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मध्य प्रदेश में UPS लागू करने की तैयारी, कर्मचारियों में खुशी और नाराजगी दोनों, मोहन सरकार से की ये मांग - MP OLD PENSION SCHEME

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 3:10 PM IST

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार रिटायर्ड लोगों को यूपीएस का लाभ देने जा रही है. इसका मतलब यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया गया है. जबकि कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की है. जानिए क्या है यूपीएस...

MADHYA PRADESH EMPLOYEES WANT OPS
मध्य प्रदेश में UPS लागू करने की तैयारी (ETV Bharat)

भोपाल: केन्द्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बड़ी राहत देने यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसको लेकर होमवर्क शुरू कर दिया है. उधर प्रदेश के कर्मचारी संगठन ने केन्द्र सरकार के यूपीएस का स्वागत तो किया है, लेकिन कर्मचारी पूरी तरह से इससे संतुष्ट नहीं हैं. मध्य प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने केन्द्र सरकार से इसके स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू करने की मांग की है.

कर्मचारी संगठन बोले यह नहीं मंजूर

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए नेशनल पेंशन स्कीम के बाद यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है. अब सरकारी कर्मचारी एनपीएस या यूपीएस में से किसी भी एक को चुन सकेंगे. उधर केन्द्र सरकार की इन नई पेंशन स्कीम का मध्य प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने स्वागत तो किया है, लेकिन इसके स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू करने की मांग की है. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि 'यूपीएस लागू होने से एनपीएस के नुकसान कम हुए हैं, लेकिन खत्म नहीं हुए.'

नई पेंशन स्कीम से परेशानी कम होगी, खत्म नहीं

केन्द्र सरकार द्वारा यूपीएस के माध्यम से एनपीएस में जो परेशानी थी, उसे कम कर दिया गया है. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन केन्द्र सरकार को 2005 से पहले लागू ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू करना चाहिए. जब केन्द्र सरकार द्वारा 18.50 फीसदी अपना योगदान दिया जाएगा और कई लाभ पुरानी पेंशन स्कीम के दिए जा रहे हैं, तो पुरानी पेंशन ही लागू कर देनी चाहिए. केन्द्र सरकार पुरानी पेंशन ही लागू करे.

मध्य प्रदेश सरकार में लागू करने की मांग

उधर मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने 'केन्द्र सरकार की इस पेंशन पॉलिसी का स्वागत करते हुए कहा है कि जिस तरह केन्द्र सरकार ने यूनाइटेड पेंशन स्कीम लागू की है, उसी तरह मध्य प्रदेश में भी काम करने वाले राज्य शासन के कर्मचारी के अलावा, निगम मंडल, सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों के लिए भी इसे लागू किया जाए. प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए.'

यहां पढ़ें...

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19 साल पहले बंद की गई ओल्ड पेंशन स्कीम से क्यों बच रही सरकार? योगी सरकार के नक्शे कदम पर चलने का ये है मोहन यादव का प्लान

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम

सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई नई पेंशन योजना अगले साल 1 अप्रैल से लागू होगी. इस पेंशन योजना में कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाएगी. यह आखिरी के 12 महीने के ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगा. कर्मचारी को पेंशन के लिए कम से कम 25 साल की सर्विस होना जरूरी है. यदि कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो परिवार को भी यह निश्चित पेंशन मिल सकेगी, जो कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत होगा. इसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कर्मचारी 10 साल तक नौकरी करता है, तो उसे कम से कम 10 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलेगी.

भोपाल: केन्द्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बड़ी राहत देने यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसको लेकर होमवर्क शुरू कर दिया है. उधर प्रदेश के कर्मचारी संगठन ने केन्द्र सरकार के यूपीएस का स्वागत तो किया है, लेकिन कर्मचारी पूरी तरह से इससे संतुष्ट नहीं हैं. मध्य प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने केन्द्र सरकार से इसके स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू करने की मांग की है.

कर्मचारी संगठन बोले यह नहीं मंजूर

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए नेशनल पेंशन स्कीम के बाद यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू कर दी है. अब सरकारी कर्मचारी एनपीएस या यूपीएस में से किसी भी एक को चुन सकेंगे. उधर केन्द्र सरकार की इन नई पेंशन स्कीम का मध्य प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने स्वागत तो किया है, लेकिन इसके स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू करने की मांग की है. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि 'यूपीएस लागू होने से एनपीएस के नुकसान कम हुए हैं, लेकिन खत्म नहीं हुए.'

नई पेंशन स्कीम से परेशानी कम होगी, खत्म नहीं

केन्द्र सरकार द्वारा यूपीएस के माध्यम से एनपीएस में जो परेशानी थी, उसे कम कर दिया गया है. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन केन्द्र सरकार को 2005 से पहले लागू ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू करना चाहिए. जब केन्द्र सरकार द्वारा 18.50 फीसदी अपना योगदान दिया जाएगा और कई लाभ पुरानी पेंशन स्कीम के दिए जा रहे हैं, तो पुरानी पेंशन ही लागू कर देनी चाहिए. केन्द्र सरकार पुरानी पेंशन ही लागू करे.

मध्य प्रदेश सरकार में लागू करने की मांग

उधर मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने 'केन्द्र सरकार की इस पेंशन पॉलिसी का स्वागत करते हुए कहा है कि जिस तरह केन्द्र सरकार ने यूनाइटेड पेंशन स्कीम लागू की है, उसी तरह मध्य प्रदेश में भी काम करने वाले राज्य शासन के कर्मचारी के अलावा, निगम मंडल, सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों के लिए भी इसे लागू किया जाए. प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए.'

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क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम

सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई नई पेंशन योजना अगले साल 1 अप्रैल से लागू होगी. इस पेंशन योजना में कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाएगी. यह आखिरी के 12 महीने के ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगा. कर्मचारी को पेंशन के लिए कम से कम 25 साल की सर्विस होना जरूरी है. यदि कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो परिवार को भी यह निश्चित पेंशन मिल सकेगी, जो कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत होगा. इसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कर्मचारी 10 साल तक नौकरी करता है, तो उसे कम से कम 10 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलेगी.

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