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हीटवेव से मौत के आंकड़ों पर गफलत, चिकित्सा मंत्री बोले- आपदा मंत्री बताएं उनके पास आंकड़े किस कैलकुलेशन से आए - Minister Statement On Heat Wave

Health Minister Statement On Heat Wave, हीटवेव की वजह से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर अब गफलत शुरू हो गई है. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग काफी बड़ा है. ऐसे में वो आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से पूछेंगे कि उनके पास मौत के आंकड़े किस कैलकुलेशन से आए हैं.

Health Minister Statement On Heat Wave
हीटवेव से मौत के आंकड़ों पर गफलत (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 27, 2024, 9:18 PM IST

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. राज्य में हीटवेव ने हालात बिगाड़ रखा है. इसी बीच अब हीटवेव की वजह से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर गफलत शुरू हो गई है. चिकित्सा विभाग का कहना है कि हीटवेव के कारण अभी तक प्रदेश में केवल एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि सरकार के ही आपदा प्रबंधन विभाग ने हीटवेव से छह मौत होने का दावा किया है. मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग काफी बड़ा है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से पूछना पड़ेगा कि उनके पास मौत के आंकड़े किस कैलकुलेशन से आए हैं.

दरअसल, सोमवार को हीटवेव और मौसमी बीमारियों के प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य भवन में बैठक हुई. इस मौके पर चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में आमजन को हीटवेव से राहत देने के लिए चिकित्सा संस्थानों में बेहतर प्रबंध किए गए हैं. विभाग का प्रयास है कि लू और तापघात से किसी व्यक्ति को तकलीफ न हो और पीड़ित रोगियों को तत्काल बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने राज्य स्तर से लेकर खंड स्तर तक अधिकारियों को फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन की सघन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें - धौलपुर में आसमान से बरस रहे शोले, पारा 47 के पार, बाजार और सड़कों पर पसरा सन्नाटा - Extreme Heat In Dholpur

आरएमआरएस फंड से मदद : चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भौगोलिक स्थितियों के चलते राजस्थान लू और तापघात की दृष्टि से अति संवेदनशील श्रेणी का राज्य है. इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आमजन को स्वस्थ व सामान्य जीवन के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में रोगियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो. उन्होंने जहां भी कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि सुविधाओं की आवश्यकता है, वहां तत्काल प्रभाव से आरएमआरएस फंड के माध्यम से यह सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन आपदा की इस घड़ी में वैकल्पिक व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें. दवा और जांच सेवाओं में कोई गैप न रहे. साथ ही आमजन को हीटवेव से बचाव और अन्य आवश्यक जानकारियां प्रदान करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.

जांच के बाद ही मौत की पुष्टि : वहीं, कोटा में 6 लोगों की हुई मौत को लेकर चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि हीटवेव से मौत को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एक प्रोटोकॉल तय किया गया है. उस प्रोटोकोल के अनुसार ही पता लगता है कि मरीज की मौत हीटवेव के कारण हुई है या फिर किसी अन्य वजह से. उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन के लिए सभी इंतजाम सुनिश्चित करें.

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. राज्य में हीटवेव ने हालात बिगाड़ रखा है. इसी बीच अब हीटवेव की वजह से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर गफलत शुरू हो गई है. चिकित्सा विभाग का कहना है कि हीटवेव के कारण अभी तक प्रदेश में केवल एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि सरकार के ही आपदा प्रबंधन विभाग ने हीटवेव से छह मौत होने का दावा किया है. मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग काफी बड़ा है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से पूछना पड़ेगा कि उनके पास मौत के आंकड़े किस कैलकुलेशन से आए हैं.

दरअसल, सोमवार को हीटवेव और मौसमी बीमारियों के प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य भवन में बैठक हुई. इस मौके पर चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में आमजन को हीटवेव से राहत देने के लिए चिकित्सा संस्थानों में बेहतर प्रबंध किए गए हैं. विभाग का प्रयास है कि लू और तापघात से किसी व्यक्ति को तकलीफ न हो और पीड़ित रोगियों को तत्काल बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने राज्य स्तर से लेकर खंड स्तर तक अधिकारियों को फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन की सघन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.

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आरएमआरएस फंड से मदद : चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भौगोलिक स्थितियों के चलते राजस्थान लू और तापघात की दृष्टि से अति संवेदनशील श्रेणी का राज्य है. इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आमजन को स्वस्थ व सामान्य जीवन के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में रोगियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो. उन्होंने जहां भी कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि सुविधाओं की आवश्यकता है, वहां तत्काल प्रभाव से आरएमआरएस फंड के माध्यम से यह सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन आपदा की इस घड़ी में वैकल्पिक व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें. दवा और जांच सेवाओं में कोई गैप न रहे. साथ ही आमजन को हीटवेव से बचाव और अन्य आवश्यक जानकारियां प्रदान करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.

जांच के बाद ही मौत की पुष्टि : वहीं, कोटा में 6 लोगों की हुई मौत को लेकर चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि हीटवेव से मौत को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एक प्रोटोकॉल तय किया गया है. उस प्रोटोकोल के अनुसार ही पता लगता है कि मरीज की मौत हीटवेव के कारण हुई है या फिर किसी अन्य वजह से. उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में जाकर हीटवेव प्रबंधन के लिए सभी इंतजाम सुनिश्चित करें.

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