भोपाल. मध्यप्रदेश दो-दो नदी जोड़ो अभियान को पूरा करने वाला देश का पहला राज्य है. ये कहना है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का, जो रविवार को सूरत में आयोजित जल संचय-जनभागिदारी-जन आंदोलन में पहुंचे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'कैच द रेन' कार्यक्रम में कहा, '' यह हमारा सौभाग्य है कि देश की प्रमुख नदियों का मध्यप्रदेश मायका है. मध्यप्रदेश की नर्मदा और ताप्ती नदी अपने मायके अर्थात मध्यप्रदेश को आनंदित और प्रफुल्लित करती हैं.''
'ये मिशन जीवन देने वाला मिशन'
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, '' नदी जोड़ो अभियान के मामले में एमपी पूरे देश में नंबर वन राज्य बनेगा. देश की प्रमुख नदियों का मध्यप्रदेश मायका है. नर्मदा और ताप्ती नदी अपने मायके अर्थात मध्यप्रदेश को तो आनंदित और प्रफुल्लित करती ही हैं साथ ही वे गुजरात को भी धन-धान्य से परिपूर्ण कर रही हैं. सूरत से शुरू हुआ ये अभियान जीवन देने वाला अभियान है. जल संचय-जन भागीदारी कार्यक्रम के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मध्यप्रदेश कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है.'' मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुजरात में पानी की समस्या रहती है और ऐसे में गुजरात की सहायता करना हम सबका कर्तव्य है.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने दो बड़े नदी जोड़ो अभियानों की लीड ली है...@narendramodi#जल_संचय_जन_भागीदारी pic.twitter.com/cMRHpU4tdp
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 13, 2024
पीएम मोदी का विजन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने और लंबे समय तक जल स्त्रोतों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम की पहल की थी. इसी के तहत सूरत में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर. पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद रहे. इस दौरान सभी अतिथियों ने जल संरक्षण और जल संग्रहण के प्रतीक स्वरूप बड़े पात्र में जल अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
मध्यप्रदेश 'नदियों का मायका' है।
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यह हम सभी का सौभाग्य है...#जल_संचय_जन_भागीदारी pic.twitter.com/ZH9wWiMWbs
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'सनातन संस्कृित में बताया गया जल संरक्षण का महत्व'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय सांस्कृतिक और पौराणिक संदर्भों का उल्लेख करते हुए कहा, '' महादेव ने गंगा को जटाओं में धारण कर और भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत धारण कर जल संरक्षण के महत्व को दर्शाया. जिस प्रकार धरती पर मां गंगा को लाने में भागीरथ की भूमिका थी, उसी प्रकार गंगाजल को सहेजने में केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. गुजरात की भूमि यश- कीर्ति और समृद्धि की भूमि है. भगवान श्रीकृष्ण को भी गुजरात स्थित द्वारका से ही यश प्राप्त हुआ. गुजरात ने ही देश को महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे राजनेता प्रदान किए. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर हैं. भारतीय सनातन संस्कृति में जल ही जीवन है का विचार सर्वमान्य है. सूरत में जल-संचयन और जल-संरक्षण पर आयोजित यह कार्यक्रम देश को नई दिशा और जन-जन को ऊर्जा प्रदान करेगा.''