देहरादून/हरिद्वार/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चंद दिनों में शुरू हो जाएगा. इसके अलावा कुछ महीने बाद मानसून भी दस्तक दे देगा. लिहाजा, अभी से ही सभी तैयारियों को मुकम्मल किया जा रहा है. इसी के तहत आज देहरादून और हरिद्वार में आपदा का मॉक ड्रिल किया गया. जिसमें रेस्क्यू टीम के रिस्पांस टाइम से लेकर तैयारियों को परखा गया. साथ ही आपदा या किसी भी आपात स्थिति से निपटने पर जोर दिया गया.
दरअसल, मॉक ड्रिल के तहत आज सुबह 9 बजे से ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में यूएसडीएमए (उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) और एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने अपनी ड्यूटी शुरू की. तभी देहरादून में दो अलग-अलग जगह पर भूकंप की घटनाएं, हरिद्वार में जलभराव और बिल्डिंग गिरने की सूचना मिली. इसके अलावा कर्णप्रयाग में बस दुर्घटना समेत उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, ऋषिकेश में अलग-अलग तरह की घटनाएं हुई. यह सूचना मिलते ही देहरादून में सचिवालय में मौजूद आपदा कंट्रोल रूम से सभी तरह के फोर्सज को अलर्ट किया गया.
![Dehradun Mock Drill](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-05-2024/21369723_chardham-yatra-2024-2.png)
वहीं, विभिन्न टीमों ने मौके पर जाकर कठिन परिस्थितियों में भी रेस्क्यू अभियान चलाया. इसके तहत एनडीएमए यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी मेजर जनरल सुधीर बहल ने आर्मी और एयर फोर्स के आपसी कोऑर्डिनेशन व उनके स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर काफी कुछ क्लियर किया. मॉक ड्रिल के दौरान जहां एक तरफ रेस्क्यू फोर्स का एक्शन त्वरित देखने को मिला तो वहीं, मॉक ड्रिल के दौरान सिस्टम में मौजूद कई खामियां भी सामने आई. खामियों को लेकर अधिकारियों का कहना था कि इन्हीं खामियों को उजागर करने के लिए यह एक्सरसाइज की जा रही है. इस मॉक ड्रिल के बाद इन सभी कमियों को लेकर के समीक्षा की जाएगी.
मॉक ड्रिल में कम्युनिकेशन की खुली पोल: जहां एक तरफ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मॉक ड्रिल के दौरान दुरुस्त नजर आई तो वहीं कई कार्यालय से कम्युनिकेशन सिस्टम बेहद लाचार देखने को मिले. अफसोस तो ये देखने को मिला कि देहरादून से मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान के कार्यालय से कंट्रोल रूम का संपर्क सही तरीके से नहीं हो पाया. शासन की नाक के नीचे मौजूद देहरादून जिला विकास अधिकारी कार्यालय में कनेक्टिविटी को लेकर के मॉक ड्रिल के दौरान बड़ी कमी देखने को मिली, जहां पर अधिकारी की आवाज कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंच पाई.
![Dehradun Mock Drill](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-05-2024/21369723_chardham-yatra-2024.png)
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने बताया कि यह एक्सरसाइज चारधाम यात्रा से पहले अपने पूरे सिस्टम को जांचने के लिए किया गया है. इस मॉक ड्रिल से उन्हें यह ऑब्जरवेशन मिल रहा है कि उनके सिस्टम में कौन सी चीज ठीक हैं और कौन सी चीजों पर अभी काम करने की जरूरत है.
मॉक ड्रिल में अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को किया जाएगा चिन्हित: अधिकारियों ने बताया कि जहां रिस्क फोर्सज का रिस्पांस बेहद अच्छा था तो वहीं कई जगह पर कम्युनिकेशन में दिक्कत देखने को मिली. कई कर्मचारी ऐसे मिले, जो मॉक ड्रिल को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में अच्छा काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं, लापरवाह लोगों को भी अलग से चिन्हित किया जाएगा.
![Haridwar Mock Drill](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-05-2024/21369723_chardham-yatra-2024-22.png)
हरिद्वार में मॉक ड्रिल: हरिद्वार में चारधाम यात्रा के दौरान आपदा संबंधित तैयारियों को परखने के लिए दो जगहों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. मॉक ड्रिल के तहत हरकी पैड़ी के पास शिव घाट पर अफरा तफरी और भगदड़ मचने के सूचना मिली. जिसमें बताया गया कि कई लोग गंगा में डूब गए. जिसकी सूचना पर तत्काल रेगुलर पुलिस, जल पुलिस और एसडीआरएफ का बचाव दल मौके पर पहुंचा. जहां गंगा में डूब रहे सभी लोगों को बचाया गया. कुछ लोगों को मौके पर ही सीपीआर देकर अस्पताल भेजा गया.
वहीं, इसके अलावा प्रेम प्रकाश आश्रम चौक पर आग से लगने की सूचना पर मॉक ड्रिल किया गया. जहां आग में घिरे सभी लोगों को सकुशल बचाया गया. एसडीआरएफ के एडिशनल एसआई दीपक मेहता ने बताया कि मॉक ड्रिल में रिस्पॉन्स टाइम काफी बेहतर था. जिसमें जवानों की मुस्तैदी परखी गई. उन्होंने कहा कि किसी भी रेस्क्यू के दौरान यह सबसे जरूरी होता है कि टीम घटनास्थल से कितनी दूर और कहां पर मौजूद है. जिसके हिसाब रेस्क्यू को अंजाम दिया जाता है.
![Haridwar Mock Drill](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-05-2024/uk-rpg-05-badal-fta-vis-byte-uk10030_02052024180636_0205f_1714653396_131.jpg)
केदारनाथ पैदल मार्ग पर मॉक ड्रिल: केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पहले आपदा प्रबंधन विभाग ने माॅक ड्रिल का आयोजन किया. जिसके तहत केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चीरबासा हेलीपैड के पास बादल फटने की सूचना पर आपदा राहत एवं बचाव टीमें मौके के लिए रवाना हुई. रेस्क्यू कार्य के दौरान देखा गया कि 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को हेली के माध्यम से एम्स ऋषिकेश भेजा गया.
अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने, आपदा जैसी घटना घटित होने पर त्वरित राहत एवं बचाव किए जाने के उद्देश्य से यह माॅक अभ्यास किया गया. ताकि पता चल सके कि कितने कम समय में राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया जा सकता है. इससे यह पता चलता है कि हमारे पास कितने संसाधन एवं उपकरण उपलब्ध हैं? इस मॉक ड्रिल में सभी संबंधित विभागों ने अपना योगदान दिया.
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