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लू बन गई मध्य प्रदेश में प्राकृतिक आपदा, मोहन यादव सरकार देगी लोगों को जमके पैसा - Mohan Yadav Government Decision

मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अब लू को भी प्राकृतिक आपदा के दायरे में शामिल किया है. अब सरकार ने फैसला किया है कि लू से मौत होने पर भी मुआवजा दिया जाएगा. बता दें कि इस साल 2024 में देशभर में लू से मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या मध्यप्रदेश में दर्ज की गई थी.

Mohan Yadav Government Decision
मोहन यादव सरकार का बड़ा फैसला (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 5:07 PM IST

Updated : Oct 1, 2024, 6:46 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में गर्मी के मौसम में लू की चपेट में होने वाली मौत पर सरकार मुआवजा देगी. सरकार का ये फैसला निमाड़ के साथ ही ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में राहत लेकर आया है. इन इलाकों के जिलों में हर साल लू से मौतों का आंकड़ा चिंताजनक रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में लू को स्थानीय आपदा में शामिल कर लिया है. यानि अब हीटवेव से होने वाली मौत भी मुआवजे की श्रेणी में आएगी.

मध्यप्रदेश के इन इलाकों में लू का सितम

हर बार गर्मियों में खासतौर से ग्वालियर चंबल के इलाके के साथ ही बुंदेलखंड और निमाड़ के अधिकांश जिलों में लपट हर साल चलती है. लू की वजह से मौते भी दर्ज की जाती हैं. लेकिन अब इसे प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल कर लिए जाने के साथ इन जिलों में होने वाली मौत पर परिजनों को मुआवजा मिल सकेगा. यानी अगले साल की गर्मियों से ही ये अधिसूचना लागू हो जाएगी. 2025 से ही जिस तरह से अब तक बिजली गिरने भूकंप और बाढ़ जैसे कुदरती कहर पर पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता मिलती थी. अब लू की चपेट में आए व्यक्ति को भी सहायता मिलेगी.

Mohan Yadav Government Decision
लू से मौत भी प्राकृतिक आपदा, मिलेगा मुआवजा (ETV BHARAT)

कई जिलों में 48 तक चला जाता है पारा

मध्यप्रदेश के ग्वालियर, दतिया, निवाड़ी वे जिले हैं जहां कई बार तापमान 47 डिग्री पार चला जाता है. इसके अलावा शिवपुरी, गुना, अशोकनगर से लेकर बुंदेलखंड के छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सिंगरौली, सीधी, मैहर, उमरिया, शहडोल भी शामिल है. इधर, निमाड़ में खरगोन, खंडवा, बड़वानी गर्मी रिकार्ड तोड़ती है.

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इस साल देशभर में लू से मृतकों की संख्या 56

गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी के दौरान लू से मौतें होती हैं. साल 2024 में देशभर में लू से करीब 56 लोग मौत का शिकार हुए थे. लेकिन कई राज्य लू से मरने वालों की संख्या कम दर्शाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में लू क चपेट में आने से 7 लाख लाख से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सबसे ज्यादा 14 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं. महाराष्ट्र में 11 मौतें हुईं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में गर्मी के मौसम में लू की चपेट में होने वाली मौत पर सरकार मुआवजा देगी. सरकार का ये फैसला निमाड़ के साथ ही ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में राहत लेकर आया है. इन इलाकों के जिलों में हर साल लू से मौतों का आंकड़ा चिंताजनक रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में लू को स्थानीय आपदा में शामिल कर लिया है. यानि अब हीटवेव से होने वाली मौत भी मुआवजे की श्रेणी में आएगी.

मध्यप्रदेश के इन इलाकों में लू का सितम

हर बार गर्मियों में खासतौर से ग्वालियर चंबल के इलाके के साथ ही बुंदेलखंड और निमाड़ के अधिकांश जिलों में लपट हर साल चलती है. लू की वजह से मौते भी दर्ज की जाती हैं. लेकिन अब इसे प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल कर लिए जाने के साथ इन जिलों में होने वाली मौत पर परिजनों को मुआवजा मिल सकेगा. यानी अगले साल की गर्मियों से ही ये अधिसूचना लागू हो जाएगी. 2025 से ही जिस तरह से अब तक बिजली गिरने भूकंप और बाढ़ जैसे कुदरती कहर पर पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता मिलती थी. अब लू की चपेट में आए व्यक्ति को भी सहायता मिलेगी.

Mohan Yadav Government Decision
लू से मौत भी प्राकृतिक आपदा, मिलेगा मुआवजा (ETV BHARAT)

कई जिलों में 48 तक चला जाता है पारा

मध्यप्रदेश के ग्वालियर, दतिया, निवाड़ी वे जिले हैं जहां कई बार तापमान 47 डिग्री पार चला जाता है. इसके अलावा शिवपुरी, गुना, अशोकनगर से लेकर बुंदेलखंड के छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सिंगरौली, सीधी, मैहर, उमरिया, शहडोल भी शामिल है. इधर, निमाड़ में खरगोन, खंडवा, बड़वानी गर्मी रिकार्ड तोड़ती है.

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इस साल देशभर में लू से मृतकों की संख्या 56

गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी के दौरान लू से मौतें होती हैं. साल 2024 में देशभर में लू से करीब 56 लोग मौत का शिकार हुए थे. लेकिन कई राज्य लू से मरने वालों की संख्या कम दर्शाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में लू क चपेट में आने से 7 लाख लाख से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सबसे ज्यादा 14 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं. महाराष्ट्र में 11 मौतें हुईं.

Last Updated : Oct 1, 2024, 6:46 PM IST
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