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कुख्यात डकैतों की मुखबिरी करने वालों को नहीं मिलेगी नौकरी, एमपी सरकार ने इस नियम को किया खत्म - mohan yadav govt abolished rule

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने 1980 में बनाए गए एक नियम को निरस्त कर दिया है. मध्य प्रदेश में डकैतों की समस्या को देखते हुए तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार ने यह नियम बनाया था. वर्तमान एमपी सरकार ने इस नियम को तत्काल खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है.

MOHAN YADAV GOVT ABOLISHED RULE
अर्जुन सरकार के इस नियम को मोहन सरकार ने किया खत्म (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 18, 2024, 2:14 PM IST

Updated : Aug 18, 2024, 2:25 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अर्जुन सिंह सरकार के 1981 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है. जिसमें फैसला लिया गया था, कि कुख्यात डकैतों की सूचना देने वाले यानि मुखबिरी करने वालों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी करते हुए 1981 के आदेश को निरस्त करने की सूचना सभी कलेक्टर, कमिश्नर, विभागाध्यक्ष और विभागों को दी है.

DACOIT PROBLEM MPGOVT
मोहन यादव सरकार ने खत्म किया 1981 का नियम (ETV Bharat)

मोहन यादव सरकार ने निरस्त किया फैसला

गौरतलब है कि, प्रदेश में जब डकैतों की समस्या चरम पर थी, तो डकैतों को पकड़ने में मदद करने वाले लोगों को सरकार इनाम के तौर पर सरकारी नौकरी दिया करती थी, लेकिन प्रदेश में डकैती समस्या एक तरह से खत्म हो चुकी है. अब कोई बड़ा डकैत गिरोह नहीं रह गया है. इसलिए सरकार ने आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया है.

inform of dacoits not get govt jobs
डकैतों के मुखबिरों को अब नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी (ETV Bharat)

अर्जुन सिंह सरकार ने लिया था फैसला

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 9 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया है, कि परिपत्र क्रमांक 388/603/1/3/ 1989 के 28/8/1981 के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है. इस आदेश में तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार द्वारा कुख्यात डकैत गिरोह के बारे में जानकारी, सूचना और पुलिस की मुखबिरी करने वालों को सरकारी नौकरी का प्रावधान किया गया था. तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल विभागाध्यक्ष, कमिश्नर और कलेक्टर को ये आदेश जारी किया है.

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फिलहाल कोई बड़े डकैत सक्रिय नहीं

मध्य प्रदेश की डकैत समस्या की बात करें, तो मौजूदा दौर में कोई बड़े डकैत गिरोह मध्य प्रदेश में सक्रिय नहीं हैं. डकैतों के लिए विख्यात ग्वालियर चंबल के अलावा बुंदेलखंड और बघेलखंड में भी ये समस्या काफी जटिल थी. 1980 के दशक में तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार ने डकैतों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर सफाई करने का काम किया गया था और बड़े पैमाने पर डकैतों ने आत्म समर्पण भी किया था. इसके बाद मध्य प्रदेश में समय-समय पर डकैतों के गिरोह सक्रिय होने की खबरें आती रही, लेकिन पहले की तरह डकैतों का वर्चस्व नहीं रह गया. पिछले सालों में बचे खुचे डकैत गिरोह पर कार्रवाई के बाद अब कोई बड़ा डकैत गिरोह मध्य प्रदेश में सक्रिय नहीं है. फिलहाल छोटे-मोटे डकैत गिरोह कभी-कभार छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम देते हैं.

भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अर्जुन सिंह सरकार के 1981 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है. जिसमें फैसला लिया गया था, कि कुख्यात डकैतों की सूचना देने वाले यानि मुखबिरी करने वालों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी करते हुए 1981 के आदेश को निरस्त करने की सूचना सभी कलेक्टर, कमिश्नर, विभागाध्यक्ष और विभागों को दी है.

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मोहन यादव सरकार ने खत्म किया 1981 का नियम (ETV Bharat)

मोहन यादव सरकार ने निरस्त किया फैसला

गौरतलब है कि, प्रदेश में जब डकैतों की समस्या चरम पर थी, तो डकैतों को पकड़ने में मदद करने वाले लोगों को सरकार इनाम के तौर पर सरकारी नौकरी दिया करती थी, लेकिन प्रदेश में डकैती समस्या एक तरह से खत्म हो चुकी है. अब कोई बड़ा डकैत गिरोह नहीं रह गया है. इसलिए सरकार ने आदेश को निरस्त करने का फैसला लिया है.

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डकैतों के मुखबिरों को अब नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी (ETV Bharat)

अर्जुन सिंह सरकार ने लिया था फैसला

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 9 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया है, कि परिपत्र क्रमांक 388/603/1/3/ 1989 के 28/8/1981 के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है. इस आदेश में तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार द्वारा कुख्यात डकैत गिरोह के बारे में जानकारी, सूचना और पुलिस की मुखबिरी करने वालों को सरकारी नौकरी का प्रावधान किया गया था. तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल विभागाध्यक्ष, कमिश्नर और कलेक्टर को ये आदेश जारी किया है.

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फिलहाल कोई बड़े डकैत सक्रिय नहीं

मध्य प्रदेश की डकैत समस्या की बात करें, तो मौजूदा दौर में कोई बड़े डकैत गिरोह मध्य प्रदेश में सक्रिय नहीं हैं. डकैतों के लिए विख्यात ग्वालियर चंबल के अलावा बुंदेलखंड और बघेलखंड में भी ये समस्या काफी जटिल थी. 1980 के दशक में तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार ने डकैतों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर सफाई करने का काम किया गया था और बड़े पैमाने पर डकैतों ने आत्म समर्पण भी किया था. इसके बाद मध्य प्रदेश में समय-समय पर डकैतों के गिरोह सक्रिय होने की खबरें आती रही, लेकिन पहले की तरह डकैतों का वर्चस्व नहीं रह गया. पिछले सालों में बचे खुचे डकैत गिरोह पर कार्रवाई के बाद अब कोई बड़ा डकैत गिरोह मध्य प्रदेश में सक्रिय नहीं है. फिलहाल छोटे-मोटे डकैत गिरोह कभी-कभार छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम देते हैं.

Last Updated : Aug 18, 2024, 2:25 PM IST
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