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बंजर-पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन, गुलाबी और पीले रंग की गोभी आकर्षण का केंद्र

Organic vegetable farming in Dumka. दुमका के मोहम्मद नईमुद्दीन बंजर और पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. उनके खेत में उगी गुलाबी और पीले रंग की गोभी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. उनसे प्रभावित होकर अब दूसरे लोग भी ऑर्गेनिक खेती करना शुरू कर रहे हैं.

Organic vegetable farming in Dumka
Organic vegetable farming in Dumka
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 9, 2024, 9:37 AM IST

बंजर-पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती

दुमका: अगर मन में कुछ अच्छा करने की चाहत और दृढ़ संकल्प हो तो सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दुमका के नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड के करमाटांड़ गांव निवासी मोहम्मद नईमुद्दीन अंसारी ने. नईमुद्दीन अंसारी अपनी बंजर और पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. खासकर उनके द्वारा उगाई गई गुलाबी, पीली और हरे रंग की गोभी आसपास के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

क्या है पूरा मामला?: दुमका जिले के शिकारीपाड़ा कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्यरत मो. नईमुद्दीन अंसारी करमाटांड़ गांव के रहने वाले हैं. उनके पास जो जमीन है, वह पथरीली और बंजर थी, उन्होंने उस पर आधुनिक खेती करने का फैसला किया. परिवार के सदस्यों से सलाह-मशविरा करने के बाद ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन करने का निर्णय लिया. काम कठिन था लेकिन नईमुद्दीन और उनके परिवार ने हार नहीं मानी. उन्होंने दो साल पहले इस बंजर भूमि को खेती योग्य बनाया और ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन शुरू किया. आज उनके खेतों में कई तरह की सब्जियां उग रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वे खेतों में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते बल्कि गाय के गोबर से बनी खाद डालते हैं ताकि सब्जियों को खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े.

रंग-बिरंगी गोभी आकर्षण का केंद्र: मो. नईमुद्दीन और उनके परिवार की मेहनत रंग लाई है. आज खेतों में गोभी, टमाटर, सेम, बैंगन के साथ-साथ कई तरह के आकर्षक फूल खिल रहे हैं. खासकर उनके खेतों में लगी गुलाबी, पीली और हरे रंग की गोभी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. ऑर्गेनिक खेती के कारण इन सब्जियों की काफी मांग है. लोग अपने घर से पहुंचकर इन सब्जियों को खरीदते हैं. चूंकि मो. नईमुद्दीन शिकारीपाड़ा कॉलेज में क्लर्क के रूप में भी काम करते हैं, इसलिए उन्हें वहीं से आजीविका मिलती है. ऐसे में वे अपने द्वारा उत्पादित सब्जियों को अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों में मुफ्त में बांटते हैं और सभी को आधुनिक और ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं.

क्या कहते हैं मो. नईमुद्दीन: आधुनिक तरीके से ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन कर रहे नईमुद्दीन कहते हैं कि आज उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि हमारी मेहनत सफल हुई. वह कहते हैं कि जब दूर-दूर से लोग मेरी खेती देखने आते हैं और उसकी तारीफ करते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है जैसे मैंने धरती मां और समाज की सेवा की है. वहीं नईमुद्दीन द्वारा की जा रही इस खेती के बारे में लोग कहते हैं कि उनके यहां जाकर उन्हें बहुत अच्छा लगता है. उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां प्राप्त होती हैं. लोगों का कहना है कि अब वे भी नईमुद्दीन की तरह ऑर्गेनिक खेती का मन बना रहे हैं.

यह भी पढ़ें: मार्गदर्शन और मेहनत का कमाल, बंजर भूमि पर उगे स्ट्रॉबेरी के फूल!

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बंजर-पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती

दुमका: अगर मन में कुछ अच्छा करने की चाहत और दृढ़ संकल्प हो तो सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है दुमका के नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा प्रखंड के करमाटांड़ गांव निवासी मोहम्मद नईमुद्दीन अंसारी ने. नईमुद्दीन अंसारी अपनी बंजर और पथरीली जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. खासकर उनके द्वारा उगाई गई गुलाबी, पीली और हरे रंग की गोभी आसपास के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

क्या है पूरा मामला?: दुमका जिले के शिकारीपाड़ा कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्यरत मो. नईमुद्दीन अंसारी करमाटांड़ गांव के रहने वाले हैं. उनके पास जो जमीन है, वह पथरीली और बंजर थी, उन्होंने उस पर आधुनिक खेती करने का फैसला किया. परिवार के सदस्यों से सलाह-मशविरा करने के बाद ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन करने का निर्णय लिया. काम कठिन था लेकिन नईमुद्दीन और उनके परिवार ने हार नहीं मानी. उन्होंने दो साल पहले इस बंजर भूमि को खेती योग्य बनाया और ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन शुरू किया. आज उनके खेतों में कई तरह की सब्जियां उग रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वे खेतों में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते बल्कि गाय के गोबर से बनी खाद डालते हैं ताकि सब्जियों को खाने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े.

रंग-बिरंगी गोभी आकर्षण का केंद्र: मो. नईमुद्दीन और उनके परिवार की मेहनत रंग लाई है. आज खेतों में गोभी, टमाटर, सेम, बैंगन के साथ-साथ कई तरह के आकर्षक फूल खिल रहे हैं. खासकर उनके खेतों में लगी गुलाबी, पीली और हरे रंग की गोभी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. ऑर्गेनिक खेती के कारण इन सब्जियों की काफी मांग है. लोग अपने घर से पहुंचकर इन सब्जियों को खरीदते हैं. चूंकि मो. नईमुद्दीन शिकारीपाड़ा कॉलेज में क्लर्क के रूप में भी काम करते हैं, इसलिए उन्हें वहीं से आजीविका मिलती है. ऐसे में वे अपने द्वारा उत्पादित सब्जियों को अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों में मुफ्त में बांटते हैं और सभी को आधुनिक और ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं.

क्या कहते हैं मो. नईमुद्दीन: आधुनिक तरीके से ऑर्गेनिक सब्जियों का उत्पादन कर रहे नईमुद्दीन कहते हैं कि आज उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि हमारी मेहनत सफल हुई. वह कहते हैं कि जब दूर-दूर से लोग मेरी खेती देखने आते हैं और उसकी तारीफ करते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है जैसे मैंने धरती मां और समाज की सेवा की है. वहीं नईमुद्दीन द्वारा की जा रही इस खेती के बारे में लोग कहते हैं कि उनके यहां जाकर उन्हें बहुत अच्छा लगता है. उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां प्राप्त होती हैं. लोगों का कहना है कि अब वे भी नईमुद्दीन की तरह ऑर्गेनिक खेती का मन बना रहे हैं.

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