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खाने-पीने के सामान में थूक और गंदगी मिलाने वालों की अब खैर नहीं, योगी सरकार ला रही कठोर कानून - YOGI GOVERNMENT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में अधिकारियों को कानून को स्पष्ट कानून का प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश, जानिए क्या होंगे प्रावधान?

सीएम योगी आदित्यनाथ.
सीएम योगी आदित्यनाथ. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 8:40 PM IST

Updated : Oct 15, 2024, 9:12 PM IST

लखनऊ: पिछले कुछ दिनों में जूस में यूरिन मिलाने, मांस के टुकड़े मिलाने, रोटी में थूक लगाने जैसी कई घटनाएं प्रदेश में सामने आई थीं. वीडियो वायरल होने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने कार्रवाई भी की थी. ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें हाल के दिनों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट पर स्थायी रोक लगाने के लिए प्रस्तावित नए कानून पर विमर्श किया गया.

गैरजमानती प्रावधान और अर्थदंड की सुनिश्चित करेंः बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते हैं. सीएम ने कहा कि खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है. अधिकारियों से कहा कि होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में स्पष्ट कानून तैयार करें. कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए. ऐसे अपराध को संज्ञेय और गैरजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए.

आईकार्ड पहनकर कर्मचारी करें कामः मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पहचान छिपा कर असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने की एक भी गतिविधि न हो, इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा. ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगाया जाना चाहिए. हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके. इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य हो. प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य हो. छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए.

कर्मचारियों की जानकारी और सीसीटीवी अनिवार्यः अधिकारियों को दिए गए निर्देश में योगी ने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसके प्रतिष्ठान में कोई भी भोजन दूषित न हो. खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही रसोईघर में भोजन पकाते समय और भोजन प्रतिष्ठान में उसे परोसते समय सिर ठकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए. कारोबारी द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण सम्बंधित धाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए. यदि किसी प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाए.

लखनऊ: पिछले कुछ दिनों में जूस में यूरिन मिलाने, मांस के टुकड़े मिलाने, रोटी में थूक लगाने जैसी कई घटनाएं प्रदेश में सामने आई थीं. वीडियो वायरल होने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने कार्रवाई भी की थी. ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें हाल के दिनों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट पर स्थायी रोक लगाने के लिए प्रस्तावित नए कानून पर विमर्श किया गया.

गैरजमानती प्रावधान और अर्थदंड की सुनिश्चित करेंः बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते हैं. सीएम ने कहा कि खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है. अधिकारियों से कहा कि होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में स्पष्ट कानून तैयार करें. कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए. ऐसे अपराध को संज्ञेय और गैरजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए.

आईकार्ड पहनकर कर्मचारी करें कामः मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पहचान छिपा कर असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने की एक भी गतिविधि न हो, इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा. ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगाया जाना चाहिए. हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके. इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य हो. प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य हो. छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए.

कर्मचारियों की जानकारी और सीसीटीवी अनिवार्यः अधिकारियों को दिए गए निर्देश में योगी ने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसके प्रतिष्ठान में कोई भी भोजन दूषित न हो. खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही रसोईघर में भोजन पकाते समय और भोजन प्रतिष्ठान में उसे परोसते समय सिर ठकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए. कारोबारी द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण सम्बंधित धाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए. यदि किसी प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाए.

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Last Updated : Oct 15, 2024, 9:12 PM IST
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