धमतरी: स्वास्थ्य सेवा के काम से जुड़ी मितानिनें गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं हैं. निकाय चुनाव से पहले मितानिनों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है. धरना प्रदर्शन पर बैठी मितानिनों का कहना है कि उनको एनएचएम बनाया जाए. एनजीओ के साथ उनके काम करने की जो बाध्यता है उसे भी खत्म किया जाए. मितानिनों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तबतक उनका धरना जारी रहेगा.
1100 मितानिनें धरने पर बैठी: प्रदर्शनकारी मितानिनों का आरोप है कि जिस एनजीओ के साथ मिलकर वो काम करती हैं वो उनका शोषण करती है. मितानिनों का कहना है कि उनके 20 सालों के एक्सपीरियंस के आधार पर उनको एनएचएम में संविलियन किया जाना चाहिए. प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि उनकी मांगों पर सरकार विचार करे. चेतावनी भरे लहजे में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वो तबतक काम पर नहीं लौटेंगी जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं होती.
एनजीओ के साथ मिलकर अब हम काम नहीं करना चाहते हैं. हमें बहुत कम प्रोत्साहन राशि दी जाती है. अनुभव के आधार पर हमें एनएचएम बनाया जाना चाहिए. :हेमलता साहू, मितानिन
हमें स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कहा जाता है लेकिन हमारा गुजर बसर होना मुश्किल हो रहा है. मोदी की गारंटी के तहत हमें पचास प्रतिशत अतिरिक्त राज्यांश देने का भरोसा दिलाया गया था. सरकार अपनी गारंटी भूल गई है. :मोंगरा साहू, प्रदर्शनकारी
सरकार पर मोदी की गारंटी भूलने का आरोप: प्रदर्शन में शामिल स्वास्थ्य मितानिनों का कहना है कि अपने हक की लड़ाई के लिए वो सड़कों पर उतरी हैं. हम कड़ी मेहनत के जरिए लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देते हैं बावजूद इसके बदले में हमें कुछ नहीं मिलता. हमारी आर्थिक स्थिति खराब है. सरकार को चाहिए कि वो हमारी मांगों पर विचार करे. हमें प्रोत्साहन राशि दी जाए.