भोपाल: प्रधानमंत्री मोदी सरकार के नेतृत्व में बीजेपी एक और ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ रही है. मोदी कैबिनेट ने वन नेशन-वन इलेक्शन को हरी झंडी दे दी है. देश में आगामी चुनाव अब इसी आधार पर होंगे. यानी केन्द्र के साथ राज्यों के चुनाव भी एक साथ होंगे. इस लिहाज से देखें तो मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल इस बार 5 नहीं, बल्कि छह साल का होगा. मध्यप्रदेश में विधानसभा की अवधि एक साल बढ़ जाएगी. प्रदेश की मोहन सरकार को एक साल अतिरिक्त प्रदेश में काम करने का मौका मिलेगा.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज भारतीय लोकतंत्र ने One Nation-One Election की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 18, 2024
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा One Nation-One Election को दी गई स्वीकृति का मैं समस्त मध्य प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत… pic.twitter.com/PWY73inFsC
2028 में होने हैं अगले चुनाव
मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे. इस तरह मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 2028 तक है. लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल एक साल बढ़ जाएगा. मध्यप्रदेश के चुनाव भी लोकसभा के साथ 2029 में ही होंगे. इसके चलते मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्यों को भी एक साल अतिरिक्त विधायकी का मौका मिलेगा.
कई राज्यों में समय से पहले होंगे चुनाव
सीनियर पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं कि, ''मोदी सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन के रूप में एक बड़ा फैसला लिया है. इसकी वजह से कई राज्यों में समय से पहले चुनाव कराने होंगे, जबकि कई राज्यों में निर्धारित समय के बाद चुनाव होंगे. हालांकि इसके राजनीतिक नफा नुकसान कितना होगा, यह बाद में ही पता चलेगा. लेकिन देश में एक साथ चुनाव कराने से सरकारों और नगरीय निकायों को काम करने का ज्यादा वक्त मिलेगा.'' राजनीतिक विश्लेषक केडी शर्मा कहते हैं कि, ''1957 से 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते रहे थे, लेकिन बाद में यह क्रम बिगड़ता गया. राजनीतिक दलों को इसको लेकर मजबूत इच्छाशक्ति दिखानी होगी.''
मोहन यादव ने फैसले का किया स्वागत
केन्द्र सरकार के इस फैसले का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वागत करते हुए कहा कि, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र ने वन नेशन वन इलेक्शन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है. इस पहल से केवल भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को और अधिक मजबूती मिलेगी, बल्कि यह हमारी संसदीय प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार भी साबित होगा.'' बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद कमेटी की सिफारिश को मंजूर दिए जाने का स्वागत करते हुए इसे मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताया है.
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भाजपा कांग्रेस की अलग-अलग राय
वीडी शर्मा ने कहा कि, ''मोदी सरकार एक और गारंटी पूरी करने की तरफ बढ़ रही है. इस फैसले से लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी. यदि सभी चुनाव एक साथ होते हैं तो राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा और सरकारों को काम करने का ज्यादा समय मिलेगा. एक ही समय पर चुनाव कराने से सरकारों और राजनीतिक पाटियों के खर्चों में भी कमी आएगी. इससे संसाधनों का ज्यादा उपयोग हो सकेगा.'' उधर कांग्रेस प्रदेश मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक सरकार के इस फैसले पर कहते हैं कि, ''वन नेशन वन इलेक्शन पर बोलना फिलहाल जल्दबाजी होगा. अभी यह कैबिनेट से पास हुआ है, लेकिन इसमें क्या-क्या प्रावधान किए जा रहे हैं, यह विधेयक प्रस्तुत होने पर ही पता चलेगा.''