भोपाल : मंत्रियों को सरकार की प्राथमिकताओं, कामकाज के तरीकों के बारे में बताने के लिए पहले भी ट्रेनिंग कराई गई थी. मंत्रिमंडल के गठन के बाद ये ट्रेनिंग हुई थी, जिसमें सभी को जरूरी हिदायतें भी दी गई थीं. वहीं एक बार फिर मोहन यादव सरकार मंत्रियों की क्लास लगाने की तैयारी में है.
इस वजह से ट्रेनिंग की जरूरत
मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 32 मंत्री हैं. इनमें से 17 सदस्य ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं. इनमें भी 7 मंत्री तो पहली बार विधायक बने हैं. इनमें मंत्री दिलीप अहिरवार, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह, संपतिया उइके, नरेन्द्र शिवाजी पटेल पहली बार के विधायक और मंत्री हैं. इसके अलावा कृष्णा गौर, गौतम टेटवाल, लखन पटेल, नारायण पवार भी पहली बार के मंत्री हैं. इनमें से कई राज्य मंत्रियों को सीनियर मंत्रियों के साथ रखा गया. इसके अलावा 44 सदस्य ऐसे हैं, जो पहली बार विधायक चुने गए हैं. विधानसभा चुनाव के 7 माह बाद भी कई विधायक और पहली बार के मंत्री सिस्टम की बारीकियों को ठीक से समझ नहीं पाए हैं, लिहाजा एक बार फिर इन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.
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संसद सत्र के बाद होगी ट्रेनिंग
संसद सत्र के बाद यह ट्रेनिंग कार्यक्रम रखा जाएगा. इस दौरान नए विधायकों और मंत्रियों को एक बार फिर ब्योरोक्रेसी के साथ काम करने के तरीके समझाए जाएंगे. इन्हें बताया जाएगा कि विकास कार्यों को लेकर किस तरह समन्वय बनाकर काम किया जाना है. इसके अलावा नए विधायकों को विधानसभा में सत्ता और संगठन के बीच किस तरह से काम किया जाए इसके बारे में बताया जाएगा. जिससे विधानसभा क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता बढ़े और जनता की उम्मीदों पर भी वे खरा उतर सकें. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी सत्ता और संगठन के नेताओं के प्रशिक्षण पर विचार किया गया था.