शिमला: हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां हर गांव और क्षेत्र के अपने-अपने आराध्य देव हैं. स्थानीय लोग इनमें चमत्कारी शक्तियां होने का दावा भी करते हैं. इसके साथ ही देवता गुर (पुजारी) के जरिए भविष्यवाणी भी करते हुए नजर आते हैं. गुर के जरिए की गई देवताओं की इस भविष्यवाणी पर लोगों का विश्वास अटूट है. आपदा, सूखा या अन्य विकट परिस्थितियों में लोग देवता के पास जाते हैं और समस्या का समाधान मांगते हैं. इसके बाद देवता गुर के जरिए भविष्यवाणी करते हैं.
देवता अपनी भविष्यवाणी में आने वाले साल में आपदाओं, सूखा, बाढ़, बारिश के बारे में लोगों को सचेत कर देते हैं. ये देवता अपने और दूसरे देवों के भ्रमण पर भी निकलते हैं और संबंधियों से भी मिलते हैं. ये देव मिलन अद्भुत होता है. इस दौरान चारों ओर हर्षोउल्लास होता है. इस दौरान कई बार कुछ ऐसा देखने को मिल जाता है, जिस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे ही किन्नौर जिला के किल्बा गांव में देवता जाबल नारायण पहुंचे हैं. देवता जाबल नारायण रोहड़ू क्षेत्र में धार्मिक दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान उनका किल्बा गांव पहुंचने पर हजारों की संख्या में लोगों ने भव्य स्वागत किया. बताया जा रहा है कि देवता जाबल नारायण का किल्बा गांव का यह दौरा कई वर्षों बाद हुआ है. जहां वो किल्बा देवता बद्री नारायण से मिले और इस मिलन को देखने के लिए जिला किन्नौर से हजारों की संख्या मे भीड़ एकत्रित हुई.
इस दौरान किल्बा गांव में अगले कुछ दिनों तक लोग खेतीबाड़ी के कार्यों को छोड़कर केवल मन्दिर प्रांगण में देवता बद्री नारायण और जाबल नारायण की पूजा अर्चना, अराधना के साथ किन्नौर के पारम्परिक लोकनृत्य करते हुए देवता जाबल के साथ आए लोगों की जमकर खातिरदारी करेंगे. इसके अलावा किल्बा गांव के ग्रामीण देवता जाबल नारायण से गांव में बरक्त और बारिश के लिए भी अर्जी लगाएंगे, क्योंकि जिले में लम्बे समय से सूखा पड़ा हुआ है.
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