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राजस्थान विश्वविद्यालय स्थित संविधान स्तंभ की गलतियों को सुधारने के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित - Mistakes in Constitution Pillar

Constitution Pillar in RU, राजस्थान विश्वविद्यालय में निर्मित संविधान स्तम्भ में की गई गलतियों को जल्द दुरुस्त किया जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से बरती गई सावधानी के बावजूद हुई गलतियों को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो ये जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी कि आखिर ये गलतियां किस स्तर पर हुई है.

Mistakes in Constitution Pillar
गलतियों को सुधारने के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 24, 2024, 6:39 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में नवनिर्मित संविधान पार्क में संविधान स्तंभ पर चित्रों के जरिए नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और मूल सिद्धांतों को समझाया गया, लेकिन इनमें संविधान के भाग 3 और भाग 17 को दर्शाते हुए गलतियां कर दी गई. इसके विरोध में रविवार से ही छात्रों ने विरोध दर्ज कराना शुरू किया. वहीं, सोमवार के एबीवीपी के छात्रों ने कुलपति को घेरते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने संविधान को बेचने और विश्वविद्यालय में टुकड़े-टुकड़े गैंग को सक्रिय करने का काम किया है, जिसका एबीवीपी विरोध करती है. संविधान का ये अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में उन्होंने कुलपति सहित संविधान पार्क निर्माण कमेटी में जो-जो लोग शामिल थे उन सभी के इस्तीफा की मांग की.

हालांकि, अब संविधान स्तम्भ में की गई गलतियों को दुरुस्त करने और गलतियों का कारण जानने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये भी स्पष्ट किया है कि इस संविधान पार्क के निर्माण में विश्वविद्यालय गम्भीर रहा है और इसके निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं, विशेष रूप से संविधान के विभिन्न प्रावधानों से जुड़ी मूल भाषा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजस्थान विश्वविद्यालय के ही विधि संकाय से जुड़े विधि विशेषज्ञों की समय-समय पर तीन समितियों का भी गठन किया था.

पढ़ें : 3 करोड़ की लागत से तैयार देश के पहले संविधान स्तम्भ में कर दी ये बड़ी गलतियां - mistakes in constitution pillar

इन समितियों को विशेष रूप से संविधान पार्क में हमारे संविधान से जुड़े विभिन्न प्रावधानों का मूल स्वरूप एवं मूल भाषा की अनुरूपता को सुनिश्चित करने सम्बन्धी विशेष दायित्व दिया गया था. बावजूद इसके जो गलती हुई है, उसकी जांच की जाएगी. इस पर छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिस गंभीरता से गलती सुधारने की कोशिश कर रहा है, उसी गंभीरता से संविधान पार्क के निर्माण में काम किया जाता तो शायद भारत के महान संविधान को लेकर अशुद्धि और गलतियों को लेकर हो-हल्ला नहीं होता.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि संविधान पार्क को बनाने के लिए विधि संकाय के विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ लिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि जिन गलतियों को विशेषज्ञों की कमेटी नहीं पकड़ पाई उसे छात्रों ने पकड़ लिया, लेकिन उन छात्रों को धन्यवाद और प्रोत्साहन देने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें परेशान कर रहा है. ऐसे में उन्होंने आग्रह किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन गलती सुधारने के साथ ही भविष्य में प्रत्येक कार्य में छात्रों की सहभागिता की दिशा के भी कार्य करें.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में नवनिर्मित संविधान पार्क में संविधान स्तंभ पर चित्रों के जरिए नागरिकों के अधिकार, कर्तव्य और मूल सिद्धांतों को समझाया गया, लेकिन इनमें संविधान के भाग 3 और भाग 17 को दर्शाते हुए गलतियां कर दी गई. इसके विरोध में रविवार से ही छात्रों ने विरोध दर्ज कराना शुरू किया. वहीं, सोमवार के एबीवीपी के छात्रों ने कुलपति को घेरते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने संविधान को बेचने और विश्वविद्यालय में टुकड़े-टुकड़े गैंग को सक्रिय करने का काम किया है, जिसका एबीवीपी विरोध करती है. संविधान का ये अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में उन्होंने कुलपति सहित संविधान पार्क निर्माण कमेटी में जो-जो लोग शामिल थे उन सभी के इस्तीफा की मांग की.

हालांकि, अब संविधान स्तम्भ में की गई गलतियों को दुरुस्त करने और गलतियों का कारण जानने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये भी स्पष्ट किया है कि इस संविधान पार्क के निर्माण में विश्वविद्यालय गम्भीर रहा है और इसके निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं, विशेष रूप से संविधान के विभिन्न प्रावधानों से जुड़ी मूल भाषा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजस्थान विश्वविद्यालय के ही विधि संकाय से जुड़े विधि विशेषज्ञों की समय-समय पर तीन समितियों का भी गठन किया था.

पढ़ें : 3 करोड़ की लागत से तैयार देश के पहले संविधान स्तम्भ में कर दी ये बड़ी गलतियां - mistakes in constitution pillar

इन समितियों को विशेष रूप से संविधान पार्क में हमारे संविधान से जुड़े विभिन्न प्रावधानों का मूल स्वरूप एवं मूल भाषा की अनुरूपता को सुनिश्चित करने सम्बन्धी विशेष दायित्व दिया गया था. बावजूद इसके जो गलती हुई है, उसकी जांच की जाएगी. इस पर छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिस गंभीरता से गलती सुधारने की कोशिश कर रहा है, उसी गंभीरता से संविधान पार्क के निर्माण में काम किया जाता तो शायद भारत के महान संविधान को लेकर अशुद्धि और गलतियों को लेकर हो-हल्ला नहीं होता.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि संविधान पार्क को बनाने के लिए विधि संकाय के विशेषज्ञों की सेवाओं का लाभ लिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि जिन गलतियों को विशेषज्ञों की कमेटी नहीं पकड़ पाई उसे छात्रों ने पकड़ लिया, लेकिन उन छात्रों को धन्यवाद और प्रोत्साहन देने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें परेशान कर रहा है. ऐसे में उन्होंने आग्रह किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन गलती सुधारने के साथ ही भविष्य में प्रत्येक कार्य में छात्रों की सहभागिता की दिशा के भी कार्य करें.

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