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उत्तराखंड के सभी जिलों में बनेंगे मॉडल पशु चिकित्सालय, दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र भी होंगे स्थापित - Model Veterinary Hospital

Model Veterinary Hospital, सीएम धामी ने सकल राज्य घरेलू उत्पाद में पशुपालन और डेरी विकास के योगदान को अगले तीन साल के भीतर तीन फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी करने की दिशा में काम करने के निर्देश दिये. इसके लिए स्थानीय उत्पादों को तेजी से बढ़ावा देने पर भी जोर दिया.

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उत्तराखंड के सभी जिलों में बनेंगे मॉडल पशु चिकित्सालय (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 31, 2024, 7:03 PM IST

देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की. बैठक के दौरान इन विभागों के अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक के दौरान सीएम ने पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में बढ़ोतरी करने के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा वर्किंग प्लान तैयार कर पेश करें. साथ ही सभी जिलों में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय भी बनाए जाये. विभागों के योजनाओं को लागू करने के साथ ही नवाचार की दिशा में भी ध्यान साथ ही योजनाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए काम किया जाये. जिससे स्थानीय स्तर पर न सिर्फ लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी बल्कि पलायन भी रुकेगा.


इसके साथ ही राज्य के पशुपालकों की आय को बढ़ाने मे गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रायलर फार्म की स्थापना काफी फायदेमंद साबित होगी. लिहाजा, इस दिशा में तेज गति से काम करने की जरूरत है. सीएम ने निर्देश दिए कि राज्य में डेरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के साथ ही तमाम दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की योजनाओं की दिशा में काम किया जाये. दुग्ध उत्पादन से बेहतर आय के लिए इनपुट प्रोडक्सन एवं डिलीवरी सिस्टम को बेहतर करने की जरूरत है. एफपीओ के जरिए किसानों को बेहतर किस्म का चारा बीज उपलब्ध कराने, हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए. राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र भी स्थापित किये जाये.

मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए. इनकी बिक्री के लिए भी बेहतर प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएं. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से लक्ष्य निर्धारित किये जाएं, लक्ष्यों के अनुरूप तय समय के साथ आगे काम किये जाएं. राज्य में मछली की खपत के अनुसार उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं. मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए. तालाबों का निर्माण कर उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है. वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह बेहतर कदम होगा. कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए. उनके जरिए मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाये.

गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम धामी ने निर्देश दिये कि गन्ना मिलों को घाटे से निकाला जाए. गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में काम किया जाए. राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के जरिए गन्ना सर्वेक्षण का काम और प्रदेश में जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो.

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए पशुओं का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है. मोबाईल वैटिनरी यूनिट के जरिए पशुपालकों के घर पर पशुचिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत इस साल डेरी विकास के तहत 3385 दुधारू पशुओं के खरीद के लिए 611 परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने और 4943 पशुपालकों को बकरी व कुक्कुट पालन का लक्ष्य रखा है. पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज, चारा फीड ब्लाक की सुगमता से उपलब्ध होने के चलते महिलाओं के बोझ को कम किया गया है. पशुपालन से संबधित कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले तीन सालो में दुग्ध उपार्जन, संतुलित पशु आहार एवं साईलेज विक्रय में वृद्धि हुई है. गोट वैली से राज्य में डेढ़ साल में 3027 पशुपालकों को लाभ मिला है. जिसमें 37 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. राज्य में कुक्कुट की 2622 यूनिट स्थापित हैं. इस साल एक हजार और ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें- पशुपालन मंत्री ने किया 1962 कॉल सेंटर का औचक निरीक्षण, पशुपालकों से की बात, सुनी समस्याएं - call center surprise inspection

देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की. बैठक के दौरान इन विभागों के अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक के दौरान सीएम ने पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में बढ़ोतरी करने के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा वर्किंग प्लान तैयार कर पेश करें. साथ ही सभी जिलों में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय भी बनाए जाये. विभागों के योजनाओं को लागू करने के साथ ही नवाचार की दिशा में भी ध्यान साथ ही योजनाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए काम किया जाये. जिससे स्थानीय स्तर पर न सिर्फ लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी बल्कि पलायन भी रुकेगा.


इसके साथ ही राज्य के पशुपालकों की आय को बढ़ाने मे गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रायलर फार्म की स्थापना काफी फायदेमंद साबित होगी. लिहाजा, इस दिशा में तेज गति से काम करने की जरूरत है. सीएम ने निर्देश दिए कि राज्य में डेरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के साथ ही तमाम दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की योजनाओं की दिशा में काम किया जाये. दुग्ध उत्पादन से बेहतर आय के लिए इनपुट प्रोडक्सन एवं डिलीवरी सिस्टम को बेहतर करने की जरूरत है. एफपीओ के जरिए किसानों को बेहतर किस्म का चारा बीज उपलब्ध कराने, हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए. राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र भी स्थापित किये जाये.

मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए. इनकी बिक्री के लिए भी बेहतर प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएं. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से लक्ष्य निर्धारित किये जाएं, लक्ष्यों के अनुरूप तय समय के साथ आगे काम किये जाएं. राज्य में मछली की खपत के अनुसार उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं. मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए. तालाबों का निर्माण कर उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है. वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह बेहतर कदम होगा. कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए. उनके जरिए मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाये.

गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम धामी ने निर्देश दिये कि गन्ना मिलों को घाटे से निकाला जाए. गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में काम किया जाए. राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के जरिए गन्ना सर्वेक्षण का काम और प्रदेश में जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो.

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए पशुओं का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है. मोबाईल वैटिनरी यूनिट के जरिए पशुपालकों के घर पर पशुचिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत इस साल डेरी विकास के तहत 3385 दुधारू पशुओं के खरीद के लिए 611 परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने और 4943 पशुपालकों को बकरी व कुक्कुट पालन का लक्ष्य रखा है. पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज, चारा फीड ब्लाक की सुगमता से उपलब्ध होने के चलते महिलाओं के बोझ को कम किया गया है. पशुपालन से संबधित कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 30 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले तीन सालो में दुग्ध उपार्जन, संतुलित पशु आहार एवं साईलेज विक्रय में वृद्धि हुई है. गोट वैली से राज्य में डेढ़ साल में 3027 पशुपालकों को लाभ मिला है. जिसमें 37 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. राज्य में कुक्कुट की 2622 यूनिट स्थापित हैं. इस साल एक हजार और ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें- पशुपालन मंत्री ने किया 1962 कॉल सेंटर का औचक निरीक्षण, पशुपालकों से की बात, सुनी समस्याएं - call center surprise inspection

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