भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों की बिजली की समस्या को पूरी तरह से हल करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश के 52 हजार किसानों के खेतों पर 52 हजार सौर पंप स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए प्रकिया शुरू कर दी गई है. प्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कुसुम योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1 लाख सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है. उधर प्रदेश में सौर ऊर्जा की उत्पादन क्षमता प्रदेश में और बढ़ने जा रही है. प्रदेश में 600 मेगावाट क्षमता के दो सोलर पार्क लगने जा रहे हैं.
किसानों को मिलेगा भरपूर लाभ
प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि प्रदेश '20 हजार मेगावाट के लक्ष्य को पाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. 52 हजार सोलर पंप के टेंडर प्रक्रिया चल रही है. 28 अक्टूबर तक यह टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस योजना के तहत 30 फीसदी सब्सिडी केन्द्र सरकार और 30 फीसदी सब्सिडी राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है. मंत्री ने बताया कि किसानों को सिर्फ बोर कराना है. राज्य सरकार किसानों को 5 साल की गारंटी के साथ 5 से साढ़े 7 हॉर्स पॉवर की मोटर और 25 साल की गारंटी के साथ पैनल किसानों को दिए जा रहे हैं. प्रदेश में अभी तक 21 हजार सोलर पंप ही स्थापित किए हैं. प्रदेश में 1 लाख सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है.'
इन स्थानों पर लगेंगे सोलर पार्क
प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि 'प्रदेश में पैदा होने वाली कुल बिजली की 21 फीसदी की पूर्ति नवकरणीय ऊर्जा से हो रही है. प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा से पैदा होने वाली बिजली की उत्पादन क्षमता में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. प्रदेश में 600 मेगावाट क्षमता की दो नई सोलर पार्क परियोजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसमें से 300 मेगावार्ट क्षमता का सोलर पार्क सागर में और 300 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क धार जिले में लगाया जाएगा.
इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रदेश में 2012 में नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से 500 मेगावाट से भी कम बिजली पैदा होती थी. पिछले 12 सालों में प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़कर 7 हजार मेगावाट हो गई है. राज्य सरकार की योजना इसे बढ़ाकर 20 हजार मेगावाट तक करने की है.
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अगले तीन साल में 10 हजार मेगावाट होगी क्षमता
प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए अगले दो से तीन सालों में 10 हजार मेगावॉट तक की क्षमता ले जाने के लिए सरकार ने धार, सागर, मुरैना, नीमच, आगर, शाजापुर सहित कई स्थानों पर भूमि चिन्हित की है. ओंकालेश्वर में फ्लोटिंग सोलर प्लॉट परियोजना में 230 मेगावॉट क्षमता है. इसे बढ़ाकर सरकार 550 मेगावॉट तक लेकर जा रहे हैं.