जयपुर. जनसंख्या वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के एक समुदाय विशेष पर दिए बयान के बाद राजस्थान में सियासी पारा चढ़ गया है. कांग्रेस विधायक जुबेर खान ने सीएम के बयान को अफसोसजनक बताया है. उन्होंने कहा कि समाज चाहे कोई भी हो. अशिक्षा और गरीबी का बड़ा कारण जनसंख्या वृद्धि ही है. सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून क्यों नहीं लेकर आती है?.
बता दें कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को जनसंख्या वृद्धि के लिए समुदाय विशेष को जिम्मेदार ठहराया था. जुबेर खान ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा और आरएसएस के पास एक ही मुद्दा है कि कैसे इस समाज को हिंदू-मुसलमान के नाम पर बांटा जाए. यह देखा जाना चाहिए कि सन् 1947 में देश आजाद होने के बाद जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले लोग पकड़े गए हैं. उनमें कितने मुसलमान हैं और कितने बहुसंख्यक समाज के हैं. आर्मी में जितने अनुपात में मुस्लिम जवान हैं. उस अनुपात में अगर मुस्लिम जवान कम शहीद हुए हो तो बता दें.
मुद्दे भटकाने के लिए करते हैं भ्रमित: जुबेर खान ने कहा, इनका मुद्दा कहीं हलाल, कहीं हराम, कब्रिस्तान और श्मशान घाट हैं. ये जनसंख्या नियंत्रण का कानून क्यों नहीं लाते? यदि दो बच्चों का कानून आता है तो क्या मुसलमान कानून नहीं मानेंगे? मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मुद्दों से भ्रमित करना भाजपा का काम है. आज चिकित्सा और शिक्षा क्या हिंदू-मुसलमान करने से मिल जाएगी. इस्लाम में सबसे पहली बात है कि वतन का कानून मानना आपका फर्ज है. कोई कानून इस देश में ऐसा है क्या? जिसे इस्लाम के अनुयायियों ने मानने से इनकार किया हो. ये कानून बनाएं और सब पर लागू करें. उस कानून को सब मानेंगे.
गरीबी और अशिक्षा जनसंख्या वृद्धि का कारण: उन्होंने कहा कि जो गरीब और अनपढ़ लोग हैं. जो बेरोजगार हैं. चाहे वो एससी में हो, एसटी में हो, ओबीसी में हो. आप देखिए नगर-डीग के गुर्जर समाज के लोगों में और अलवर के मुस्लिम समाज के लोगों में जनसंख्या अनुपात में कोई फर्क नहीं मिलेगा. दोनों समाजों में बच्चों की संख्या बराबर मिलेगी. इसका मूल कारण शिक्षा का अभाव है, लेकिन मुसलमानों को टारगेट करना आसान है. खान ने कहा कि मुसलमान इस देश में पैदा हुए हैं. इसी देश की मिट्टी में मिलेंगे. ये लोग चाहे कितना भी सांप्रदायिकतावाद फैला लें. भारतीयता और राष्ट्रीयता में मुसलमान कहीं भी पीछे नहीं रहेंगे.
सरकार कानून बनाएगी तो हम करेंगे स्वागत: उन्होंने सवाल किया कि क्या राजस्थान में राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय एक भी बची है, जिसे माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत नहीं किया गया हो. लेकिन मेवात में 11 सरकारी आवासीय स्कूल ऐसी हैं, जो 14 साल से उच्च प्राथमिक स्तर की है. आज तक उन स्कूलों को माध्यमिक या उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत नहीं किया गया है. जहां अशिक्षा और बेरोजगारी है. वहां अपराध बढ़ रहा है. हम यह मानते हैं कि मेवात में अपराध बढ़ रहा है. इसे दूर करने के लिए सरकार को भी रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा देने की तरफ ध्यान देना चाहिए. सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएगी तो हम इसका स्वागत करेंगे.