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मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में फुलप्रूव सेक्योरिटी, सरकार की नई गाइडलाइन - MP all medical colleges CCTV - MP ALL MEDICAL COLLEGES CCTV

कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुई बेहद शर्मनाक घटना के बाद मध्यप्रदेश सरकार सक्रिय हो गई है. मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी लगाने के निर्देश जारी किए हैं.

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मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सीसीटीवी लगाने के निर्देश (ETV Bharat Graphics)
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By ANI

Published : Aug 21, 2024, 9:56 AM IST

Updated : Aug 21, 2024, 11:11 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, "हम सभी को डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति अधिक सक्रियता और संवेदनशीलता से काम करने की आवश्यकता है. क्योंकि पश्चिम बंगाल की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. इसलिए निर्देश दिए गए हैं कि सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, खासकर स्त्री रोग वार्ड और उन जगहों पर जहां महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है, सीसीटीवी से निगरानी की जाए, ताकि किसी भी तरह का अपराध करने वालों को पकड़ना आसान हो सके."

सुरक्षा व्यवस्था के मानकों से कोई समझौता नहीं

शुक्ला ने कहा "मध्य प्रदेश सरकार निगरानी को और मजबूत बनाने के लिए बहुत संवेदनशील है. निर्देश जारी किए गए हैं कि मेडिकल कॉलेज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए ताकि छात्राएं सुरक्षित महसूस करें." रात्रि में निरीक्षण एवं निगरानी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा "डीन एवं अधीक्षकों को निरंतर सतर्क रहने, सावधानी बरतने एवं हर चीज पर कड़ी नजर रखने के स्थायी आदेश हैं. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए हमने मानक बनाए हैं. जिन मेडिकल कॉलेजों में मानक के अनुसार मैनपावर कम है, वहां मैनपावर बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि सुरक्षा की कमी को दूर किया जा सके. हम सरकारी अस्पतालों में भी यह व्यवस्था करेंगे."

सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी

संचालक चिकित्सा शिक्षा ने 14 अगस्त को सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी किए हैं, जिनका तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. अति संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियां एवं ऐसे स्थान जहां लोगों की आवाजाही कम हो, वहां सीसीटीवी, लाइटिंग एवं सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था की जाए. सभी मेडिकल कॉलेज/अस्पतालों के प्रवेश एवं निकास द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि असामाजिक तत्वों का प्रवेश वर्जित रहे. असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मी निरंतर राउंड लगाएंगे.

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मरीज के साथ केवल एक व्यक्ति साथ रहेगा

मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा "डीन एवं अधीक्षक द्वारा रात्रि में परिसर में राउंड लेना सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं. सभी मेडिकल कॉलेज स्थानीय पुलिस/प्रशासन से भी सतत निगरानी और गश्त करने का अनुरोध करें. यदि परिसर में पुलिस चौकी है तो उन्हें परिसर की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने के निर्देश जारी करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि अस्पताल में गंभीर मरीजों के अलावा एक मरीज के साथ केवल एक ही तीमारदार को अनुमति दी जाए और अनावश्यक व्यक्तियों को शाम 6 बजे के बाद अस्पतालों के प्रवेश द्वारों और वार्डों में न रखा जाए."

भोपाल। मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, "हम सभी को डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति अधिक सक्रियता और संवेदनशीलता से काम करने की आवश्यकता है. क्योंकि पश्चिम बंगाल की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. इसलिए निर्देश दिए गए हैं कि सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, खासकर स्त्री रोग वार्ड और उन जगहों पर जहां महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है, सीसीटीवी से निगरानी की जाए, ताकि किसी भी तरह का अपराध करने वालों को पकड़ना आसान हो सके."

सुरक्षा व्यवस्था के मानकों से कोई समझौता नहीं

शुक्ला ने कहा "मध्य प्रदेश सरकार निगरानी को और मजबूत बनाने के लिए बहुत संवेदनशील है. निर्देश जारी किए गए हैं कि मेडिकल कॉलेज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए ताकि छात्राएं सुरक्षित महसूस करें." रात्रि में निरीक्षण एवं निगरानी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा "डीन एवं अधीक्षकों को निरंतर सतर्क रहने, सावधानी बरतने एवं हर चीज पर कड़ी नजर रखने के स्थायी आदेश हैं. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए हमने मानक बनाए हैं. जिन मेडिकल कॉलेजों में मानक के अनुसार मैनपावर कम है, वहां मैनपावर बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि सुरक्षा की कमी को दूर किया जा सके. हम सरकारी अस्पतालों में भी यह व्यवस्था करेंगे."

सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी

संचालक चिकित्सा शिक्षा ने 14 अगस्त को सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी किए हैं, जिनका तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. अति संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियां एवं ऐसे स्थान जहां लोगों की आवाजाही कम हो, वहां सीसीटीवी, लाइटिंग एवं सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था की जाए. सभी मेडिकल कॉलेज/अस्पतालों के प्रवेश एवं निकास द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि असामाजिक तत्वों का प्रवेश वर्जित रहे. असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मी निरंतर राउंड लगाएंगे.

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मरीज के साथ केवल एक व्यक्ति साथ रहेगा

मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा "डीन एवं अधीक्षक द्वारा रात्रि में परिसर में राउंड लेना सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं. सभी मेडिकल कॉलेज स्थानीय पुलिस/प्रशासन से भी सतत निगरानी और गश्त करने का अनुरोध करें. यदि परिसर में पुलिस चौकी है तो उन्हें परिसर की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने के निर्देश जारी करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि अस्पताल में गंभीर मरीजों के अलावा एक मरीज के साथ केवल एक ही तीमारदार को अनुमति दी जाए और अनावश्यक व्यक्तियों को शाम 6 बजे के बाद अस्पतालों के प्रवेश द्वारों और वार्डों में न रखा जाए."

Last Updated : Aug 21, 2024, 11:11 AM IST
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