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मजलिस और मातम में अजादारो ने नम आंखों से इमाम हुसैन को याद किया - muharram 2024

मुहर्रम के मौके पर सभी इमामबाड़ों में हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी हजरत इमाम हुसैन के गम में आयोजित हो रही मजलिस में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, कि हमें इमाम हुसैन के बताए रास्ते को अपनाना चाहिए.

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नम आंखों से इमाम हुसैन को किया गया याद (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 14, 2024, 9:30 AM IST

लखनऊ: इमामबाड़ा गुफरानमआब में अशरा ए मुहर्रम की छठी मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने खिताब करते हुए कहा, कि मुस्लमान होने के लिए शर्त है कि रसूले इस्लाम (स.अ.व) के सीरत और सुन्नत पर एतेकाद हो. अगर कोई रसूले इस्लाम (स.अ.व) की हदीस और सुन्नत की मुखालिफत करे तो मुसलमान नहीं हो सकता. वही, बड़ा इमामबाड़ा में आग पर मातम कर अजादरों ने इमाम हुसैन को याद किया. उनकी शहादत के मंजर याद कर बच्चों से लेकर बड़े तक रोने लगे.

मौलाना ने कहा, कि रसूले इस्लाम (स.अ.व) ने फरमाया, कि मैं तुम्हारे बीच दो चीजें छोड़ कर जा रहा हूं. एक खुदा की किताब है और दूसरे मेरे अहलेबैत (अ.स.) अगर इनके दामन को थामे रहोगे तो कभी गुमराह नहीं होंगे, यहाँ तक कि ये हौज़े कौसर पर मेरे पास पहुंच जाएं. उन्होंने कहा, कि कुरान और अहलेबैत (अ.स.) से तमस्सुक के बगैर निजात मुमकिन नहीं है. मौलाना ने वक्फ कर्बला अब्बास बाग को लेकर विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में एलान करते हुए कहा, कि डीएम ने हमारी मांग मान ली है, इसलिए अब उनके आवास पर कोई प्रदर्शन नहीं होगा. लेकिन, पुलिस अभी भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसलिए कल 7 मुहर्रम को मजलिस के बाद हम कमिश्नर आवास पर धरना देने जाएंगे.


इसे भी पढ़े-हजरत इमाम हुसैन को दो तरह से दुश्मनों ने नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की: मौलाना अजहरुद्दीन - muharram 2024

मुहर्रम की छह तारीख को इमामबाड़ा गुफरानमाब में परंपरा के मुताबिक दोपहर तीन बजे यौमे अली असगर (अ.स) मनाया गया, जिसमें महिलाएं अपने शीरख्वार बच्चों के साथ शामिल हुई. मजलिस को ख्वाहर फातिमा जवाद नकवी ने किया. यौमे अली असगर (अ.स) में ख़्वातीन ने अपने शीरख्वार बच्चों को हजरत अली असगर (अ.स) की शहादत की याद में मखसूस लिबास पहना कर हजरत अली असगर (अ.स) की क़ुर्बानी को याद किया.

मजलिस में पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने शनिवार को हजरतगंज स्थित मकबरा सआदत अली खां पहुंच कर नवासए रसूल हजरत इमाम हुसैन के गम में आयोजित हो रही मजलिस में शिरकत की. मकबरा सआदत अली खां में हुई मजलिस को मौलाना कमर हैदर जैदी ने खिताब किया. मजलिस के बाद श्री राय ने अजादारों से मुलाकात की, जिसमें हर धर्म के अजादार शामिल थे.

इमाम हुसैन के बताए रास्ते को अपनाए: इस मौके पर श्री राय ने कहा, कि हमें इमाम हुसैन के बताए रास्ते को अपनाना चाहिए. हक के रास्ते पर चलना चाहिए, जुल्म नहीं सहना चाहिए बल्कि जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों ने जो पैगाम दिया है उसे ग्रहण करना चाहिए और गंगा-जमुनी तहजीब, अमन-चैन और शांति का संदेश कायम करना चाहिए. श्री राय ने कहा, कि हमें इमाम हुसैन के मोहब्बत और इंसानियत के पैगाम को अपनाना चाहिए और मोहर्रम के इस पाक महीने में देश में शांति और मोहब्बत बनी रहने की दुआ करना चाहिए.

इस्लाम अज्ञानता का अन्त करता है: इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से ऐशबाग ईदगाह की जामा मस्जिद में आयोजित जलसे को मुफ्ती अतीकुर्रहमान ने खिताब किया. जलसे को खिताब करते हुए उन्होंने शिक्षा के महत्व में बयान करते हुए कहा, कि मिल्लत और कौम की उन्नति शिक्षा पर आधारित है. शिक्षा से दूरी, अज्ञानता में वृद्धि, हमारे पीछे होने का कारण है. इस्लाम शिक्षा का दीन है. इस्लाम अज्ञानता का अन्त करता है और शिक्षा फैलाता है. खुदा ने आखिरी नबी को पूरी दुनिया के लिए शिक्षक बना कर भेजा. खुदा ने अपनी पहली वही आदेश में शिक्षा का बयान किया. नबी ने मदीने में सबसे पहली कक्षा की सुफ्फा में स्थापना की. इसी कक्षा के विद्यार्थियों ने दुनिया में शिक्षा का प्रकाश फैलाया और अज्ञानता के अंधेरों को खत्म किया.

