कानपुर: यूपी के कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने एक बार फिर चमत्कार किया है. कुछ दिनों पहले ही यहां के डॉक्टर्स की टीम ने एक गर्भवती महिला, जिसका सिर्फ 40 प्रतिशत हार्ट काम कर रहा था, उसकी डिलीवरी कराते हुए उसे और उसके जुड़वां बच्चों को बचा लिया था. वहीं, अब डॉक्टर्स की टीम ने एक 55 साल की महिला जो कि फेफड़े की दुर्लभ कैंसर से जूझ रही थी. उसे भी बचाकर नई जिंदगी दी है. महिला का पूरा इलाज आधुनिक रूबीना सिस्टम से किया गया. जिसमें महिला मरीज को केवल एनीस्थिसिया देकर दवाई को फेफड़े तक दिल के रास्ते से पहुंचाया गया. डॉक्टरों का दावा है, कि किसी भी स्टेट मेडिकल कालेज में इस तरह से सर्जरी कर मरीज को बचाने का यह पहला मामला है.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.संजय काला ने बताया, कि पिछले कुछ सालों में फेफड़े के कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज करने के लिए सीना चीरना पड़ता था. ऑपरेशन के दौरान आधे मरीज दम तोड़ देते थे. लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है. अब मरीज को सर्जरी के कुछ घंटों बाद ही खाना पीना दे दिया जाता है.
बांदा से आई इस महिला मरीज को दूरबीन विधि से सर्जरी की गई. ऑपरेशन के कुछ घंटों बाद ही उसको आराम मिल गया. जबकि पिछले एक साल से वह खून वाली खांसी से पीड़ित थी. उसकी रिपोर्ट जब देखी गईं थीं, तो उसका दिल और फेफड़े चिपक गए थे. उसे छाती में दर्द रहता था. लगातार खून आता था, एक साल पहले टीबी भी हो चुका था. लेकिन, अब सर्जरी के बाद से महिला पूरी तरह से ठीक हो गई है.
प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया, कि महिला मरीज की सर्जरी एलएलआर अस्पताल में बिना कोई शुल्क लिए की गई. जबकि अगर महिला मरीज की यही सर्जरी निजी अस्पताल में होती तो परिजनों को 10 से 20 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ जाते.