज्ञापन था. इस पर परिवादी ने बैग नहीं लेने का हवाला देते हुए 9 रुपए वापस मांगे, लेकिन दुकानदार ने रुपए देने से इनकार कर दिया. परिवाद में कहा गया कि परिवादी से कैरी बैग की राशि वसूल करना सेवा दोष की श्रेणी में आता है. ऐसे में उसे मानसिक संताप के तौर पर क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए.
इसके जवाब में विक्रेता की ओर से अधिवक्ता आलोक जैन ने कहा कि खरीदारी के दौरान परिवादी ने कैरी बैग मांगा था और उसके कर्मचारी ने बता दिया था कि कंपनी की पॉलिसी के तहत बैग फ्री नहीं दिया जाता है. इसकी जानकारी होने पर परिवादी स्वेच्छा से कैरी बैग की राशि देकर बैग लिया था. ऐसे में विक्रेता की ओर से किसी तरह का सेवा दोष नहीं किया गया है. इसलिए परिवाद को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग ने माना कि कैरी बैग के लिए उपभोक्ता से वसूली करना गलत है. इसके साथ ही अदालत ने दुकानदार पर हर्जाना लगाया है.