भोपाल: लाड़ली बहनों पर मेहरबान मोहन सरकार की खास चिंता लाडली बहना योजना को लेकर रहती है. लिहाजा सरकार इस योजना में किसी तरह की कटौती करना तो दूर इस योजना के लिए बजट का खास इंतजाम रखती है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश हुए अनुपूरक बजट में भी लाड़ली बहना योजना के लिए खास बदोबस्त किया गया है. सरकार ने 22 हजार चार सौ 60 करोड़ का जो प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया है. उसमें केवल लाड़ली बहना योजना के लिए 465 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है.
नए साल में लाड़लियों के लिए सरकार का खास बजट
एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने 2024-25 के लिए जो अनुपूरक बजट पेश किया है, उसकी कुल राशि 22 हजार 460 करोड़ की है. लेकिन खास बात ये है कि इस राशि में एक बड़ा हिस्सा लाड़ली बहना योजना के लिए रखा गया है. प्रदेश के वित्त मंत्री जगदी देवड़ा ने 2024-25 में विभागों को जरुरी अतिरिक्त राशि मुहैया कराने के लिए जो प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया है, इसमें 465 करोड़ लाड़ली बहना योजना के लिए रखे गए हैं. ताकि लाडलियों के बजट में कमी ना हो.
'वचन को लेकर प्रतिबद्ध मोहन सरकार'
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि, ''जो लोग कहते थे कि ये योजना बंद हो जाएगी, उन्हें ये जान लेना चाहिए कि सरकार अपने दिए गए वचन को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है. लाडली बहना के लिए 465 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा केन बेतवा परियोजना के लिए 900 करोड़ के अलावा पार्वती काली सिंध चंबल परियोजना के लिए 600 करोड़ की राशि रखी गई है.''
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बीते एक साल में लाड़ली बहनों के खाते में 19 हजार करोड़ से ज्यादा
मोहन सरकार ने बीते एक साल में लाड़ली बहना योजना में 1 करोड़ 29 लाख बहनों के खाते में जनवरी से अब तक 19 हजार 212 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की है. इसके अलावा रक्षाबंधन पर 250-250 रुपए की राशि अलग से दी गई है. प्रदेश की करीब 26 लाख लाडली बहनों को 450 रुपए गैस सिलेंडर की रीफीलिंग के लिए 715 करोड़ रुपए की राशि दी गई है. आहार अनुदान की योजना में भी पिछड़े वर्ग की जनजातीय बहनों के खाते में बीते एक साल में 325 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई है.