भोपाल: मध्य प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार के गठन के बाद से अब तक उड़न खटोले पर सरकार 32 करोड़ 85 लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी है. मुख्यमंत्री से लेकर अफसरों द्वारा पिछले एक साल के दौरान विमान और हेलिकॉप्टर से 666 यात्राएं अब तक की जा चुकी हैं. इनमें सरकारी हेलिकॉप्टर से ज्यादा निजी विमान और हेलिकॉप्टर से यात्राएं हुई हैं. विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में दी है.
कांग्रेस विधायक ने पूछा था सवाल
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में सवाल पूछा था कि 1 दिसंबर 2023 से अब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारियों द्वारा कितनी हवाई यात्राएं की गई और इन पर कितनी राशि खर्च हुई है. हवाई यात्राओं के दौरान सरकारी विमान, हेलिकॉप्टर और निजी विमान और हेलिकॉप्टर से कितनी बार हवाई यात्राएं की गईं. इन यात्राओं पर कितनी राशि खर्च की गई और निजी कंपनियों को कितना भुगतान किया गया. कांग्रेस विधायक के मुताबिक सरकार हर दिन 9 लाख रुपए से ज्यादा सिर्फ हवाई यात्रा पर खर्च कर रही है.
32 करोड़ से ज्यादा राशि हुई खर्च
कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिखित जवाब दिया. जवाब में बताया गया कि 1 दिसंबर 2023 से अभी तक मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारियों द्वारा 666 हवाई यात्राएं की गई. इन यात्राओं पर 32 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि खर्च की गई. इनमें सरकारी हेलिकॉप्टर और विमान के मुकाबले प्राइवेट विमान और हेलिकॉप्टर का ज्यादा उपयोग किया गया. सरकारी विमान और हेलिकॉप्टर से 238 हवाई यात्राएं की गईं, जबकि निजी विमान औ हेलिकॉप्टर से 428 यात्राएं की गईं. सभी यात्राओं का कारण शासकीय बताया गया है.
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5 विमान कंपनियों को हुआ भुगतान
सरकार ने बताया कि हवाई यात्राओं के लिए सरकार द्वारा पांच विमानन कंपनियों के विमान का उपयोग किया जा रहा है. इनमें सबसे ज्यादा एरो एयरक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के विमान और हेलिकॉप्टर से 395.16 घंटे की उड़ान भरी गई, इसके लिए कंपनी को 16 करोड़ 32 लाख रुपए का भुगतान किया गया. इसके अलावा जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, सारथी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड, यूनिवर्सल एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड और विंड बोर्न प्राइवेट लिमिटेड को भुगतान किया गया.