पाकुड़: गरीब व कमजोर तबके की महिलाओं की सहानुभूति बटोरने वाली राज्य की महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना शासन-प्रशासन के गले की हड्डी साबित हो रही है. इस योजना से लाभ पाने की पात्र जिले की हजारों महिलाएं शुरू में उत्साहित व आशान्वित थीं कि उन्हें हर माह एक हजार रुपये मिलेंगे, लेकिन व्यवस्था की विफलता के कारण आज वही महिलाएं सरकार को कोस रही हैं. इसका मुख्य कारण इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था है.
सरकार ने ऑनलाइन आवेदन लेने की घोषणा की थी, लेकिन सर्वर डाउन रहने के कारण महिलाएं पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन अपने घर का काम छोड़कर पंचायत भवनों का चक्कर लगा रही हैं, बावजूद इसके न तो उनका ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन आवेदन लिया जा रहा है. इसलिए महिलाओं में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है, जिसका जीता जागता उदाहरण बुधवार को समाहरणालय में देखने को मिला.
प्रशासन से लगाई गुहार
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की पात्र सैकड़ों महिलाएं समाहरणालय पहुंचीं और जिला प्रशासन से रोज-रोज की परेशानी से निजात दिलाने की गुहार लगाई. महिलाओं ने अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन से मिलकर अपनी समस्या रखी तथा अविलंब समाधान का अनुरोध किया, ताकि उन्हें अपने आवेदन के लिए प्रतिदिन पंचायत भवन का चक्कर न लगाना पड़े. सदर प्रखंड के शहरकोल पंचायत की महिलाओं के साथ समाहरणालय पहुंचे मुखिया विकास गोंड ने कहा कि सरकार स्तर से ऑफलाइन आवेदन लेने का निर्देश दिया गया है, लेकिन जिले में इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. प्रतिदिन महिलाओं के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है.
समाहरणालय पहुंची महिलाओं ने कहा कि वे लोग प्रतिदिन अपना घर का काम छोड़कर ऑनलाइन आवेदन करने आ रही हैं. लेकिन घंटों इंतजार के बावजूद आवेदन नहीं हो रहा है. महिलाओं ने कहा कि जब उन्हें ऑनलाइन आवेदन के लिए पूरे दिन पंचायत भवन में रहना पड़ेगा, तो घर का काम कौन देखेगा. वहीं अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन ने कहा कि महिलाओं द्वारा दी गई शिकायत व समस्या को वरीय पदाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा तथा समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा.
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