भोपाल: प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के किसानों को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर से बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है. मोहन सरकार प्रदेश के दुग्ध उत्पादक किसानों को एक नवंबर से 5 रुपए लीटर का बोनस देने जा रही है. सरकार के इस फैसले से शुरूआत में ढाई लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. दुग्ध उत्पादकों को बोनस दिए जाने के संबंध में नीति तैयार कर ली है. बोनस का लाभ उन्हें दिया जाएगा, जो दुग्ध उत्पादन का उसका विक्रय प्रदेश की सहकारी दुग्ध उत्पादन समितियों को बेचते हैं. नए दुग्ध उत्पादक किसानों को भी इस नीति का लाभ दिया जाएगा.
दूध से खेती को लाभ का धंधा बनाने की कोशिश
प्रदेश में किसानों के आय के साधन बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादन को जरिया बनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में देश में तीसरा राज्य है. मध्य प्रदेश में हर दिन करीब साढ़े 5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है, लेकिन सांची द्वारा 10 लाख लीटर दूध का ही हर रोज कलेक्शन किया जाता है. राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के किसान दुग्ध उत्पादन को बढ़ाए और किसानों को सहकारी दुग्ध उत्पादन समितियों से जोड़ा जाए. इसके लिए राज्य सरकार दुग्ध समितियों की संख्या भी बढ़ाने जा रही है.
अभी प्रदेश में 6600 गांवों में ही दुग्ध समितियां हैं. दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे समितियों को दूध बेचे. इसके लिए राज्य सरकार उन्हें 5 रुपए प्रति लीटर बोनस देगी. दुग्ध समितियों के मजबूत होने से प्रदेश में युवाओं, मजदूरों को रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.
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नए किसानों को भी मिलेगा फायदा
राज्य सरकार पूर्व से दुग्ध समितियों को दूध बेचने वाले किसानों के अलावा नए दुग्ध उत्पादकों को भी बोनस का लाभ देगी. हालांकि ऐसे नए किसानों को अपना दूध समितियों को बेचना होगा. बोनस से सरकार को उम्मीद है कि प्रदेश में नए किसान भी दुग्ध उत्पादन की तरफ आगे आएंगे. इससे खेती में उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी. साथ ही सरहारी दुग्ध संघ भी मजबूत होगा. प्रदेश में अभी सांची दुग्ध संघ द्वारा प्रदेश में सिर्फ 2 फीसदी दूध का कलेक्शन किया जा रहा है.