हजारीबाग: जिले के पदमा ट्रेनिंग सेंटर में नौकरी पाने की चाह में युवक-युवतियां दौड़ लगा रहे हैं. दरअसल झारखंड सरकार ने उत्पाद विभाग में सिपाही के पद के लिए वैकेंसी निकाली है. इसके लिए परीक्षा शुरू हो गई है. सबसे पहले शारीरिक परीक्षा का आयोजन किया गया है. जहां लड़कियां 5 किलोमीटर और लड़के 10 किलोमीटर दौड़ रहे हैं. नौकरी पाने की चाह में हर अभ्यर्थी ने जी-जान लगा दी है. लेकिन सरकार की ओर से जो व्यवस्था होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है. ऐसे में अभ्यर्थी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. लेकिन दूर-दराज से उन्हें लेकर आए उनके माता-पिता हालात देखकर रो रहे हैं.
हजारीबाग के पदमा ट्रेनिंग सेंटर में इन दोनों युवकों की भीड़ लगी हुई है. इनके साथ इनके माता-पिता भी पहुंच रहे हैं. खासकर लड़कियां अपने माता-पिता, दादा-दादी, रिश्तेदारों के साथ परीक्षा देने पहुंची हैं. अभ्यर्थियों के परिजनों की मानें तो सरकार की ओर से परीक्षा केंद्र में किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है.
पानी के लिए तरस रहे लोग
हालात ऐसे हैं कि लोगों को पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है. जिनके पास पैसे नहीं हैं, वे किसी तरह बोतलबंद पानी पीने को मजबूर हैं. अभिभावकों का कहना है कि उन्हें रात तीन बजे से ही पदमा गेट से करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. बच्चों को रात में ही लाइन में खड़ा कर दिया जाता है. अंदर खाने की कोई व्यवस्था नहीं है. सरकार को यह छूट देनी चाहिए थी कि बच्चे अंदर चना या सत्तू खा सकते हैं. लेकिन उन्हें वह भी नहीं लेने दिया जा रहा है.
75 वर्षीय महिला अपनी पोती को परीक्षा दिलाने के लिए लेकर आई हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी पोती परीक्षा पास कर जाएगी और घर में खुशहाली आएगी. वृद्ध महिला का यह भी कहना है कि वे लोग रात एक बजे से सड़क किनारे बैठे हैं. पोती दौड़ में भाग लेने के लिए अंदर गई है. उनका कहना है कि यहां न तो रहने की व्यवस्था है और न ही खाने की. उन्हें मजबूरन खुले में शौचालय जाना पड़ रहा है.
धनबाद के बाघमारा से आए अजय कुमार का भी कहना है कि स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. नौकरी की उम्मीद में पदमा अपनी बेटी को लेकर रात एक बजे पहुंचीं. वह खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. बारिश हो जाए तो सिर छुपाने की जगह नहीं है. सरकार अगर परीक्षा ले रही है तो इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए था.
583 पदों पर हो रही भर्ती
आपको बता दें कि सरकार उत्पाद सिपाही के 583 पदों पर भर्ती कर रही है. उत्पाद सिपाही के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है. लेकिन इस नौकरी के लिए मास्टर डिग्रीधारी भी आवेदन कर रहे हैं. सरकारी नौकरी का क्रेज ऐसा है कि लोग अपनी सेहत की चिंता किए बिना दौड़ में शामिल हो रहे हैं. अब तक पूरे राज्य में 11 अभ्यर्थियों की मौत की पुष्टि हुई है.
गौरतलब है कि इससे पहले उत्पाद विभाग में वर्ष 2016 में नियुक्तियां हुई थीं. लेकिन वह नियुक्तियां सहायक अवर निरीक्षक और अवर निरीक्षक के पदों पर हुई थीं. तब से इस विभाग में किसी भी तरह की कोई वैकेंसी नहीं आई है. उत्पाद सिपाही के लिए आखिरी वैकेंसी संयुक्त बिहार में वर्ष 1980 में आई थी. वर्तमान में राज्य में उत्पाद सिपाही के कुल 622 पद सृजित हैं, जिसमें से 589 पद रिक्त हैं. वहीं सहायक अवर निरीक्षक के 105 में से 86 और अवर निरीक्षक के 125 में से 78 पद रिक्त हैं.
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