Madhya Pradesh Youth Get Employment: कृषि के क्षेत्र में डेवलपमेंट करने और किसानों की सहायता के लिए नए-नए अत्याधुनिक यंत्र तो आ गए हैं, लेकिन काफी महंगे होने की वजह से कई किसान उन्हें खरीद नहीं पाते हैं. ऐसे में सरकार भी कृषि क्षेत्र में आसानी से किसानों को यंत्र मिल सके, साथ ही कैसे उनके माध्यम से ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिल सके. इन सभी को ध्यान में रखते हुए तरह-तरह की योजनाएं लाती रहती है. इन्हीं में से एक है कस्टम हायरिंग योजना. ये कृषि अभियांत्रिकी विभाग की योजना है. जिसके तहत ग्रामीण युवाओं के पास बेहतर मौका है कि वो सब्सिडी में इस योजना का फायदा उठा सकते हैं और अच्छा खासा रोजगार शुरू कर सकते हैं.
क्या है कस्टम हायरिंग केंद्र ?
शहडोल कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी बताते हैं कि 'निजी कस्टम हायरिंग केंद्र ऐसे केंद्र होते हैं, जहां पर किसान ट्रैक्टर सहित कुछ यंत्र अपने पास रखता है. उनको आसपास के किसानों को किराए पर देता है और उस किराए से उसकी आय होती है. जिससे जो व्यक्ति अपने यंत्रों को दूसरे किसानों को किराए पर देता है, उसकी कमाई तो होती ही है, साथ ही गांव के दूसरे किसानों को भी उस यंत्र का फायदा मिलता है. वह खेतों पर समय रहते आसानी से अपने काम करवा लेते हैं.'
कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने का मौका
कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी बताते हैं कि एक बार फिर से राज्य सरकार ने प्रदेश भर में कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने के लक्ष्य दिए हैं. इस बार राज्य सरकार ने प्रदेश में लगभग एक हजार निजी कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है, तो वहीं शहडोल की बात करें तो यहां 20 कस्टम हायरिंग केंद्र खोले जाएंगे. इसके लिए पात्र ग्रामीण युवा किसान कोई भी अप्लाई कर सकता है.
क्या है योजना, कितना है अनुदान ?
शहडोल कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर बताते हैं की कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने के लिए सरकार ने सब्सिडी का भी इस योजना में प्रावधान रखा है, जो भी व्यक्ति कस्टम हायरिंग केंद्र खोलना चाहता है. उसको कुछ अनिवार्य यंत्र जो तय किए गए हैं, वो खरीदने होंगे. साथ में चाहे तो ऐच्छिक यंत्र भी ले सकते हैं, जिसमें कई अलग-अलग यंत्र शामिल हैं. योजना में ऐसे यंत्रों की खरीदी करने पर किसानों को ग्रामीण युवाओं को बैंक से ऋण दिलवाया जाएगा. राष्ट्रीय बैंक से किसानों को ऋण मिलेगा. जिसमें किसानों को 40% तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना अंतर्गत तीन प्रतिशत तक ब्याज में भी छूट की पात्रता होगी.
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए अनिवार्य यंत्र
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए जो अनिवार्य यंत्र खरीदने हैं. उसमें ट्रैक्टर, प्लाऊ अथवा पावर हैरो, एक रोटावेटर, एक कल्टीवेटर और डिस्क हैरो, सीडकम फर्टिलाइजर ड्रिल अन्य ट्रैक्टर चलित बुवाई यंत्र, थ्रेसर, इस्ट्रारीपर. अगर आप कस्टम हायरिंग केंद्र खोलना चाहते हैं, तो आपको यह अनिवार्य यंत्र खरीदने ही होंगे.
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए ऐच्छिक यंत्र
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए कई ऐच्छिक यंत्र भी रखे गए हैं. मतलब अगर आपको पसंद है तो इन यंत्रों को भी लेना चाहते हैं, तो ये आपकी पसंद है. इन्हें भी ले सकते हैं. जिसमें पैडी ट्रांसप्लांटर है. पावर टीलर, सुपर सीटर/हैप्पी सीडर, स्वचालित रीपर, रीपर कमबाइंडर, इस्ट्रॉरीपर, मल्चर, ट्रॉली एवं अन्य शक्ति चालित कृषि यंत्र शामिल हैं.
कौन होगा पात्र, कब तक करें आवेदन
शहडोल कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर रितेश पयासी बताते हैं कि निजी कस्टम हायरिंग केंद्र पर अनुदान के लिए जो योजना है. इसमें 18 से 40 वर्ष के बेरोजगार ग्रामीण युवा 1 अप्रैल 2024 की स्थिति में पात्र होंगे. शैक्षिक योग्यता उनकी 12वीं पास कम से कम होनी चाहिए. जिन ग्रामों में पूर्व में कस्टम हायरिंग नहीं है, केवल उन्हीं ग्रामों के निवासी ही पात्र होंगे. हितग्राही जिस ग्राम से आवेदन करेगा. उस ग्राम का वोटर आईडी अथवा मूल निवासी, स्वयं या माता-पिता के नाम से भूमि होने पर ही संबंधित ग्राम में केंद्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी.
कैसे करें आवेदन, कब है अंतिम तिथि
जो भी किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहता हैं. उसे 14 अगस्त तक आवेदन करना होगा, क्योंकि अंतिम तिथि है. इसके लिए विभाग की वेबसाइट है. जिसमें आवेदन करने और इसकी विस्तृत जानकारी भी दी गई है. वेबसाइट www. chc.mpdage.org है. इस वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा और उसको धरोहर राशि के तौर पर ₹10 हजार की एक डीडी सहायक कृषि यंत्री सतना के नाम पर शहडोल, अनूपपुर के लोगों को बनवाना होगा.
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आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
इसके अलावा आवेदन के लिए जो जरूरी दस्तावेज हैं. उसमें ₹10 हजार की एक डीडी लगेगी. आधार कार्ड, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र, हाई स्कूल की अंक सूची, जन्म प्रमाण पत्र, और 12वीं स्कूल की अंक सूची लगेगी. अन्य जानकारी के लिए कृषि अभियांत्रिकी विभाग में भी संपर्क किया जा सकता है.