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निजी हाथ में बिजली देने से खत्म हो जाएगा बुनकर, लखनऊ में करेंगे आमरण अनशनः विधायक रफीक अंसारी - MLA RAFIQ ANSARI

मेरठ शहर से संमाजवादी पार्टी विधायक रफीक अंसारी विधानसभा सत्र के दौरान ईटीवी भारत से की बातचीत, बुनकर की समस्याओं पर सरकार को घेरा

सपा विधायक रफीक अंसारी.
सपा विधायक रफीक अंसारी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ: बुनकरों की समस्याओं को लेकर मेरठ शहर से विधायक रफीक अंसारी ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुनकरों की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. उन्होंने सरकार की नीतियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि बुनकर समाज को बचाने के लिए लखनऊ में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश भर के बुनकर आमरण अनशन करेंगे.

बिजली दरें बुनकरों पर भारीः विधायक रफीक अंसारी नेकहा कि निजी हाथों में बिजली देने की योजना बुनकरों को पूरी तरह खत्म कर देगी. 2006 में बुनकरों को किसानों के समान सब्सिडी पर बिजली मिलती थी, लेकिन अब 800 प्रति हॉर्सपावर दर तय कर दी गई है. यह बुनकरों के लिए असहनीय है. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग द्वारा बुनकरों की मशीनों पर छापे डाले जा रहे हैं और जुर्माना लगाया जा रहा है, जिससे बुनकर समुदाय और अधिक परेशान हो रहा है. सरकार की मंशा साफ नहीं है. ऐसा लगता है कि वह बुनकर समाज को खत्म करने पर तुली हुई है.

विधायक रफीक अंसारी से खास बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)
बुनकरों का रोजगार संकट मेंः रफीक अंसारी ने बताया कि बुनकारी उद्योग लाखों लोगों को रोजगार देता है. लेकिन बिजली दरों में बढ़ोतरी के चलते पावरलूम बंद हो रहे हैं. लोहे के दाम पर मशीनें बेची जा रही हैं. अगर यही हालात रहे तो उत्तर प्रदेश से बुनकरों का नामोनिशान मिट जाएगा. अंसारी ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार बुनकरों को उनके काम की नजर से नहीं, बल्कि धर्म और जाति के चश्मे से देख रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” अभी इमरजेंसी हालत, इसे हर हाल में रोकेंगेः विधायक ने कहा कि बुनकर समाज के हक की लड़ाई के लिए बड़ी रणनीति बनाई जा रही है. लखनऊ में बुनकरों को इकट्ठा करके भूख हड़ताल करेंगे. जरूरत पड़ी तो दिल्ली तक जाएंगे और जेल भरने का आंदोलन करेंगे. सरकार को बुनकरों की दुर्दशा का जवाब देना ही होगा. उन्होंने कहा कि बुनकरी उद्योग को बचाने के लिए सरकार को सब्सिडी पर बिजली देनी होगी और बुनकरों के लिए विशेष नीतियां बनानी होंगी. “अगर सरकार नहीं चेती, तो बुनकर मजबूर होकर आत्महत्या करेंगे. यह इमरजेंसी जैसे हालात हैं। हम इसे हर हाल में रोकेंगे.

इसे भी पढ़ें-यूपी विधानसभा में मर्यादाएं तार-तार; शाम की दवा...गली गली में शोर...गूंजा, ब्रजेश पाठक और सपा नेताओं में तनातनी

लखनऊ: बुनकरों की समस्याओं को लेकर मेरठ शहर से विधायक रफीक अंसारी ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुनकरों की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. उन्होंने सरकार की नीतियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि बुनकर समाज को बचाने के लिए लखनऊ में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश भर के बुनकर आमरण अनशन करेंगे.

बिजली दरें बुनकरों पर भारीः विधायक रफीक अंसारी नेकहा कि निजी हाथों में बिजली देने की योजना बुनकरों को पूरी तरह खत्म कर देगी. 2006 में बुनकरों को किसानों के समान सब्सिडी पर बिजली मिलती थी, लेकिन अब 800 प्रति हॉर्सपावर दर तय कर दी गई है. यह बुनकरों के लिए असहनीय है. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग द्वारा बुनकरों की मशीनों पर छापे डाले जा रहे हैं और जुर्माना लगाया जा रहा है, जिससे बुनकर समुदाय और अधिक परेशान हो रहा है. सरकार की मंशा साफ नहीं है. ऐसा लगता है कि वह बुनकर समाज को खत्म करने पर तुली हुई है.

विधायक रफीक अंसारी से खास बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)
बुनकरों का रोजगार संकट मेंः रफीक अंसारी ने बताया कि बुनकारी उद्योग लाखों लोगों को रोजगार देता है. लेकिन बिजली दरों में बढ़ोतरी के चलते पावरलूम बंद हो रहे हैं. लोहे के दाम पर मशीनें बेची जा रही हैं. अगर यही हालात रहे तो उत्तर प्रदेश से बुनकरों का नामोनिशान मिट जाएगा. अंसारी ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार बुनकरों को उनके काम की नजर से नहीं, बल्कि धर्म और जाति के चश्मे से देख रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” अभी इमरजेंसी हालत, इसे हर हाल में रोकेंगेः विधायक ने कहा कि बुनकर समाज के हक की लड़ाई के लिए बड़ी रणनीति बनाई जा रही है. लखनऊ में बुनकरों को इकट्ठा करके भूख हड़ताल करेंगे. जरूरत पड़ी तो दिल्ली तक जाएंगे और जेल भरने का आंदोलन करेंगे. सरकार को बुनकरों की दुर्दशा का जवाब देना ही होगा. उन्होंने कहा कि बुनकरी उद्योग को बचाने के लिए सरकार को सब्सिडी पर बिजली देनी होगी और बुनकरों के लिए विशेष नीतियां बनानी होंगी. “अगर सरकार नहीं चेती, तो बुनकर मजबूर होकर आत्महत्या करेंगे. यह इमरजेंसी जैसे हालात हैं। हम इसे हर हाल में रोकेंगे.

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