भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के पहले एमपी में वीडियो वार भी छिड़ गया है. दिलचस्प ये है कि इसमें एमपी के सीएम मोहन यादव की तुलना यूपी में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से की गई है. इस सवाल के साथ कि आखिर असली यादव कौन है. सोशल मीडिया पर खास कर बीजेपी के नेताओं की प्रोफाईल से वायरल किए जा रहे इस वीडियो की पंच लाइन है कि नकली यादवों से सावधान और सतर्क रहें. इस पूरे वीडियो में सवाल जवाब के अंदाज में अखिलेश यादव और मोहन यादव की राजनीति का फर्क बताया गया है.
यूपी में अखिलेश वर्सेस मोहन, क्या दांव चलेगा
आम चुनाव से एन पहले एमपी में सीएम की कुर्सी संभाले डॉ मोहन यादव यूपी में बीजेपी के प्रचार के लिए तो जा ही रहे हैं, लेकिन अब सोशल मीडिया वार में उन्हें अखिलेश यादव के मुकाबले खड़ा कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे नकली यादव vs असली यादव के इस वीडियो में एहतियात दी गई है कि नकली यादवों से सावधान रहें. वीडियो में कहा गया कि मुलायम सिंह यादव को कार सेवकों पर गोली चलाने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वे उन्हीं मुलायम सिंह यादव की संतान हैं. जबकि मोहन यादव ने हमेशा राम मंदिर बनने के फैसले का स्वागत किया. इस वीडियो में अखिलेश यादव के अयोध्या ना जाने को भी मुद्दा बनाया गया. कहा गया कि एक तरफ अखिलेश अयोध्या के नजदीक होते हुए भी अयोध्या ना जाकर मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसकी मूर्ति पर फूल चढ़ाते हैं. दूसरी तरफ मोहन यादव अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या के दर्शन को जाते हैं. पूरे वीडियो में मोहन यादव की तुलना अखिलेश यादव से की गई है.
बीजेपी यादव समाज को लड़वा रही है
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता यश भारतीय कहते हैं कि 'मोहन यादव की स्वीकार्यता एमपी के यादव समाज में भी नहीं है. वो भी यादव समाज को स्वीकार नहीं करते है. कई यादव समाज के मंचों पर उन्होंने कहा कि मैं यादवों के वोट से नहीं जीतता. एमपी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव कभी भी यादव समाज के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. देश का सबसे बड़ा और प्रमुख संगठन अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन भोपाल में आयोजित हुआ. दूसरा राजधानी यादव समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह भोपाल में आयोजित हुआ. दोनों कार्यक्रम से मुख्यमंत्री मोहन यादव जी गायब रहे. भाजपा उन्हें यादव समाज को आपस में लड़ाने के लिए उपयोग कर रही है, जो भाजपा का मूल चरित्र है. जाति, धर्म, क्षेत्र के नाम पर आपस में लड़ाना.