जोधपुर.अभी कुछ दिन पहले भाजपा में जोधपुर के दो राजपूत क्षत्रपों के बीच चल रही आपसी खींचतान अब सौहार्द में बदल गई है. शेरगढ के विधायक बाबूसिंह राठौड़ 20 दिन पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कार्यशैली को लेकर सार्वजनिक मंच पर विरोधी स्वर में मुखर थे. अब सीएम भजनलाल शर्मा के दखल के बाद उनके मुंह से शेखावत की तारीफों के फूल झड़ने लगे हैं. राठौड़ कहने लगे हैं कि शेखावत लगातार तीसरी बार जोधपुर से जीत कर लोकसभा जाएंगे और इस बार गृह मंत्रालय संभालेंगे.
राठौड़ अब खुद को उनका छोटा भाई बताने लगे हैं.उनकी जीत के लिए सबको एकजुट होने का आह्वान करने लगे हैं. इतना ही नहीं, बाबूसिंह यह भी कहने लगे हैं कि शेखावत के कार्यकाल में जोधपुर का चहुंमुखी विकास हुआ है. कोई कमी नहीं रखी हैं. राठौड़ ने शेखावत की तुलना पूर्व विदेश मंत्री जसवंतसिंह जसोल से करते हुए कहा कि वे जब मंत्री थे तो सरकार में टॉप थ्री में थे. शेखावत आज केंद्र में टॉप फाइव में हैं. इसलिए तीसरी बार भी जीता कर भेजना है. शेखावत के रविवार को चुनावी कार्यालय में दोनों के मिलने की फोटो भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. हर तरह एक ही बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ऐसी क्या घुट्टी पिलाई कि दोनों एक हो गए?
राजनीति के जानकारों का कहना है कि शर्मा ने राठौड़ से कहा था कि लोकसभा चुनाव में इस अदावत से नुकसान होगा. इसको रोकना होगा. राठौड़ ने अपने क्षेत्र के वंचित कामों की सूची थमा दी थी. शेखावत भी इस बैठक में साथ में थे. आखिरकार दोनों साथ बाहर निकले और साथ साथ तस्वीरें खिंचवाई.
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26 फरवरी को खोला था शेखावत के खिलाफ मोर्चा: शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में गोगादेव जयंती के मौके पर रविवार को बाबूसिंह राठौड़ ने केंद्रीय मंत्री शेखावत के खिलाफ मोर्चा खोला था. वहां सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे मीठा बोलते हैं, लेकिन काम नहीं करवाते. राठौड़ ने आरोप लगाया कि बालेसर में केंद्रीय विद्यालय की घोषणा कर दी, लेकिन आज तक नहीं बना. इसके बाद शेरगढ़ के कार्यकर्ताओं ने दो दिन बाद ही प्रदेश के जलमंत्री कन्हैयालाल चौधरी के सामने शेखावत के खिलाफ प्रदर्शन किया. इससे यह विवाद बढ़ता गया था. इससे यह विवाद बढ़ता गया. बाद में मुख्यमंत्री के दखल के बाद मामला शांत हुआ.