यह भी पढ़े-गोरखपुर: ईमाम हुसैन की 'योम-ए-शहादत' की पूर्व रात्रि पर निकाला मोहर्रम जुलूस

लखनऊ: इमामबाड़ा गुफरानमआब में अशरा ए मुहर्रम की छठी मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने खिताब करते हुए कहा, कि मुस्लमान होने के लिए शर्त है कि रसूले इस्लाम (स.अ.व) के सीरत और सुन्नत पर एतेकाद हो. अगर कोई रसूले इस्लाम (स.अ.व) की हदीस और सुन्नत की मुखालिफत करे तो मुसलमान नहीं हो सकता. वही, बड़ा इमामबाड़ा में आग पर मातम कर अजादरों ने इमाम हुसैन को याद किया. उनकी शहादत के मंजर याद कर बच्चों से लेकर बड़े तक रोने लगे.

मौलाना ने कहा, कि रसूले इस्लाम (स.अ.व) ने फरमाया, कि मैं तुम्हारे बीच दो चीजें छोड़ कर जा रहा हूं. एक खुदा की किताब है और दूसरे मेरे अहलेबैत (अ.स.) अगर इनके दामन को थामे रहोगे तो कभी गुमराह नहीं होंगे, यहाँ तक कि ये हौज़े कौसर पर मेरे पास पहुंच जाएं. उन्होंने कहा, कि कुरान और अहलेबैत (अ.स.) से तमस्सुक के बगैर निजात मुमकिन नहीं है. मौलाना ने वक्फ कर्बला अब्बास बाग को लेकर विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में एलान करते हुए कहा, कि डीएम ने हमारी मांग मान ली है, इसलिए अब उनके आवास पर कोई प्रदर्शन नहीं होगा. लेकिन, पुलिस अभी भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसलिए कल 7 मुहर्रम को मजलिस के बाद हम कमिश्नर आवास पर धरना देने जाएंगे.


इसे भी पढ़े-हजरत इमाम हुसैन को दो तरह से दुश्मनों ने नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की: मौलाना अजहरुद्दीन - muharram 2024

मुहर्रम की छह तारीख को इमामबाड़ा गुफरानमाब में परंपरा के मुताबिक दोपहर तीन बजे यौमे अली असगर (अ.स) मनाया गया, जिसमें महिलाएं अपने शीरख्वार बच्चों के साथ शामिल हुई. मजलिस को ख्वाहर फातिमा जवाद नकवी ने किया. यौमे अली असगर (अ.स) में ख़्वातीन ने अपने शीरख्वार बच्चों को हजरत अली असगर (अ.स) की शहादत की याद में मखसूस लिबास पहना कर हजरत अली असगर (अ.स) की क़ुर्बानी को याद किया.

मजलिस में पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने शनिवार को हजरतगंज स्थित मकबरा सआदत अली खां पहुंच कर नवासए रसूल हजरत इमाम हुसैन के गम में आयोजित हो रही मजलिस में शिरकत की. मकबरा सआदत अली खां में हुई मजलिस को मौलाना कमर हैदर जैदी ने खिताब किया. मजलिस के बाद श्री राय ने अजादारों से मुलाकात की, जिसमें हर धर्म के अजादार शामिल थे.

इमाम हुसैन के बताए रास्ते को अपनाए: इस मौके पर श्री राय ने कहा, कि हमें इमाम हुसैन के बताए रास्ते को अपनाना चाहिए. हक के रास्ते पर चलना चाहिए, जुल्म नहीं सहना चाहिए बल्कि जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों ने जो पैगाम दिया है उसे ग्रहण करना चाहिए और गंगा-जमुनी तहजीब, अमन-चैन और शांति का संदेश कायम करना चाहिए. श्री राय ने कहा, कि हमें इमाम हुसैन के मोहब्बत और इंसानियत के पैगाम को अपनाना चाहिए और मोहर्रम के इस पाक महीने में देश में शांति और मोहब्बत बनी रहने की दुआ करना चाहिए.

इस्लाम अज्ञानता का अन्त करता है: इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से ऐशबाग ईदगाह की जामा मस्जिद में आयोजित जलसे को मुफ्ती अतीकुर्रहमान ने खिताब किया. जलसे को खिताब करते हुए उन्होंने शिक्षा के महत्व में बयान करते हुए कहा, कि मिल्लत और कौम की उन्नति शिक्षा पर आधारित है. शिक्षा से दूरी, अज्ञानता में वृद्धि, हमारे पीछे होने का कारण है. इस्लाम शिक्षा का दीन है. इस्लाम अज्ञानता का अन्त करता है और शिक्षा फैलाता है. खुदा ने आखिरी नबी को पूरी दुनिया के लिए शिक्षक बना कर भेजा. खुदा ने अपनी पहली वही आदेश में शिक्षा का बयान किया. नबी ने मदीने में सबसे पहली कक्षा की सुफ्फा में स्थापना की. इसी कक्षा के विद्यार्थियों ने दुनिया में शिक्षा का प्रकाश फैलाया और अज्ञानता के अंधेरों को खत्म किया.

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