जबलपुर : जबलपुर के रीजनल इन्वेस्टर कॉन्क्लेव में जबलपुर की आयुध निर्माणी फैक्ट्री खमरिया, गन कैरिज फैक्ट्री और व्हीकल फैक्ट्री ने अपने स्टॉल लगाए थे. इसमें व्हीकल फैक्ट्री ने अपने एंटी लैंड माईन व्हीकल को भी प्रदर्शित किया. यह व्हीकल फैक्ट्री खमरिया में ही बनाया जाता है और दुनिया के कुछ बेहतरीन एंटी लैंडमाइन व्हीकल में से एक है. इसका उपयोग मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में किया जाता है.
भारतीय सेना के वाहन बनते हैं यहां
बता दें कि एंटी लैंड माईन व्हीकल के साथ-साथ सेना के ट्रक व कई जरूरी वाहन जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में बनाए जाते हैं. जबलपुर में बने इन वाहनों का इस्तेमाल देश की सेना करती है. वहीं इनमें से कुछ वाहनों को विदेश में भी एक्सपोर्ट किया जाता है.
सेना की बंदूकें-गोलियां भी यहां बनाई जाती हैं
जबलपुर में सेना के इस्तेमाल में आने वाली बंदूकें और गोली भी बनाई जाती हैं. इन हथियारों को बनाने में सैकड़ों किस्म के उपकरण, कई छोटी बड़ी मशीने, कल पुर्जे व डिजाइनिंग यूनिट लगते हैं. शुरुआत से लेकर अंतिम निर्माण तक कई स्तरों पर यहां काम किया जाता है.कई कल पुर्जे ऐसे हैं जिन्हें जबलपुर की सरकारी फैक्ट्रियां बना लेती हैं लेकिन कुछ कल पुर्जे ऐसे हैं जिन्हें खुले बाजार से खरीदना पड़ता है. कई बार कंपनियों को इन्हें आयात भी करना पड़ता है इनमें से कुछ कल पुर्जे जो जबलपुर की कंपनियां बनाती हैं. वह रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में डिस्प्ले पर रखे गए थे.
रक्षा के क्षेत्र में निवेश का मौका
गन कैरिज फैक्ट्री के डिप्टी डायरेक्टर प्रखर मिश्रा ने बताया कि वह प्रोडक्शन में इस्तेमाल में आने वाले लगभग ज्यादातर कलपुर्जे बना लेते हैं लेकिन इसके बाद भी कई चीजों को उन्हें बाजार से खरीदना पड़ता है. यही सामान छोटी इंडस्ट्रीज के लिए कारोबार का मौका बन सकता है. यदि रक्षा क्षेत्र में निवेश करने वाले कारोबारी हमें इन सामानों की सप्लाई दे दें, तो हमारा उत्पादन जल्दी और बेहतर हो सकेगा और निवेशकों को काम मिल सकेगा. इसलिए रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में इन कंपनियों ने अपना स्टॉल लगाया था.
रक्षा उत्पाद देखते रह गए सीएम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जब जबलपुर में उत्पादित होने वाले रक्षा उत्पादों को देखा और समझा तब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि रक्षा क्षेत्र में निवेश के मध्य प्रदेश में अच्छे मौके हैं और खास तौर पर जबलपुर के आसपास यदि रक्षा क्षेत्र से जुड़ा हुआ निवेशक आता है तो उसे काम मिलने की संभावना है इसलिए मध्य प्रदेश में केवल रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए एक इन्वेस्टर मीट का आयोजन भी किया जाएगा.
जबलपुर में बन सकता है डिफेंस क्लस्टर
भारत में अभी निजी क्षेत्र में रक्षा उत्पाद बनाने वाले डिफेंस क्लस्टर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में शुरू हुए हैं. राज्य सरकार पूरी ताकत से कोशिश करे तो जबलपुर में भी डिफेंस क्लस्टर बनाया जा सकता है क्योंकि यहां रक्षा क्षेत्र के उत्पाद खरीदने वाली कंपनियां भी हैं. इस क्षेत्र में काम करने वाले प्रशिक्षित लोग भी हैं और सरकारी रक्षा कंपनियों के पास सुरक्षित जमीन भी हैं. ऐसी स्थिति में यह कारोबार जबलपुर को विकास का नया रास्ता बन सकता है.