नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद घर से गायब नाबालिग लड़की को उसकी मां को सौंपा गया. नाबालिग की मां की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने नाबालिग लड़की को उसकी मां को सौंपने का आदेश दिया.
करावल नगर थाना क्षेत्र की रहनेवाली लड़की की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि 20 सितंबर 2023 को 27 वर्षीय गुड्डू नामक युवक उनके घर आया. धमकी दी कि वो अपनी 15 साल की बेटी को उसके साथ भेज दे वरना वो अपहरण कर लेगा. 25 सितंबर 2023 को याचिकाकर्ता की बेटी शाम 4 बजे से गायब हो गई. याचिकाकर्ता महिला ने 27 सितंबर 2023 को करावल नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाया. पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता महिला ने 5 अक्टूबर 2023 को खजूरी खास स्थित एसीपी को अपनी आपबीती सुनाई. महिला ने 16 दिसंबर 2023 को दिल्ली महिला आयोग का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन लड़की नहीं मिली. उसके बाद याचिकाकर्ता महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि गुड्डू नामक युवक ने लड़की से संपर्क किया था. उसके बाद पुलिस ने गुड्डू के घर पर छापा मारा लेकिन तब तक वह फरार हो चुका था. 19 फरवरी को गुप्त सूचना पर पुलिस ने उसके घर पर फिर छापा मारा और लड़की को बरामद कर लिया. छापे के दौरान आरोपी नहीं पकड़ा जा सका. 20 फरवरी को लड़की को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत लड़की का बयान दर्ज किया गया.
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सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने लड़की से बात की तो उसने कहा कि वो अपने मां के साथ जाना चाहती है. लड़की की मां ने भी बिना किसी आपत्ति के लड़की को अपने साथ ले जाने पर सहमत हो गई. जिसके बाद कोर्ट ने लड़की को उसकी मां को सौंप दिया.